लालकिले से पीएम मोदी ने सिबिल कोड पर भरी हुंकार, महिला सुरक्षा पर खुलकर दिया भाषण
तीसरे कार्यकाल में 11वीं बार पीएम मोदी ने तिरंगे को दी सलामी, देश की जनता को किया संबोधित
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित किया। अपने तीसरे कार्यकाल में 11वीं बार लाल किले से दिए गए पहले संबोधन में उन्होंने यूसीसी भ्रष्टाचार महिला सुरक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर बात की। सांप्रदायिक और भेदभावकारी करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सेक्यूलर नागरिक संहिता' समय की मांग है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की दृढ़ता पर अडिग रहने की घोषणा करते हुए पीएम ने राजनीति में परिवारवाद का वर्चस्व खत्म करने का आहृवान किया। उन्होंने एक लाख ऐसे युवाओं से सियासत में आने का आहृवान किया, जिनके परिवार का कोई भी सगा-संबंधी कभी राजनीति में नहीं रहा हो। बार-बार चुनाव के बोझ को खत्म करने के लिए एक देश एक चुनाव की व्यवस्था लागू किए जाने की मजबूत पैरोकारी की।
आर्थिक सुधारों के अगले चरण से नहीं हिचकने का संकेत देते हुए पीएम ने देश में मेडिकल शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए अगले पांच साल में मेडिकल कालेजों में 75000 नई सीटें बढ़ाने का भी एलान किया। सुप्रीम कोर्ट से लेकर कई मंचों पर सामान्य नागरिक संहिता से जुड़ी चर्चाओं का हवाला देते हुए पीएम ने कहा कि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है और इसमें सच्चाई भी है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम जी रहे हैं, वह सचमुच में एक प्रकार का सांप्रदायिक सिविल कोड है। यह भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। पीएम ने कहा कि इसलिए समय की मांग है अब देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड हो।
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उन्होंने कहा, 'हमने 75 साल सांप्रदायिक सिविल कोड में बिताए अब सेक्यूलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा, तभी देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहें है, उससे हमें मुक्ति मिलेगी। गौरतलब है कि राम मंदिर और धारा 370 के साथ सामान्य नागरिक संहिता दशकों से भाजपा के तीन कोर राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा रहा है। पहले दो कार्यकाल में दोनों प्रमुख एजेंड़े को पूरा करने के बाद तीसरे कार्यकाल के दौरान पीएम ने यूनिफार्म सिविल कोड पर फोकस बढ़ाने के इरादे जाहिर कर दिए। प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कोलकाता में एक डॉक्टर की दुष्कर्म-जघन्य हत्या की घटना की ओर इशारा करते हुए इस राक्षसी प्रवृत्ति और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार पर चिंता जाहिर की। पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में महिला नेतृत्व के विकास मॉडल पर हमने काम किया है, मगर दूसरी तरफ कुछ चिंता की बातें भी आती हैं। पीएम मोदी ने देश की शिक्षा व्यवस्था को विकसित करने की इच्छा जताई। उन्होंने पांच वर्षों में मेडिकल की 75 हजार नई सीटों के सृजन का एलान किया।
उन्होंने कहा कि 25 हजार बच्चे हर साल सिर्फ मेडिकल की पढ़ाई करने विदेश जाते हैं। इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में हमने मेडिकल की सीटों को बढ़ाकर करीब एक लाख कर दिया है। मेडिकल सहित उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए देश के नौजवानों के विदेश में होने वाले पलायन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को चिंता जताई और इसे रोकने की जरूरत भी बताई। उन्होंने अगले पांच वर्षों में देश में मेडिकल की 75 हजार नई सीटें सृजित करने का भी एलान किया। प्रधानमंत्री ने नौजवानों के पलायन पर अपनी चिंता को देश के सामने रखा और कहा कि मैं नहीं चाहता कि देश के नौजवानों को पढ़ाई के लिए विदेश जाने के लिए मजबूर होना पड़े।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद हम इस दिशा में तेजी से जुटे हैं। शिक्षा व्यवस्था को नए सिरे से मजबूती दी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण का भी जिक्र किया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमें फिर एक बार सदियों पुरानी नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा, उसे जीना होगा। विश्वास के साथ हमें विश्व की ज्ञान परंपराओं को नई चेतना देने का काम करना होगा। उन्होंने मातृभाषा में भी शिक्षा पर जोर दिया और राज्यों से कहा कि भाषा के कारण देश की प्रतिभाओं की राह में रुकावट नहीं आनी चाहिए।
मातृभाषा की ताकत देश की गरीब से गरीब मां के बेटे को भी सपना पूरा करने का ताकत देती है। उन्होंने कौशल विकास पर भी जोर दिया और कहा कि जिस तरह आज विश्व में बदलाव नजर आ रहा है, उनमें कौशल का महत्व बहुत बढ़ गया है। हम कौशल को नई ताकत देना चाहते हैं। हम इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखकर कौशल विकास करना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था तो बनेगा ही वे खुद भी तीन गुना काम कर देश के सपने पूरा करेंगे। देश में यथास्थिति के माहौल से समझौता करने की प्रवृत्ति को खत्म करने की अपनी पहल के सकारात्मक दिशा में बढ़ने की बात करते हुए कहा कि हमें जिम्मेदारी दी गई तो हमने बड़े सुधार जमीन पर उतारे हैं।
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