पहलगाम हमले की शिकार शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का किया विरोध, ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए सवाल। 

Kanpur News: कानपुर की रहने वाली ऐशान्या द्विवेदी, जिनके पति शुभम द्विवेदी 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए थे, ने....

Jul 29, 2025 - 14:26
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पहलगाम हमले की शिकार शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का किया विरोध, ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए सवाल। 
पहलगाम हमले की शिकार शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का किया विरोध, ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए सवाल। 

कानपुर की रहने वाली ऐशान्या द्विवेदी, जिनके पति शुभम द्विवेदी 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए थे, ने भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित क्रिकेट मैच का कड़ा विरोध किया है। 28 जुलाई 2025 को उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, तब पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना गलत है। ऐशान्या ने सवाल उठाया, "क्या तीन महीने में देश उस भयानक हमले को भूल गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे?" उनकी यह टिप्पणी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच की सहमति के बाद आई है।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में बैंसरण घाटी में आतंकवादियों ने एक भयानक हमला किया। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। हमला पर्यटकों पर लक्षित था, और आतंकियों ने कथित तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाया। शुभम द्विवेदी, 31 वर्षीय कानपुर के व्यवसायी, अपनी पत्नी ऐशान्या और परिवार के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम गए थे। वे 12 फरवरी 2025 को शादी के बाद अपनी पहली छुट्टी पर थे।

ऐशान्या ने बताया कि आतंकियों ने उनसे और उनके पति से उनकी धार्मिक पहचान पूछी। जब शुभम ने कहा, "हम हिंदू हैं," तो आतंकी ने तुरंत उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। ऐशान्या ने कहा, "उन्होंने मेरे पति को मेरे सामने गोली मारी। अगर वह जख्मी भी होते, तो मुझे 'आई लव यू' जरूर कहते, लेकिन सब कुछ एक पल में खत्म हो गया।" इस हमले को कश्मीर में हाल के वर्षों में सबसे भयावह हमलों में से एक माना गया, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।

हमले की जिम्मेदारी पहले द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक संगठन ने ली, लेकिन बाद में उन्होंने इससे इनकार कर दिया, यह दावा करते हुए कि उनका टेलीग्राम अकाउंट हैक किया गया था। भारत सरकार ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन को जिम्मेदार ठहराया।

  • ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम हमले के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की प्रतिबद्धता का हिस्सा थी। इस ऑपरेशन में कथित तौर पर 100 आतंकवादी मारे गए। ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' इसलिए रखा गया, क्योंकि यह हमला उन महिलाओं के सम्मान में था, जिनके पति इस हमले में मारे गए थे।

ऐशान्या ने इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा, "जब मुझे ऑपरेशन सिंदूर का नाम पता चला, तो मैं रो पड़ी। यह मेरे जैसे उन लोगों के लिए व्यक्तिगत सम्मान की तरह था, जिनके पति आतंकियों ने छीन लिए।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सशस्त्र बलों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह उनके पति के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।

हालांकि, इस ऑपरेशन ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया। पाकिस्तान ने इन हमलों को "अकारण हमला" बताया और दावा किया कि इसमें 31 नागरिक मारे गए। भारत ने जवाब में कहा कि उसने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन के बाद भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया, भारत-पाकिस्तान सीमा पर अटारी चेकपोस्ट बंद कर दी, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिए।

  • भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर विवाद

28 जुलाई 2025 को बीसीसीआई ने घोषणा की कि भारत एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैच खेलेगा। इस खबर ने पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवारों, विशेष रूप से ऐशान्या द्विवेदी, में आक्रोश पैदा किया। ऐशान्या ने कहा, "यह शर्मनाक है कि इतनी जल्दी लोग पहलगाम हमले को भूल गए। एक तरफ ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, और दूसरी तरफ हम उस देश के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं, जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है। यह गलत है।"

उन्होंने से कहा, "पाकिस्तान से बातचीत के लायक भी नहीं है, फिर क्रिकेट खेलना तो बहुत गलत है।" ऐशान्या ने इस मैच का बहिष्कार करने की घोषणा की और कहा कि वह अपने पति की याद में और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए ऐसा कर रही हैं। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने उनके इस रुख का समर्थन किया, और #BoycottAsiaCup ट्रेंड करने लगा।

  • शहीद का दर्जा देने की मांग

ऐशान्या ने पहलगाम हमले के सभी 26 पीड़ितों के लिए शहीद का दर्जा देने की मांग की है। 28 जुलाई 2025 को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, "शुभम ने अपनी जान देश के लिए दी। उन्हें और अन्य पीड़ितों को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले में आतंकियों ने किसी का जाति या राजनीतिक दल नहीं पूछा, वे केवल भारतीयों को निशाना बनाना चाहते थे।

उन्होंने पीटीआई से कहा, "मैं केवल 27 या 28 साल की हूं। मुझे नहीं पता कि लोग मुझसे क्या उम्मीद करते हैं, लेकिन मैं जानती हूं कि मैं इस देश की बेटी हूं, और शुभम इस मिट्टी का बेटा था। अगर देश अपने नागरिकों के साथ खड़ा है, तो अब यह दिखाने का समय है।" ऐशान्या ने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति और पीड़ित परिवारों के लिए समर्थन की मांग की।

ऐशान्या की टिप्पणियों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। कुछ विपक्षी नेताओं, जैसे पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम, ने ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाए और कहा कि यह साबित नहीं हुआ कि हमलावर पाकिस्तान से थे। ऐशान्या ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, "ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सेना सीमा पर लड़ रही है, और हमें उनकी कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 22 मिनट में पूरा हुआ और इसके राजनीतिक-सैन्य उद्देश्य हासिल कर लिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर से कोई हरकत की, तो यह ऑपरेशन फिर शुरू हो सकता है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और कांग्रेस नेता अजय राय ने शुभम के परिवार से मुलाकात की और उनकी मांगों का समर्थन किया।

पहलगाम हमले और ऐशान्या की मांगों ने देश में आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहस को फिर से जगा दिया है। सोशल मीडिया पर #BoycottAsiaCup और #OperationSindoor जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोगों ने ऐशान्या के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट जैसे सामान्य संबंध तब तक नहीं रखने चाहिए, जब तक वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।

हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि क्रिकेट जैसे खेल आतंकवाद से अलग हैं और इनका बहिष्कार करने से कोई समाधान नहीं निकलेगा। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, "खेल और आतंकवाद को जोड़ना ठीक नहीं है। क्रिकेट लोगों को जोड़ता है, और हमें इसे अलग रखना चाहिए।" फिर भी, ऐशान्या की भावनात्मक अपील ने जनता का ध्यान खींचा है, और उनके दर्द ने कई लोगों को प्रभावित किया है।

ऐशान्या द्विवेदी की भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के खिलाफ अपील और शहीद दर्जे की मांग ने पहलगाम हमले को फिर से चर्चा में ला दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया, लेकिन ऐशान्या का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है।

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