अजब- गजब: जज साहब को चाय के साथ बिस्किट की जगह मिला सड़ा दालमोट तो अर्दली को थमाया नोटिस

इससे नाराज होकर जज रश्मि नंदा ने अर्दली को कारण बताओ नोटिस जारी किया और इस "गुस्ताखी" के लिए स्पष्टीकरण मांगा। नोटिस में पूछा गया कि क्यों न उन..

Jun 4, 2025 - 00:09
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अजब- गजब: जज साहब को चाय के साथ बिस्किट की जगह मिला सड़ा दालमोट तो अर्दली को थमाया नोटिस
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गोंडा : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक अनोखा और चर्चित मामला सामने आया है, जहां अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADJ) रश्मि नंदा ने अपने अर्दली राकेश कुमार को चाय के साथ बिस्किट की जगह सड़ा हुआ दालमोट परोसने के लिए नोटिस जारी किया है। इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि सोशल मीडिया पर भी व्यापक चर्चा और मजाक का विषय बन गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, "दिल बड़ा करो," जिसके बाद यह मामला और वायरल हो गया।

यह घटना गोंडा जिला न्यायालय में 2 जून 2025 को हुई, जब ADJ रश्मि नंदा ने अपने अर्दली राकेश कुमार से मेहमानों के लिए चाय के साथ बिस्किट लाने को कहा। सूत्रों के अनुसार, जज साहब ने स्पष्ट रूप से नए पैकेट से बिस्किट परोसने का निर्देश दिया था। हालांकि, अर्दली ने बिस्किट की जगह सड़ा हुआ और बदबूदार दालमोट परोस दिया। कुछ स्रोतों के अनुसार, जज ने दो बार बिस्किट लाने का निर्देश दिया, लेकिन अर्दली ने दोनों बार दालमोट ही परोसा, जो खराब और बासी था।

इससे नाराज होकर जज रश्मि नंदा ने अर्दली को कारण बताओ नोटिस जारी किया और इस "गुस्ताखी" के लिए स्पष्टीकरण मांगा। नोटिस में पूछा गया कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। अर्दली राकेश कुमार ने जवाब में कहा कि उनके पास नए बिस्किट का पैकेट उपलब्ध नहीं था, इसलिए उन्होंने दालमोट परोस दिया। हालांकि, यह जवाब जज को संतुष्ट करने में नाकाम रहा, और मामला अब चर्चा का केंद्र बन गया है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

इस अनोखे मामले ने सोशल मीडिया, विशेष रूप से X पर तीखी और मजेदार प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है। @iamnarendranath ने पोस्ट किया, "गोंडा में जज साहब से कोई मिलने आए। उनके कर्मचारी ने चाय के साथ बिस्किट की जगह दालमोट दे दिया। इस गुस्ताखी के लिए उस कर्मचारी को नोटिस दिया गया है।" एक अन्य यूजर @mktyaggi ने लिखा, "मिलार्ड के जलवे अलग ही हैं... गोंडा में एक जज साहब ने अपने अर्दली को नोटिस जारी किया क्योंकि वह बिस्कुट का नया पैकेट लाने में विफल रहा और उसने जज साहब के मेहमान के सामने खराब नमकीन परोस दी।"

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए X पर लिखा, "दिल बड़ा करो," जिससे यह मामला और अधिक वायरल हो गया। कई यूजर्स ने इस घटना को हास्यास्पद बताते हुए मजाक उड़ाया, जबकि कुछ ने इसे अधिकार के दुरुपयोग का उदाहरण माना। एक यूजर @razzbsingh ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, "@narendramodi जी आप इस घटना का तुरंत संज्ञान लें व जज साहब को न्याय दिलाएं।"

यह घटना भले ही हल्की-फुल्की लगे, लेकिन इसने प्रशासनिक कार्यप्रणाली और कार्यस्थल पर छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाले विवादों पर सवाल उठाए हैं। गोंडा जिला न्यायालय पहले भी विवादों में रहा है। उदाहरण के लिए, 2013 में एक जज पर नाबालिग लड़की और एक महिला के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था, जिसके बाद वकीलों ने आंदोलन किया था। इस बार, हालांकि, मामला गंभीर न होकर हास्य और आश्चर्य का विषय बन गया है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं कार्यस्थल पर संचार और अपेक्षाओं के बीच तालमेल की कमी को दर्शाती हैं। दूसरी ओर, यह भी सवाल उठता है कि क्या इस तरह के छोटे मुद्दों के लिए नोटिस जारी करना उचित है, खासकर तब जब न्यायिक व्यवस्था पहले ही कई गंभीर मामलों से जूझ रही है।

भारत में चाय और बिस्किट का संयोजन केवल एक नाश्ता नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक परंपरा है। चाहे वह घर हो, कार्यालय हो, या सरकारी दफ्तर, चाय के साथ बिस्किट परोसना आतिथ्य का प्रतीक माना जाता है। गोंडा में जज रश्मि नंदा द्वारा अर्दली को चाय के साथ बिस्किट न परोसने के लिए नोटिस जारी करने की घटना ने एक अनोखा और हास्यास्पद विवाद पैदा किया है।

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