गीत - बन गये अटल ऐसी मिसाल, स्तम्भित देखे उन्हें काल।
थे शान्त धीर कवि ह्रदय किन्तु दिखते थे वे अरि को कराल ! था नीर क्षीर का सद् विवेक
मनोहर चौबे "आकाश"
अटल
बन गये अटल ऐसी मिसाल
स्तम्भित देखे उन्हें काल !
ऊॅंचा भारति का किया भाल
यह देश हुआ उनसे निहाल !!
परमाणु परीक्षण किया और
भारत रक्षा का बुना जाल !
अपने पौरुष से करी शान्त
आगत में उठती कठिन ज्वाल !!
बान्धित कर स्वर्ण चतुर्भुज को
ऐसा कुछ कर डाला कमाल !
जैसे अपने हाथों बान्धा
भारत का यह भूतल विशाल !!
थे शान्त धीर कवि ह्रदय किन्तु
दिखते थे वे अरि को कराल !
था नीर क्षीर का सद् विवेक
थे मानस के वे शुभ मराल !!
था काटा अपने निर्णय से
हर राजनीति का मकड़जाल !
उनकी अंजलि में समा गये
कितने ही छोटे नदी ताल !!
जग ने देखी शीतल करती
उसकी मृदु स्मित हर उबाल !
बातों के जादू मंत्रों से
हर उथल पुथल होती बहाल !!
गौरव मण्डित है अस्ताचल
सूरज देखे मुख किये लाल !
होता प्रणम्य भारत जन जन
उद्वेलित निज लहरें उछाल !!
अवगत थे उनका मानस सुत
आ कर भारत लेगा संभाल !
सम्भावित जग संघर्षों से
निश्चय आगे लेगा निकाल !!
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