Lucknow : अयोध्या महायोजना 2031 की समीक्षा- मुख्यमंत्री योगी बोले, भव्यता, आस्था और आधुनिकता का संतुलित मॉडल बने अयोध्या
अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में बांटा गया है। 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर योजना बनी है। इसमें 52.56 प्रतिशत भू
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या महायोजना 2031 की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता का संतुलित रूप हो। महायोजना का लक्ष्य अयोध्या को सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सतत विकास के साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाना है। विकास कार्यों में सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरण संतुलन को प्राथमिकता दें।
अयोध्या विजन 2047 के तहत शहर को वैश्विक आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी, उत्सव नगरी, तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, विविध पर्यटन, ऐतिहासिक सर्किट, हेरिटेज वॉक और हरित एवं सौर ऊर्जा आधारित नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। यह महायोजना अयोध्या के सतत विकास की आधारशिला बनेगी।
अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में बांटा गया है। 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर योजना बनी है। इसमें 52.56 प्रतिशत भूमि आवासीय, 5.11 प्रतिशत वाणिज्यिक, 4.65 प्रतिशत औद्योगिक, 10.28 प्रतिशत सार्वजनिक उपयोग, 12.20 प्रतिशत परिवहन और 14.31 प्रतिशत हरित एवं खुले क्षेत्र के लिए रखी गई है। मुख्यमंत्री ने मिश्रित और औद्योगिक भूमि बढ़ाने तथा पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए।
वर्तमान में अयोध्या की आबादी करीब 11 लाख है। योजना में नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेंपल म्यूजियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल और आधुनिक नागरिक सुविधाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं अयोध्या को स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाएंगी।
अयोध्या में 8594 करोड़ रुपये की 159 परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इनसे स्थानीय युवाओं को रोजगार और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। सड़क, रेल और हवाई संपर्क उत्कृष्ट है। यातायात और आतिथ्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण से तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। लखनऊ, प्रयागराज, गोंडा और अम्बेडकर नगर की ओर बस-ट्रक अड्डे और पार्किंग विकसित होंगी।
मुख्यमंत्री ने सीवरेज ट्रीटमेंट और ठोस कचरा प्रबंधन के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए। नवाचार बढ़ाएं और जहां संभव हो देसी मॉडल अपनाएं। हर परियोजना पर्यावरण अनुकूल हो, सरयू तट और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित करें। अनियोजित प्लाटिंग और बसावट पर रोक लगाएं। सभी विकास कार्य योजना और नियमों के अनुसार हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या भारत की आत्मा का प्रतीक है। इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम बनाएं।
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