Hardoi : हरदोई में निःशुल्क दलहन बीज मिनीकिट के लिए किसानों का ई-लाटरी से चयन, चना मटर मसूर के पैकेटों का वितरण होगा

उप कृषि निदेशक सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि जनपद में चना के लिए 50 पैकेट, मटर के लिए 100 पैकेट तथा मसूर के लिए 650 पैकेट का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। इन पैके

Oct 3, 2025 - 23:38
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Hardoi : हरदोई में निःशुल्क दलहन बीज मिनीकिट के लिए किसानों का ई-लाटरी से चयन, चना मटर मसूर के पैकेटों का वितरण होगा
हरदोई में निःशुल्क दलहन बीज मिनीकिट के लिए किसानों का ई-लाटरी से चयन, चना मटर मसूर के पैकेटों का वितरण होगा

हरदोई। रबी वर्ष 2025-26 के लिए निःशुल्क दलहन बीज मिनीकिट वितरण एवं प्रसार कार्यक्रम के तहत चना, मटर तथा मसूर के बीज बुकिंग करने वाले किसानों का चयन ई-लाटरी के माध्यम से किया गया। यह चयन विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा की अध्यक्षता वाली जनपद स्तरीय कार्यकारी समिति ने किया। समिति में उप कृषि निदेशक सतीश कुमार पाण्डेय सदस्य सचिव, जिला कृषि अधिकारी सतीश चन्द्र पाठक, जिला कृषि रक्षा अधिकारी इन्द्रजीत यादव, कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. अवधेश कुमार तिवारी तथा प्रगतिशील किसान धर्मेन्द्र सिंह सदस्य थे। यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई, क्योंकि कई विकास खंडों में लक्ष्य से अधिक बुकिंग हुई थी।

उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है। दलहन फसलों जैसे चना, मटर तथा मसूर की खेती से किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं, क्योंकि ये फसलें कम पानी में उगाई जा सकती हैं और बाजार में इनकी मांग हमेशा बनी रहती है। योजना के तहत चयनित किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज मुफ्त मिलेंगे, जो उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेंगे। एक किसान को केवल एक ही फसल का मिनीकिट मिलेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें। चयनित किसान राजकीय कृषि बीज भंडारों से पॉस मशीन के माध्यम से बीज प्राप्त करेंगे। यदि चयन न होने पर किसान 50 प्रतिशत सब्सिडी पर बीज खरीद सकते हैं।

उप कृषि निदेशक सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि जनपद में चना के लिए 50 पैकेट, मटर के लिए 100 पैकेट तथा मसूर के लिए 650 पैकेट का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। इन पैकेटों को विकास खंडवार आवंटित किया गया। लक्ष्य से अधिक बुकिंग वाले खंडों में ई-लाटरी से चयन किया गया, जो पूरी तरह पारदर्शी रहा। ई-लाटरी प्रणाली से किसानों का विश्वास बढ़ा है, क्योंकि पहले पारंपरिक तरीके से चयन पर सवाल उठते थे। पाण्डेय ने कहा कि यह योजना राष्ट्रीय दलहन मिशन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2030-31 तक दलहन उत्पादन को 350 लाख टन तक पहुंचाना है। हरदोई जैसे जिलों में दलहन की खेती से मिट्टी की उर्वरता भी सुधरेगी।ई-लाटरी में चयनित किसानों में संतोष कुमार सिंह, अम्बेडकर तथा दिलीप कुमार विकास खंड बावन के मसूर के लिए, मुन्ना लाल विकास खंड मल्लावां के चना के लिए, विनोद कुमार विकास खंड बावन के चना के लिए, शिशुपाल शर्मा विकास खंड के चना के लिए, शिवराज तथा रावेन्द्र कुमार वर्मा विकास खंड के मसूर के लिए शामिल हैं। चयन का संदेश उनके मोबाइल पर आने पर सभी के चेहरों पर खुशी साफ दिखी। संतोष कुमार सिंह ने कहा कि यह बीज समय पर मिलने से उनकी फसल अच्छी होगी और लागत कम आएगी। अम्बेडकर ने ई-लाटरी प्रक्रिया की सराहना की, क्योंकि इससे भेदभाव की गुंजाइश नहीं रहती। मुन्ना लाल ने बताया कि मसूर की खेती से पिछले वर्ष अच्छा लाभ हुआ था, और अब मुफ्त बीज से और फायदा होगा।

यह योजना किसानों को ऑनलाइन पोर्टल agridarshan.up.gov.in पर बुकिंग करने का मौका देती है। आवेदन के लिए किसान का कृषि योग्य भूमि होना जरूरी है। 25 सितंबर तक बुकिंग की अवधि थी, और अधिक आवेदनों पर ई-लाटरी का सहारा लिया गया। योजना से किसानों को न केवल बीज मिलते हैं, बल्कि कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण भी प्राप्त होता है। हरदोई में पिछले वर्षों में इस योजना से हजारों किसानों को लाभ हुआ, जिससे दलहन उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई। मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा ने कहा कि चयनित किसान समय पर बीज लें और बुवाई करें, ताकि रबी सीजन का पूरा लाभ मिले।

हरदोई जिले में दलहन फसलों का क्षेत्रफल बढ़ रहा है, लेकिन बीज की कमी एक समस्या थी। इस योजना से छोटे तथा सीमांत किसानों को प्राथमिकता मिल रही है। जिला कृषि अधिकारी सतीश चन्द्र पाठक ने बताया कि मिनीकिट में प्रति पैकेट 8 से 20 किलोग्राम तक बीज होता है, जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है। बीज उच्च उपज वाली किस्मों के होते हैं, जो रोग प्रतिरोधी भी हैं। कृषि रक्षा अधिकारी इन्द्रजीत यादव ने किसानों को सलाह दी कि बीज बोने से पहले खेत की जुताई अच्छी करें और उर्वरक का सही उपयोग करें। डॉ. अवधेश कुमार तिवारी ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र से किसानों को मसूर तथा चना की उन्नत किस्मों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रगतिशील किसान धर्मेन्द्र सिंह ने समिति में अपनी सलाह दी कि चयनित किसान बीज प्रदर्शन करें, ताकि अन्य किसान भी लाभान्वित हों। ई-लाटरी प्रक्रिया से न केवल पारदर्शिता आई, बल्कि किसानों में उत्साह भी बढ़ा। जिले के अन्य विकास खंडों जैसे टोडरपुर, शाहाबाद तथा पिहानी में भी इसी तरह चयन हुआ। योजना से किसानों की आय में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। सतीश कुमार पाण्डेय ने अपील की कि चयन न होने वाले किसान भी सब्सिडी पर बीज लें और विभाग से संपर्क करें।

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