अजब गजब: सहारनपुर के अस्पताल में बंदर बना ‘डॉक्टर’, दवाइयों की जांच और कुर्सी पर आराम, वायरल वीडियो ने मचाया धमाल। 

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह कस्बे में एक अनोखी और हास्यप्रद घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। 18 जून 2025 को लखनौती....

Jun 20, 2025 - 14:33
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अजब गजब: सहारनपुर के अस्पताल में बंदर बना ‘डॉक्टर’, दवाइयों की जांच और कुर्सी पर आराम, वायरल वीडियो ने मचाया धमाल। 

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह कस्बे में एक अनोखी और हास्यप्रद घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। 18 जून 2025 को लखनौती रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में एक बंदर अचानक डॉक्टर के केबिन में घुस आया और टेबल पर रखी दवाइयों की एक-एक कर जांच करने लगा। इतना ही नहीं, वह डॉक्टर की कुर्सी पर आराम से बैठ गया, मानो वह खुद एक चिकित्सक हो। इस पूरी घटना का वीडियो अस्पताल में मौजूद लोगों ने बनाया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में बंदर की हरकतें देखकर डॉक्टर, मरीज और कर्मचारी हंसते नजर आ रहे हैं। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन का विषय बनी, बल्कि यह मानव और जानवरों के बीच के अनोखे रिश्ते को भी दर्शाती है।

  • बंदर का ‘डॉक्टरी’ अंदाज

18 जून 2025 की दोपहर सहारनपुर के गंगोह कस्बे में लखनौती रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में उस समय हलचल मच गई, जब एक बंदर अचानक डॉक्टर के केबिन में घुस आया। Zee News की रिपोर्ट के अनुसार, बंदर ने पहले तो टेबल पर रखी दवाइयों, इंजेक्शन और अन्य चिकित्सा सामग्री को ध्यान से देखना शुरू किया। वह एक-एक सामान को उठाकर सूंघता और फिर उसे वापस रख देता, मानो वह उनकी गुणवत्ता की जांच कर रहा हो।

इसके बाद बंदर ने डॉक्टर की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया और आराम से बैठ गया। TV9 भारतवर्ष की खबर के अनुसार, बंदर ने कुर्सी पर बैठकर टेबल पर रखे कागजात और अन्य सामान को भी देखा। इस दौरान वहां मौजूद डॉक्टर और मरीज उसकी हरकतों को देखकर हैरान थे, लेकिन जल्द ही उनकी हैरानी हंसी में बदल गई। एक मरीज ने बताया, “पहले तो हम डर गए कि बंदर कुछ बिगाड़ न दे, लेकिन उसका अंदाज इतना मजेदार था कि सब हंसने लगे।”

डॉक्टर ने बंदर को भगाने की बजाय उसे केला देने की कोशिश की, लेकिन बंदर ने केले को नजरअंदाज कर दवाइयों की जांच जारी रखी। यह पूरी घटना वहां मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर ली, और वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। वीडियो में बंदर का आत्मविश्वास और ‘डॉक्टरी’ अंदाज देखकर लोग इसे “हनुमान जी का आशीर्वाद” से लेकर “प्रकृति का मजाक” तक बता रहे हैं।

  • हंसी और आश्चर्य का मिश्रण

गंगोह के स्थानीय लोगों के लिए यह घटना एक मजेदार मनोरंजन बन गई। अस्पताल में मौजूद मरीजों और कर्मचारियों ने इसे एक हल्का-फुल्का पल बताया। एक कर्मचारी ने कहा, “हम दिनभर गंभीर माहौल में काम करते हैं। बंदर की इस हरकत ने हमें कुछ देर के लिए हंसने का मौका दिया।”

कुछ स्थानीय लोगों ने इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी देखा। X पर @RamsharmaGuna ने लिखा, “डॉक्टर के केबिन में आया ‘हनुमान भक्त’ बंदर! केला नहीं, दवाई चेक की… भगवा तौलिए पर बैठकर दिया ‘संकेत’?” कई ग्रामीणों ने इसे हनुमान जी का प्रतीक माना और कहा कि बंदर का अस्पताल में आना शुभ संकेत हो सकता है। एक बुजुर्ग ने कहा, “हनुमान जी हर जगह मौजूद हैं। यह बंदर जरूर कोई संदेश लेकर आया है।”

हालांकि, कुछ लोगों ने इसे मजाक के तौर पर लिया। एक स्थानीय दुकानदार ने हंसते हुए कहा, “लगता है बंदर को डॉक्टर की फीस नहीं देनी थी, इसलिए खुद ही दवाई चेक कर ली!” यह घटना जल्द ही गंगोह के बाजारों और चाय की दुकानों पर चर्चा का विषय बन गई।

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा। X पर कई न्यूज चैनलों और यूजर्स ने इसे शेयर किया। @news24tvchannel ने लिखा, “सहारनपुर: बंदर ने हॉस्पिटल में डॉक्टर की तरह की जांच ◆ वायरल वीडियो में बंदर की हरकतें देखकर सब हंसे ◆ बंदर ने डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर की दवाइयों की जांच।” @TV9Bharatvarsh ने इसे “वायरल वीडियो” बताते हुए लिखा कि बंदर ने डॉक्टर साहब की टेबल पर बैठकर सारे सामान को एक-एक कर चेक किया।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं दो तरह की थीं। कुछ यूजर्स ने इसे मजेदार और मनोरंजक बताया। एक यूजर ने लिखा, “यह बंदर तो डॉक्टरों से ज्यादा गंभीरता से काम कर रहा है!” वहीं, कुछ लोगों ने इसे पर्यावरण और मानव-जानवर टकराव के दृष्टिकोण से देखा। एक यूजर ने ट्वीट किया, “शहरों में बंदरों का इस तरह आना दर्शाता है कि हम उनके प्राकृतिक आवास को नष्ट कर रहे हैं।”

