Maha Kumbh 2025: विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी लगा चुके है महाकुम्भ (Maha Kumbh) में डुबकी : CM
CM योगी (Yogi) ने कहा कि अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु संगम की त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं और आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा ...

सार-
- प्रयागराज में कांची कामकोटि पीठ द्वारा आयोजित महाकुम्भ (Maha Kumbh) मेला महोत्सव में शामिल हुए CM योगी (Yogi)
- CM ने प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) में शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती का किया स्वागत
- कांची कामकोटि शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने की महाकुम्भ (Maha Kumbh) की व्यवस्थाओं की सराहना
- बोले योगी (Yogi), सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन को प्रण-प्राण से जुटकर बनाएंगे सफल
- कांची कामकोटि का प्रभाव पूरे विश्व में सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करता है : CM योगी (Yogi)
- Maha Kumbh 2025: सरकार और जनता की सहभागिता से आयोजित हुआ इतना बड़ा महाआयोजन : शंकराचार्य
- सनातन संस्कृति ही है विश्व की आदर्श संस्कृति : शंकराचार्य
By INA News Maha Kumbh Nagar.
CM योगी (Yogi) आदित्यनाथ ने रविवार को महाकुम्भ (Maha Kumbh) नगर में पहुंचकर साधु-संतों से भेंट की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) में अब तक विश्व के आधे से अधिक सनातन धर्मावलंबी स्नान कर चुके हैं, जो सनातन संस्कृति की अद्वितीय आस्था और शक्ति को दर्शाता है। CM सबसे पहले विष्णुस्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ पहुंचे, जहां उन्होंने महामंडलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ से भेंट की।इसके बाद वे श्री कांची कामकोटि पीठ के शिविर में पहुंचे और शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने कांची पीठ के पूर्व शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर आरती उतारी। वहीं शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती ने महाकुम्भ (Maha Kumbh) की व्यवस्थाओं के लिए CM की प्रशंसा की और 60 करोड़ से अधिक सनातनियों के महाकुम्भ (Maha Kumbh) में स्नान करने को भी सराहा।
- सनातन धर्म की मजबूती में कांची कामकोटि पीठ की अहम भूमिका: CM योगी (Yogi)
CM योगी (Yogi) ने कांची कामकोटि पीठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस पूज्य पीठ की परंपरा ने सनातन धर्म के जनजागरण और अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।उन्होंने कहा कि जब भी सनातन धर्म के सामने कोई संकट आया, कांची पीठ ने आगे बढ़कर उसका समाधान किया। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन हो या नेपाल संकट, इस पीठ ने सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं।
- 62 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई है महाकुम्भ (Maha Kumbh) में पावन डुबकी
CM योगी (Yogi) ने कहा कि अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु संगम की त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं और आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा मत, मजहब या संप्रदाय नहीं, जहां निश्चित समय पर इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए एकत्र होते हों। महाकुम्भ (Maha Kumbh) सनातन धर्म की दिव्यता और विराटता का प्रतीक है।
- महाकुम्भ (Maha Kumbh) को भव्यता देने के लिए सरकार संकल्पबद्ध
CM योगी (Yogi) ने आश्वस्त किया कि सनातन धर्म और महाकुम्भ (Maha Kumbh) से जुड़े हर आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए उनकी सरकार संकल्पबद्ध है।उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से जुड़े किसी भी आयोजन के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करेंगे, जिससे यह आयोजन सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सके।"
- शंकराचार्य ने की महाकुम्भ (Maha Kumbh) की सराहना
शंकराचार्य शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी ने महाकुम्भ (Maha Kumbh) की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन सरकार और जनता की सहभागिता का अद्भुत उदाहरण है।उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति ही विश्व की आदर्श संस्कृति है और महाकुम्भ (Maha Kumbh) इसका जीवंत प्रमाण है। शंकराचार्य ने CM योगी (Yogi) आदित्यनाथ की इस बात के लिए भी सराहना की कि प्रयागराज के प्राचीन नाम को उन्होंने दोबारा स्थापित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कुम्भ राष्ट्र को दिशा देता है।
चाहे श्रीराम मंदिर के निर्माण का अभियान हो या देश में सनातन धर्म को शक्ति देने वाली सरकार हो, कुम्भ राष्ट्र को मार्ग दिखाता है। शंकराचार्य ने महाकुम्भ (Maha Kumbh) को एकता का कुम्भ बताते हुए इसे अद्वैत कुम्भ कहा।
इस अवसर पर श्री शंकरपुर पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीकृष्णानंद तीर्थ और महामंडलेश्वर संतोषाचार्य जी महाराज ‘सतुआ बाबा’ सहित बड़ी संख्या में संतगण उपस्थित रहे।
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