Viral News: बस्ती में हॉर्न बजाने पर ट्रैक्टर चालक की बेरहमी से पिटाई, सीसीटीवी में कैद घटना का वीडियो वायरल, पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप। 

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के पैकोलिया थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक ट्रैक्टर चालक की सिर्फ हॉर्न बजाकर रास्ता ....

Jun 12, 2025 - 13:59
 0  29
Viral News: बस्ती में हॉर्न बजाने पर ट्रैक्टर चालक की बेरहमी से पिटाई, सीसीटीवी में कैद घटना का वीडियो वायरल, पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप। 

बस्ती : उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के पैकोलिया थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक ट्रैक्टर चालक की सिर्फ हॉर्न बजाकर रास्ता मांगने की वजह से कुछ दबंगों ने बेरहमी से पिटाई कर दी। यह पूरी घटना पास के एक पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पीड़ित चालक, जिसकी पहचान एक दलित मजदूर के रूप में हुई है, को थप्पड़ों और चप्पलों से पीटा गया। इस मामले में स्थानीय लोगों और पीड़ित के समर्थकों ने पैकोलिया पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है, क्योंकि घटना के पांच दिन बाद भी कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। इस घटना ने न केवल क्षेत्र में तनाव पैदा किया है, बल्कि सामाजिक अन्याय और पुलिस की जवाबदेही पर सवाल भी उठाए हैं।

घटना 5 जून 2025 को बस्ती जिले के पैकोलिया थाना क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप के पास हुई। पीड़ित, जिसका नाम अभी तक आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है, एक ट्रैक्टर चला रहा था। बताया जाता है कि उसने रास्ता मांगने के लिए हॉर्न बजाया, जिससे कुछ स्थानीय दबंग नाराज हो गए। इसके बाद, दबंगों ने ट्रैक्टर को बीच सड़क पर रोक लिया और चालक को बाहर खींचकर उसकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि कई लोग मिलकर चालक को थप्पड़ और चप्पल मार रहे हैं, जबकि वह अपनी जान बचाने की गुहार लगाता रहा।

इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक यूजर, अभय पटेल (@Abhay75Patel), ने 10 जून को साझा किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पीड़ित एक दलित मजदूर है और दबंगों के रसूख के कारण पैकोलिया पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। पोस्ट में लिखा गया, "दलित मजदूर को सड़क पर हॉर्न बजाने के लिए दबंग ने बीच सड़क ट्रैक्टर रोक के चप्पल से पीटा, घटना पेट्रोल पंप के सीसीटीवी में कैद, घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पैकोलिया पुलिस दबंगों के रसूख के चलते नहीं दर्ज कर रही मुकदमा।" इस पोस्ट में बस्ती पुलिस (@bastipolice), उत्तर प्रदेश पुलिस (@Uppolice), मुख्यमंत्री कार्यालय (@CMOfficeUP), और अन्य अधिकारियों को टैग किया गया था।

  • वायरल वीडियो और जनता की प्रतिक्रिया

वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि कई लोग मिलकर चालक को बेरहमी से पीट रहे हैं। यह दृश्य इतना परेशान करने वाला है कि सोशल मीडिया पर इसे देखने वाले यूजर्स ने गहरे आक्रोश और दुख का इजहार किया है। कई यूजर्स ने इस घटना को सामाजिक अन्याय और दलित उत्पीड़न से जोड़ा, जबकि अन्य ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, "यह शर्मनाक है कि पुलिस अब तक चुप है। दलितों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "उत्तर प्रदेश में कालेस रोज की बात है, लेकिन यह घटना हद पार कर गई।"

इस वीडियो ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। सामाजिक संगठनों और दलित अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि क्या पुलिस पर दबंगों का दबाव है, जिसके कारण मुकदमा दर्ज करने में देरी हो रही है।