कुछ यूजर्स ने इस घटना का मजाक भी उड़ाया। एक पोस्ट में लिखा गया, “सहारनपुर में बंदर ने MBBS कर लिया! अब प्रिस्क्रिप्शन लिखने की बारी है!” हालांकि, ऐसी टिप्पणियों ने घटना की हल्की-फुल्की प्रकृति को और उजागर किया।

बंदरों का इस तरह का व्यवहार वैज्ञानिक रूप से असामान्य नहीं है। पशु व्यवहार विशेषज्ञों के अनुसार, बंदर अत्यंत बुद्धिमान और जिज्ञासु प्राणी होते हैं। दिल्ली के एक प्राणीशास्त्री डॉ. संजय शर्मा ने न्यूज18 से बातचीत में बताया, “बंदर सामाजिक और जिज्ञासु होते हैं। वे अक्सर नई चीजों को छूकर, सूंघकर या देखकर उनकी जांच करते हैं। अस्पताल में बंदर का दवाइयों को चेक करना उसकी जिज्ञासा का परिणाम हो सकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि बंदर अक्सर मानव व्यवहार की नकल करते हैं। “अगर बंदर ने पहले किसी डॉक्टर को टेबल पर बैठकर काम करते देखा हो, तो वह उसकी नकल कर सकता है। कुर्सी पर बैठना और सामान को देखना इसका उदाहरण हो सकता है।” यह व्यवहार बंदरों की बुद्धिमत्ता और अनुकूलन क्षमता को दर्शाता है।

हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों में बंदरों का प्रवेश स्वच्छता और सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। डॉ. शर्मा ने कहा, “ऐसी जगहों पर बंदरों के प्रवेश को रोकने के लिए उचित उपाय करने चाहिए, जैसे खिड़कियों पर जालियां लगाना।”

यह घटना सहारनपुर जैसे शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में मानव और बंदरों के बीच बढ़ते टकराव को भी उजागर करती है। गंगोह जैसे कस्बों में जंगलों की कटाई और शहरीकरण के कारण बंदर अक्सर मानव बस्तियों में आ जाते हैं। एक स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता ने बताया, “बंदरों का प्राकृतिक आवास सिकुड़ रहा है। भोजन और आश्रय की तलाश में वे घरों, दुकानों और अब अस्पतालों में भी घुस रहे हैं।”

सहारनपुर में पहले भी बंदरों के उत्पात की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 2023 में एक बंदर ने एक स्कूल में घुसकर बच्चों के टिफिन छीन लिए थे, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या का समाधान बंदरों के लिए प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने और शहरी क्षेत्रों में भोजन की उपलब्धता को नियंत्रित करने में है।

अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को हल्के में लिया और इसे एक मजेदार पल बताया। अस्पताल के प्रबंधक ने कहा, “बंदर ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। उसकी हरकतें देखकर सभी हंस रहे थे। हमने बाद में उसे भगाया और केबिन को सैनिटाइज कर दिया।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए खिड़कियों पर जालियां लगाई जाएंगी।

हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। एक मरीज ने कहा, “अगर बंदर इतनी आसानी से केबिन में घुस सकता है, तो स्वच्छता और सुरक्षा का क्या भरोसा?” इस घटना ने अस्पतालों में बुनियादी सुरक्षा उपायों की जरूरत को रेखांकित किया।

यह घटना भारतीय समाज में जानवरों, खासकर बंदरों, के प्रति मिश्रित भावनाओं को दर्शाती है। हिंदू धर्म में बंदरों को हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है, और कई लोग उन्हें पूजते हैं। सहारनपुर जैसे क्षेत्रों में बंदरों को खाना खिलाने की परंपरा आम है, जो उनके शहरी क्षेत्रों में आने का एक कारण भी है।

X पर @WeUttarPradesh ने लिखा, “सहारनपुर के गंगोह कस्बे में उस वक्त दिलचस्प नज़ारा देखने को मिला जब एक बंदर डॉक्टर बन गया!” यह पोस्ट दर्शाती है कि लोग इस घटना को हल्के-फुल्के और मनोरंजक ढंग से देख रहे हैं।

हालांकि, यह घटना यह भी सवाल उठाती है कि क्या हमें बंदरों के साथ सह-अस्तित्व के लिए बेहतर रणनीति अपनानी चाहिए। बंदरों को शहरी क्षेत्रों से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान और पर्यावरण संरक्षण की जरूरत है।

बंदरों के इस तरह के व्यवहार की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। 2022 में दिल्ली के एक सरकारी दफ्तर में एक बंदर ने फाइलें बिखेर दी थीं, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। 2024 में मेरठ के एक मंदिर में एक बंदर ने प्रसाद चुराकर पुजारी की कुर्सी पर बैठने की कोशिश की थी। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि बंदरों की जिज्ञासा और मानव व्यवहार की नकल करने की प्रवृत्ति उन्हें अक्सर चर्चा में लाती है।

सहारनपुर की यह घटना इनमें से सबसे मजेदार मानी जा रही है, क्योंकि इसमें न तो कोई नुकसान हुआ और न ही कोई विवाद। यह एक ऐसा पल था, जिसने लोगों को हंसने और तनाव भूलने का मौका दिया।

सहारनपुर के गंगोह कस्बे में एक बंदर का अस्पताल में घुसकर ‘डॉक्टर’ बनना एक ऐसी घटना है, जो हंसी, आश्चर्य और पर्यावरणीय चिंताओं का मिश्रण है। यह वीडियो भले ही कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने, लेकिन यह हमें मानव और जानवरों के बीच बढ़ते टकराव पर सोचने का मौका देता है।

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