फर्जी एसपी व कलेक्टर बनकर 200 लोगों से की ठगी, पुलिस ने की कार्रवाई
नोएडा-यूपी।
नोएडा से एक होश उड़ा देने वाली खबर सामने आ रही है, जिसमें फर्जी एसपी व कलेक्टर बनकर 200 लोगों से ठगी की गयी है। इस मामले में गिरोह के सरगना को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि मध्य प्रदेश के महेबा इलाके में इस तरह के कई गिरोह सक्रिय हैं। गैंग के बदमाशों ने कुछ साइबर गिरोह से ट्रेनिंग ली। पहले आईपीसी और अब भारतीय न्याय संहिता के कानूनों की जानकारी ली। आरोपी सुबह गांव से जंगल की तरफ जा कर वहां से पहले एफआईआर निकालते हैं और बाद में कॉल करते हैं। गिरोह के कई जालसाजों की तलाश जारी है। पता चला कि गिरफ्तार सरगना दूसरे के नाम पर लिए गए सिम से फोन कर वारदात करता था। पुष्पेंद्र यादव ही सिम के साथ क्यूआर कोड और खाते उपलब्ध करता था। इसके लिए वह ठगी की रकम का 20 फीसदी हिस्सा लेता था। जांच में पता चला है कि धीरेंद्र गाजियाबाद एवं गौतमबुद्ध नगर समेत अलीगढ़ और बरेली के शिकायकर्ता से कॉल कर पैसे की मांग कर चुका है।
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नोएडा सेंट्रल के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि कुछ दिन पहले कोतवाली सेक्टर-63 क्षेत्र में प्रदीप कुमार की पत्नी से बाले यादव ने मारपीट की एफआईआर दर्ज की गई थी। तीन दिन पहले प्रदीप के पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को जिला कलेक्टर बताते हुए प्रदीप को एफआईआर संबंधी जानकारी दी। ठग ने कहा कि मामले में आरोपी को गिरफ्तार छह माह के लिए जेल भेजा जाएगा। अगर प्रदीप तुरंत तीन हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दे तो पुलिस की गाड़ी आरोपी को दबोचने तत्काल निकल पड़ेगी। प्रदीप ने भुगतान करने से इनकार कर दिया। जिस पर जिला कलेक्टर बने ठग ने गाली गलौज की और केस में कोई कार्रवाई न होने की धमकी दी। प्रदीप ने पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर ली। रिकॉडिंग वायरल होने के बाद मामले की जांच शुरू की गई। पुलिस ने जांच के बाद धीरेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार सरगना टीकमगढ़ निवासी धीरेंद्र यादव (24) फर्जी एसपी और कलेक्टर बनकर केस की प्रगति के नाम पर रकम ट्रांसफर कराता था। दसवीं पास सरगना करीब एक वर्ष से मध्यप्रदेश से ठगी का नेटवर्क चला रहा था।
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