गया में होमगार्ड भर्ती के दौरान बेहोश महिला के साथ एम्बुलेंस में सामूहिक बलात्कार, पुलिस जांच जारी
26 वर्षीय पीड़िता वर्तमान में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत है। उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपियों ने उसे चुप रहने की धमकी दी थी। पुलिस ने
बिहार के गया जिले के बोधगया क्षेत्र में 24 जुलाई 2025 को एक बेहद शर्मनाक और दुखद घटना घटी। होमगार्ड भर्ती की शारीरिक परीक्षा के दौरान एक 26 वर्षीय महिला बेहोश हो गई। उसे अस्पताल ले जाते समय एम्बुलेंस में चालक और टेक्नीशियन ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हंगामा मचा दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी।
यह घटना बोधगया के बीएमपी-3 परेड ग्राउंड में हुई, जहां होमगार्ड भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षा चल रही थी। पीड़िता, जो गया जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र की निवासी है, दौड़ में हिस्सा लेने आई थी। दौड़ के दौरान वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और उसे अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया।
पीड़िता ने बताया कि अस्पताल ले जाते समय एम्बुलेंस में मौजूद चालक और टेक्नीशियन ने उसके साथ बलात्कार किया। उसने यह भी बताया कि उस समय वह बेहोशी की हालत में थी और एम्बुलेंस में 3 से 4 लोग मौजूद थे। अस्पताल में होश आने के बाद पीड़िता ने डॉक्टरों को इस घटना की जानकारी दी, जिसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस को सूचित किया।
घटना की सूचना मिलते ही गया पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने बताया कि बोधगया एसडीपीओ सौरभ जायसवाल के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और पीड़िता के बयान के आधार पर दोनों आरोपियों की पहचान की।
आरोपियों की पहचान विनय कुमार (एम्बुलेंस चालक, गया जिले के उतरेन गांव) और अजीत कुमार (टेक्नीशियन, नालंदा जिले के चंदनपुर गांव) के रूप में हुई। दोनों को घटना के कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया। बोधगया थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 70(1) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए एफएसएल टीम को भी मौके पर भेजा, जिसने एम्बुलेंस और अन्य साक्ष्यों की जांच की। पीड़िता की मेडिकल जांच भी कराई गई, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
इस घटना ने स्थानीय लोगों, महिला संगठनों और राजनेताओं में गहरा आक्रोश पैदा किया। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस घटना की कड़ी निंदा की और बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह घटना शर्मनाक है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने भी इस घटना को कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति का उदाहरण बताया और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की।
26 वर्षीय पीड़िता वर्तमान में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत है। उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपियों ने उसे चुप रहने की धमकी दी थी। पुलिस ने पीड़िता की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं।
इस घटना ने होमगार्ड भर्ती प्रक्रिया में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि भर्ती स्थल पर केवल महिला अभ्यर्थी थीं, फिर भी एम्बुलेंस में कोई महिला कर्मचारी मौजूद नहीं थी। यह कमी इस घटना का एक बड़ा कारण मानी जा रही है। बिहार में होमगार्ड के 15,000 पदों पर भर्ती चल रही है, जिसमें गया जिले के लिए 909 पद निर्धारित हैं।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में तेजी से जांच की जा रही है और जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा। यह घटना बिहार में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
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