Ayodhya News: कैसरगंज सांसद ने अयोध्या जिला चिकित्सालय अधीक्षक पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, हटाने और जांच की मांग।
गोण्डा जिले की कैसरगंज लोक सभा से सांसद करण भूषण सिंह ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश लखनऊ...
अयोध्या। गोण्डा जिले की कैसरगंज लोक सभा से सांसद करण भूषण सिंह ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश लखनऊ को पत्र भेज कर जिला चिकित्सालय अयोध्या में 16 वर्ष से जमे चिकित्सा अधीक्षक डा. विपिन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
सांसद ने अपने पत्र में चिकित्सा अधीक्षक पर करोड़ों रुपए के धोटाले का आरोप लगाते हुए शासन से चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सांसद ने भेजे गए पत्र में कहा है कि डा विपिन वर्मा जिला चिकित्सालय अयोध्या में लगभग 16 वर्ष से जमे हैं। कार्यवाहक अधीक्षक रहते हुए डा. वर्मा ने दवा व सामानों की खरीद में लाखों रुपए की हेराफेरी की है। इसके अलावा कर्मचारियों के देयक में भी कमीशनबाजी करते हैं।अस्पताल में आक्सीजन प्लांट होने के बावजूद बाजार से आक्सीजन की खरीद कराते हैं। भ्रष्टाचार में संविदा का कम्प्यूटर आपरेटर अखिलेश सिंह, फार्मासिस्ट संजय गुप्ता व हनुमंत दूबे डा. विपिन वर्मा का सहयोग करते हैं।
सांसद ने प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र में यह भी कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त चिकित्सक, संविदा के डाटा आपरेटर व दोनों फार्मासिस्टों को जिला अस्पताल से हटाकर उनके खिलाफ जांच कराई जाए।
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- हटाए गए जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. विपिन वर्मा
अयोध्या। जिला चिकित्सालय अयोध्या के चिकित्सा अधीक्षक डा. विपिन वर्मा को अधीक्षक पद से हटा दिया गया है। अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा एपी भार्गव ने जिला चिकित्सालय में तैनात लेबल तीन के चिकित्सक डा अजय कुमार चौधरी को नया चिकित्सा अधीक्षक नियुक्त किया है। डा अजय चौधरी वरिष्ठता क्रम में सीनियर हैं। इसके अलावा डा विपिन वर्मा काफी लम्बे समय से जिला अस्पताल में मलाईदार पद पर जमें हैं। उनपर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। हालांकि किसी भी आरोप में अब तक उनके खिलाफ जांच नहीं हुई है। अपर निदेशक भले ही डा. विपिन वर्मा को पद से हटाए जाने को प्रशासनिक स्तर पर कार्यक्षेत्र परिवर्तन बता रहे हैं, किन्तु यह माना जा रहा है कि गोण्डा की कैसरगंज लोकसभा से सांसद करण भूषण सिंह के प्रमुख सचिव को लिखे गए पत्र के बाद यह कार्रवाई हुई है।
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