हरदोई: छीपीटोला प्राथमिक विद्यालय में इंटरलॉकिंग ईंटों के मामले में अरुण गुप्ता की अपील, जांच की मांग

अरुण गुप्ता ने अपने पत्र में बताया कि प्राथमिक विद्यालय छीपीटोला की जमीन उनके दादा रामचंद्र वैश्य ने उनके परदादा रामभरोसे वैश्य और दादा द्वारिका प्रसाद वैश्य की स्मृति में निःशुल्क...

Jul 3, 2025 - 22:07
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हरदोई: छीपीटोला प्राथमिक विद्यालय में इंटरलॉकिंग ईंटों के मामले में अरुण गुप्ता की अपील, जांच की मांग

By INA News Hardoi.

हरदोई : हरदोई जिले के पिहानी कस्बे में स्थित प्राथमिक विद्यालय छीपीटोला में इंटरलॉकिंग ईंटों को उखाड़ने और नई इंटरलॉकिंग लगाने के मामले ने विवाद का रूप ले लिया है। इस मामले में अरुण गुप्ता, जो भाजपा युवा मोर्चा के पिहानी नगर अध्यक्ष और वार्ड नंबर 01 भाटनटोला पूर्वी की सभासद रेनू गुप्ता के भतीजे हैं, ने जिलाधिकारी अनुनय झा को एक पत्र लिखकर स्पष्टीकरण दिया और मामले की पुनः जांच की मांग की। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल खबरों और स्थानीय शिकायतों के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने कार्रवाई की, जिसमें स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित किया गया और अरुण गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

अरुण गुप्ता का पक्ष

अरुण गुप्ता ने अपने पत्र में बताया कि प्राथमिक विद्यालय छीपीटोला की जमीन उनके दादा रामचंद्र वैश्य ने उनके परदादा रामभरोसे वैश्य और दादा द्वारिका प्रसाद वैश्य की स्मृति में निःशुल्क शिक्षा के लिए दान दी थी। इस विद्यालय में 2012 में लगाई गई इंटरलॉकिंग ईंटें समय के साथ खराब हो गई थीं, जिनमें कई जगह गड्ढे बन गए थे और बच्चे चोटिल हो रहे थे। अरुण गुप्ता ने दावा किया कि उन्होंने इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक से बात की थी। प्रधानाध्यापक ने 23 जनवरी 2025 को नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखकर नई रंगीन इंटरलॉकिंग ईंटें लगाने की मांग की थी, लेकिन नगर पालिका ने कोई कार्रवाई नहीं की।इसके बाद, अरुण गुप्ता ने 26 जून 2025 को पुरानी और खराब इंटरलॉकिंग ईंटों को उखड़वाकर एक मंदिर के महंत को गौशाला की कच्ची जमीन पर बिछाने के लिए निःशुल्क दान दे दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने परदादा रामभरोसे वैश्य की स्मृति में अपने निजी खर्चे से नई रंगीन इंटरलॉकिंग ईंटें लगवाने की योजना बना रहे हैं, जिसका ऑर्डर 7 या 8 जुलाई तक विद्यालय में पहुंच जाएगा। अरुण गुप्ता ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड के पूर्व सभासद संजीव शर्मा ने चुनावी रंजिश के चलते उनके खिलाफ नगर पालिका और बेसिक शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर बीएसए ने जांच की और उनके खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा 316(2) बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज कराई।

प्रधानाध्यापक का पत्र

प्राथमिक विद्यालय छीपीटोला के प्रधानाध्यापक ने 23 जनवरी 2025 को नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि विद्यालय परिसर में लगी इंटरलॉकिंग ईंटें पुरानी और खराब हो चुकी हैं। कई जगह ईंटें टूट गई हैं या जमीन में धंस गई हैं, जिससे बच्चों को असुविधा हो रही है। उन्होंने अधिशासी अधिकारी से अनुरोध किया था कि विद्यालय में नई रंगीन इंटरलॉकिंग का कार्य कराया जाए।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब पूर्व सभासद संजीव शर्मा ने आरोप लगाया कि अरुण गुप्ता ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर स्कूल की लगभग 6,000 इंटरलॉकिंग ईंटें उखड़वाकर अपने किसी करीबी को दे दीं। इस शिकायत के बाद सोशल मीडिया पर मामला वायरल हो गया, जिसके चलते बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) वीपी सिंह और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) 2 जुलाई 2025 को विद्यालय पहुंचे। जांच के दौरान स्कूल समय से पहले बंद पाया गया, और प्रधानाध्यापक राजीव त्रिपाठी ने इस मामले की कोई सूचना नहीं दी थी। इससे नाराज होकर बीएसए ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया और बीईओ को अरुण गुप्ता के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अमित कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक विद्यालय छीपीटोला में कोई निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं हुआ था, न ही कोई टेंडर या स्टीमेट तैयार किया गया था। इस आधार पर अरुण गुप्ता का पुरानी ईंटें उखड़वाना अवैध माना गया।

अरुण गुप्ता की अपील

अरुण गुप्ता ने अपने पत्र में दावा किया कि उनकी मंशा विद्यालय को बेहतर बनाने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की थी। उन्होंने कहा कि पुरानी ईंटें खराब होने के कारण हटाई गई थीं, और नई इंटरलॉकिंग उनके निजी खर्चे पर लगाई जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी संजीव शर्मा ने चुनावी रंजिश के कारण उन्हें बदनाम करने के लिए शिकायत की और अधिकारियों को गुमराह किया। अरुण गुप्ता ने जिलाधिकारी से इस मामले की पुनः जांच की मांग की है ताकि सत्य सामने आ सके।

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