रिकॉर्ड तोड़ शुरुआत- दलाल स्ट्रीट ने सुस्त सुबह को पीछे छोड़कर सेंसेक्स 86,000 पार, निफ्टी 26,300 के ऊपर—जीडीपी चमक और वैश्विक उम्मीदों ने लगाई रफ्तार, दिसंबर की पहली ट्रेडिंग में 300 पॉइंट्स की उछाल
भारतीय शेयर बाजार ने दिसंबर महीने की शुरुआत रिकॉर्ड तोड़ते हुए की, जब सुबह की सुस्ती को मात देकर बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स ने 86,000 अंक
भारतीय शेयर बाजार ने दिसंबर महीने की शुरुआत रिकॉर्ड तोड़ते हुए की, जब सुबह की सुस्ती को मात देकर बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स ने 86,000 अंक की मनमानी सीमा को पार कर लिया। निफ्टी 50 ने भी 26,300 के ऊपर छलांग लगाई, और बैंक निफ्टी ने पहली बार 60,000 का आंकड़ा छुआ। ओपनिंग बेल के समय सेंसेक्स 359 पॉइंट्स ऊपर 86,065.92 पर खुला, जबकि निफ्टी 122 पॉइंट्स की बढ़त के साथ 26,325.80 पर ट्रेडिंग शुरू हुई। यह उछाल जीडीपी ग्रोथ की मजबूत आंकड़ों, विदेशी निवेशकों की खरीदारी और अमेरिकी फेड रेट कट की उम्मीदों से प्रेरित था। हालांकि, दिन चढ़ते ही बाजार में कुछ ठंडक आई, लेकिन समापन तक सेंसेक्स 86,000 से ऊपर ही रहा, बाजार की चौड़ाई में सुधार देखा गया, जहां एडवांस-डिक्लाइन रेशियो 1.2:1 रहा।
सुबह 9:15 बजे ओपनिंग में बाजार ने हल्की गिरावट दिखाई, लेकिन 9:30 बजे तक रिकवरी शुरू हो गई। सेंसेक्स ने 86,026.18 का नया हाई छुआ, जो पिछले रिकॉर्ड 85,978.25 से आगे था। निफ्टी ने 26,306.95 पर पीक मारा, जो सितंबर 2024 के 26,277.35 से बेहतर था। बैंकिंग सेक्टर ने लीड किया, जहां बैंक निफ्टी 60,000 को पार कर 60,125.40 पर पहुंचा। ऑटो, मेटल और आईटी स्टॉक्स ने भी मजबूत प्रदर्शन किया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह 'सांता क्लॉज रैली' का प्रारंभिक संकेत है, जो साल के अंत में बाजार को ऊपर ले जाती है। विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) ने पिछले हफ्ते 4,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जबकि घरेलू निवेशक (DIIs) ने 4,148 करोड़ का समर्थन दिया। रुपये की कमजोरी के बावजूद, जो 84.50 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा, बाजार ने सकारात्मक रुख अपनाया।
इस रैली के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। सबसे बड़ा ड्राइवर दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ रहा, जो 7.2% पर पहुंची—सरकार के 6.8% के अनुमान से बेहतर। यह आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की मजबूती दिखाता है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित रेट कट ने वैश्विक बाजारों को बूस्ट दिया। एशियाई बाजारों में निक्केई 2% ऊपर और हैंगसेंग 1.5% की बढ़त ने भारतीय बाजार को सपोर्ट किया। घरेलू मोर्चे पर, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने बैंकिंग स्टॉक्स को चमकाया। आरबीआई की नीति समीक्षा में रेपो रेट स्थिर रखने के बावजूद, लिक्विडिटी बढ़ाने के संकेत सकारात्मक थे। विशेषज्ञों ने कहा कि कॉर्पोरेट अर्निंग्स सीजन के अंत में मजबूत नतीजे आने से बाजार का मोमेंटम बरकरार रहेगा।
सेक्टरल परफॉर्मेंस में बैंकिंग ने बाजी मारी। HDFC बैंक, ICICI बैंक और SBI जैसे स्टॉक्स 2-3% ऊपर रहे। ऑटो सेक्टर में टाटा मोटर्स और मारुति सुजुकी ने 1.5% की बढ़त दर्ज की। मेटल में JSW स्टील और टाटा स्टील ने लीड किया, जबकि आईटी में इंफोसिस और TCS ने 1% की वृद्धि दिखाई। कंज्यूमर गुड्स में HUL और ITC थोड़े नीचे रहे, लेकिन ओवरऑल बाजार सेंटिमेंट मजबूत था। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 0.8% ऊपर रहे। गिफ्ट निफ्टी ने ओपनिंग से पहले ही 26,300 का संकेत दिया था। दिन के अंत तक सेंसेक्स 86,120 पर बंद हुआ, जो 0.45% की बढ़त है। निफ्टी 26,340 पर समाप्त, 0.52% ऊपर।
इस रिकॉर्ड ब्रेक के बीच कुछ चिंताएं भी हैं। रुपये का गिरना इंपोर्ट-हैवी सेक्टरों पर दबाव डाल रहा है। FIIs की बिकवाली पिछले महीने 3,795 करोड़ रही, लेकिन DIIs ने बैलेंस किया। वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि और भू-राजनीतिक तनाव (जैसे मिडिल ईस्ट) बाजार को अस्थिर कर सकते हैं। फिर भी, एनालिस्ट्स का अनुमान है कि सेंसेक्स 2026 में 90,000 छुएगा। जीएसटी कलेक्शन 1.85 लाख करोड़ पर पहुंचा, जो ग्रोथ का संकेत। इन्फ्लेशन कूलिंग पर RBI की सतर्कता सकारात्मक है।
What's Your Reaction?