हरदोई: भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए- डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री
डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री द्वारा कथा में प्रवचन किया जा रहा है। जिसमें अनुसुइया ध्रुव एवं प्रहलाद चरित्र की कथा पर प्रकाश डाला गया। जिसका सैकड़ों की संख्या में पहुंचे भक्तो ने रसपान किया है। मुख्य यजमान राजीव मिश्र एडवोकेट व प्रिया ..
By INA News Hardoi.
भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है, उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। मंगलवार को कथा वाचक डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री ने ध्रुव चरित्र एवं प्रहलाद चरित्र का संगीतमय वर्णन किया। कथा सुन श्रोता भावविभोर हो गए। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का कार्यक्रम कृष्ण प्रिया भवन में चल रहा है।
जहां डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री द्वारा कथा में प्रवचन किया जा रहा है। जिसमें अनुसुइया ध्रुव एवं प्रहलाद चरित्र की कथा पर प्रकाश डाला गया। जिसका सैकड़ों की संख्या में पहुंचे भक्तो ने रसपान किया है। मुख्य यजमान राजीव मिश्र एडवोकेट व प्रिया मिश्रा ने सभी से कथा में शामिल होने की अपील की है। शहर कोतवाली के पास कृष्ण प्रिया भवन में धूमधाम से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
तीसरे दिन अनुसुइया ध्रुव एवं प्रहलाद चरित्र की कथा को सुनाया गया। कथा वाचक ने भक्त ध्रुव की कथा सुनाते हुए बताया कि शास्त्री जी ने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है, उसी के अनुरूप उसे मृत्यु मिलती है। भगवान ध्रुव के सत्कर्मों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव की साधना, उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरूप ही उन्हें बैकुंठ लोक प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि संसार में जब-जब पाप बढ़ता है, भगवान धरती पर किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं। कलयुग में भी मनुष्य सतयुग में भगवान कृष्ण के सिखाए मार्ग का अनुसरण करे तो मनुष्य का जीवन सफल हो सकता है। पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है।
मुख्य यजमान डॉ.अरुण कुमार मिश्र व डॉ. शिक्षा मिश्रा और राजीव मिश्र व प्रिया मिश्रा ने बताया कि कल बुधवार को बावन अवतार राम एवं कृष्ण जन्म की कथा को सुनाया जायेगा। जिसमें ज्यादा से ज्यादा भक्तगण शामिल होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें। श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य रूप से राहुल सिंह, अशोक मिश्रा, आनंद मिश्रा, रजनीश पांडेय, श्याम बिहारी मिश्रा, कौशल कुमार सिंह,जगदीश पांडे,सत्येंद्र त्रिपाठी आदि भक्तगण मौजूद रहे।
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