घटना के बाद, पैकोलिया थाना पुलिस पर दबाव बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद, बस्ती पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज नहीं की गई है, जिसके कारण स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। बस्ती के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मीडिया को बताया, "हमें इस घटना की जानकारी मिली है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।"

पुलिस ने यह भी दावा किया कि वे पीड़ित की शिकायत का इंतजार कर रहे हैं, ताकि औपचारिक रूप से मामला दर्ज किया जा सके। हालांकि, पीड़ित के समर्थकों का कहना है कि चालक डर और दबाव के कारण शिकायत दर्ज करने से हिचक रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय दबंगों का प्रभाव पुलिस पर पड़ रहा है, जिसके कारण कार्रवाई में देरी हो रही है।

यह घटना उत्तर प्रदेश में सड़क पर हिंसा और सामाजिक असमानता के मुद्दों को फिर से उजागर करती है। हाल के वर्षों में, उत्तर प्रदेश में हॉर्न बजाने या छोटे-मोटे विवादों को लेकर हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, जून 2024 में कानपुर में एक ट्रैफिक कांस्टेबल ने हॉर्न बजाने पर एक कार चालक को थप्पड़ मार दिया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसी तरह, 2019 में सिद्धार्थनगर जिले में पुलिसक disallowances को एक व्यक्ति को बेरहमी से पीटते हुए देखा गया था।

इस मामले में, पीड़ित के दलित होने के कारण यह घटना और भी संवेदनशील हो गई है। अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत, दलितों के खिलाफ हिंसा को गंभीर अपराध माना जाता है, और ऐसी घटनाओं में त्वरित कार्रवाई अनिवार्य है। हालांकि, इस मामले में पुलिस की सुस्ती ने इस कानून के प्रभावी कार्यान्वयन पर सवाल उठाए हैं।

  • क्षेत्र में तनाव और मांगें

इस घटना ने पैकोलिया और आसपास के क्षेत्रों में तनाव पैदा कर दिया है। स्थानीय दलित समुदाय और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए और पीड़ित को मुआवजा दिया जाए। कुछ संगठनों ने इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।

पीड़ित के परिवार ने भी पुलिस से शिकायत की है कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, "यह सिर्फ एक व्यक्ति की पिटाई का मामला नहीं है। यह दलित समुदाय के साथ हो रहे अन्याय का प्रतीक है। पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, वरना हम सड़कों पर उतरेंगे।"

  • सड़क हिंसा और सामाजिक असमानता

यह घटना उत्तर प्रदेश में सड़क हिंसा और सामाजिक असमानता के बढ़ते मामलों का एक और उदाहरण है। हाल के वर्षों में, छोटे-मोटे विवादों, जैसे हॉर्न बजाने या रास्ता मांगने, को लेकर हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं। मई 2025 में दिल्ली में एक थार एसयूवी चालक ने हॉर्न न बजाने की सलाह देने वाले सिक्योरिटी गार्ड को कुचल दिया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

Also Read- Viral News: शाहजहांपुर के राजकीय बाल गृह में मासूमों पर अत्याचार, केयरटेकर की पिटाई का वीडियो वायरल।

बस्ती के पैकोलिया थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर चालक की पिटाई की यह घटना न केवल एक व्यक्ति के साथ हुए अन्याय को दर्शाती है, बल्कि यह सामाजिक असमानता, पुलिस की निष्क्रियता, और सड़क हिंसा के बढ़ते मामलों को भी उजागर करती है। सीसीटीवी फुटेज के वायरल होने के बाद, यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। यह जरूरी है कि पुलिस इस मामले में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करे, ताकि पीड़ित को न्याय मिले और समाज में विश्वास बहाल हो। इसके अलावा, बस्ती जिले में पहले भी हिंसा की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 2021 में, बस्ती के डुबौलिया थाना क्षेत्र में एक सब-इंस्पेक्टर को ग्रामीणों ने पीट दिया था, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। इन घटनाओं से साफ है कि छोटे विवादों को हिंसक रूप देने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, और इसमें सामाजिक असमानता की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।