Hardoi : हरदोई में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के लिए जिला टास्क फोर्स की दूसरी बैठक, दस्तक अभियान पर विशेष जोर
जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में हुई इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अनुनय झा ने की। उन्होंने कहा कि पाली में सभासदों की संवेदीकरण बैठक में उपस्थिति कम थी,
हरदोई। संचारी रोगों से बचाव और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाए जाने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर जिला टास्क फोर्स की दूसरी बैठक आयोजित हुई। यह अभियान पांच से 31 अक्टूबर तक चलेगा। बैठक में अभियान की तैयारियों की समीक्षा की गई और विभिन्न स्तरों पर समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए। जिला प्रशासन ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को सक्रिय रहने का आदेश दिया है, ताकि मच्छर जनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जलजनित बीमारियों को रोका जा सके।
जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में हुई इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अनुनय झा ने की। उन्होंने कहा कि पाली में सभासदों की संवेदीकरण बैठक में उपस्थिति कम थी, इसलिए अगले दिन दोबारा बैठक कर सभी को शामिल किया जाए। इसी तरह बावन और अहिरोरी में ग्राम प्रधानों की उपस्थिति कम होने पर वहां भी संवेदीकरण बैठक दोबारा आयोजित की जाए। अनुनय झा ने जोर दिया कि पूरे अभियान के दौरान सभी नगर निकायों में वार्डवार रोजाना फागिंग की जाए। फागिंग से मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सकेगा, जो रोगों को फैलने से रोकेगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए और आवश्यक दवाओं का भंडारण सुनिश्चित किया जाए।
अभियान के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में 11 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। दस्तक अभियान का मतलब है घर-घर जाकर जागरूकता फैलाना। इसके तहत स्वास्थ्य शिक्षा और व्यवहार परिवर्तन के संदेश हर गांव के हर घर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को बताएंगी कि संचारी रोगों से बचाव के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं। उदाहरण के लिए, पानी जमा न होने देना, मच्छरदानी का उपयोग, स्वच्छता बनाए रखना और दूषित पानी न पीना जैसे उपायों पर जोर दिया जाएगा। अभियान में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं जैसे आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम, शिक्षकों, ग्राम प्रधानों, पंचायत सदस्यों और ग्राम विकास अधिकारियों की भूमिका अहम होगी।
बैठक में विशेष रूप से बुखार के मरीजों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर तुरंत और सही इलाज उपलब्ध कराने पर बल दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी मरीज को इलाज में देरी न हो, क्योंकि समय पर उपचार से जटिलताएं टाली जा सकती हैं। दस्तक अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार, इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले मरीजों, टीबी, फाइलेरिया, काला आजार और कुष्ठ रोग के संदिग्धों की सूची तैयार करेंगी। इनकी पूरी जानकारी जैसे नाम, पता और मोबाइल नंबर ई-कवच पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इससे स्वास्थ्य विभाग को रोगों की निगरानी और नियंत्रण में आसानी होगी। ई-कवच एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो संचारी रोगों की रिपोर्टिंग और ट्रैकिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, कार्यकर्ताओं को लोगों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी के बारे में बताने और बनाने के निर्देश दिए गए। आभा आईडी एक डिजिटल स्वास्थ्य आईडी है, जो मरीजों को विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ती है। इससे मरीजों को मुफ्त इलाज, जांच और दवाओं की सुविधा मिलती है। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस आईडी का प्रचार-प्रसार हो, ताकि जरूरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें। आभा योजना के तहत अब तक करोड़ों लोगों को पंजीकृत किया जा चुका है, लेकिन जागरूकता की कमी से कई पात्र लाभार्थी वंचित रह जाते हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवनाथ पांडे, नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी जीतेंद्र कुमार, सभी सीएचसी के अधीक्षक तथा सहयोगी विभागों और संस्थाओं के जिला स्तरीय प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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