Hardoi : अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर हरदोई में तीन दिवसीय स्वयंसेवा कार्यक्रम, गांधी जयंती पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन
मेरा युवा भारत एक राष्ट्रीय स्तर का युवा सशक्तिकरण मंच है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर की थी। यह संगठन युवाओं को राष्ट्र
हरदोई। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर मेरा युवा भारत संगठन के तहत जिले में तीन दिवसीय स्वयंसेवा कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में युवा मंडल के सदस्यों ने अपने क्षेत्रों में बुजुर्गों से बातचीत की और उन्हें वृद्धावस्था में योग तथा व्यायाम करने में मदद का वादा किया। साथ ही, उन्होंने बुजुर्गों को रोजमर्रा के डिजिटल उपकरण जैसे मोबाइल फोन और ऑनलाइन भुगतान का इस्तेमाल सिखाया। यह कार्यक्रम बुजुर्गों को सक्रिय रखने और आधुनिक तकनीक से जोड़ने का प्रयास था, जो संगठन के युवा सशक्तिकरण के लक्ष्य से जुड़ा है।
मेरा युवा भारत एक राष्ट्रीय स्तर का युवा सशक्तिकरण मंच है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर की थी। यह संगठन युवाओं को राष्ट्र निर्माण में भागीदारी के अवसर प्रदान करता है। हरदोई में इसकी गतिविधियां स्थानीय युवा मंडलों के माध्यम से चलाई जाती हैं, जो सामाजिक सेवा पर जोर देते हैं। तीन दिवसीय कार्यक्रम में युवा सदस्यों ने विभिन्न गांवों और मोहल्लों में जाकर बुजुर्गों के साथ समय बिताया। उन्होंने योग सत्र आयोजित किए, जहां बुजुर्गों को सरल आसन सिखाए गए, जो जोड़ों की मजबूती और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं। एक युवा सदस्य ने बताया कि बुजुर्गों को मोबाइल पर वीडियो कॉल और यूपीआई भुगतान सिखाने से वे परिवार से जुड़े रहते हैं और बाजार जाने की जरूरत कम पड़ती है।
कार्यक्रम का समापन गांधी जयंती तथा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर खिम्मापुरवा और साण्डी के युवा मंडलों के संयोजन से जनता इंटर कॉलेज, तेरापुरसोली में विचार गोष्ठी के साथ हुआ। इस गोष्ठी में बुजुर्गों और युवाओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण किया। गांधी जयंती हर साल दो अक्टूबर को मनाई जाती है, जो गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को याद दिलाती है। संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में इसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया, ताकि दुनिया भर में शांति और संघर्ष-रहित समाधान को बढ़ावा मिले। गोष्ठी में अवधेश तिवारी और वीरेंद्र मिश्रा जैसे वक्ताओं ने गांधी तथा शास्त्री के जीवन और कार्यों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि गांधी का अहिंसा का मार्ग आज भी पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के लिए प्रासंगिक है, जबकि शास्त्री का जय जवान जय किसान नारा ग्रामीण विकास का आधार बना।
जिला युवा अधिकारी प्रतिमा वर्मा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर मेरा युवा भारत कार्यालय में भी एक अलग विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें युवाओं को गांधी के सत्याग्रह और स्वदेशी आंदोलन के बारे में जानकारी दी गई। वर्मा ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं को इतिहास से जोड़ते हैं और उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी सिखाते हैं। गोष्ठी में गंगा योद्धा तथा युवा मंडल अध्यक्ष कैलाश चंद्र ने मुख्य संबोधन दिया। उन्होंने युवाओं को परिवार और गांव के बुजुर्गों का सम्मान करने, उनकी मदद करने तथा उनके जीवन के अनुभवों से सीखने के लिए प्रेरित किया। कैलाश चंद्र ने कहा कि बुजुर्गों के पास अनमोल कहानियां हैं, जो युवाओं को नैतिक मूल्य सिखाती हैं।
गोष्ठी में युवा मंडल सदस्य जितेंद्र कुमार वर्मा, सुबी, अर्चना, दिव्यांशी तथा नेहा ने बुजुर्गों से उनके मूल्यवान अनुभव सुने। बुजुर्गों ने स्वतंत्रता संग्राम की यादें साझा कीं, जैसे गांधी के सत्याग्रह में भागीदारी या शास्त्री के समय की कठिनाइयां। एक बुजुर्ग ने बताया कि आज के युवा तकनीक से तेज हैं, लेकिन बुजुर्गों का साथ मिलने से जीवन सार्थक होता है। युवाओं ने इन बातों को नोट किया और भविष्य में इन्हें गांव स्तर पर साझा करने का फैसला किया।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों और बुजुर्गों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। युवाओं ने बुजुर्गों के प्रति सेवा भाव रखने का संकल्प लिया। स्मृति चिन्ह में गांधी तथा शास्त्री की छोटी तस्वीरें और योग संबंधी पुस्तिकाएं शामिल थीं। यह संकल्प मेरा युवा भारत के मूल सिद्धांतों से जुड़ा था, जो पीढ़ीगत संवाद को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिनमें युवा, बुजुर्ग और स्थानीय अधिकारी थे।
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