सावन के पहले सोमवार को हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठे शिवालय। 

Jul 22, 2024 - 18:11
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सावन के पहले सोमवार को हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठे शिवालय। 
  • शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए लगी लंबी-लंबी कतारें, भक्तों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर लिया आशीर्वाद। 

लखनऊ। सावन के पहले सोमवार पर राजधानी के मंदिर हर-हर महादेव व ओम नमः शिवाय के जयकारों से गूंज उठे।सोमवार को सुबह से ही शहर के साथ साथ ग्रामीण इलाकों के शिवमंदिरों में शिवभक्तों में भारी उत्साह देखने को मिला।सोमवार को शिवालयों में श्रद्धा का मेला लगा रहा। श्रद्धालुओं की टोली आधी रात को ही भोले बाबा के दरबार में पहुंचने लगी।शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में विधि-विधान से जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया गया।

 हर ओर पूजन-अर्चन के साथ ओम नम: शिवाय, बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे।मनकामेश्वर मंदिर में महंत देव्या गिरि ने सुबह शिव जी की आराधना की। इसके बाद भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। दोपहर से शाम तक आने वाले भक्तों को दर्शन-पूजन कराने में महंत ने सहयोग भी किया। उधर, ज्योतिर्लिंग मंदिर में बारह ज्योतिर्लिंगों का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लाइन लगी रही।कोनेश्वर मंदिर में भोले की भक्ति से आसपास का माहौल शिवमय हो गया।

शिवभक्तों ने बेलपत्र, भांग, धतूरा, कमल, दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि से जलाभिषेक कर महादेव के दर्शन किए। मंदिर परिसर में सपेरों का भी जमावड़ा लगा रहा। जो श्रद्धालु मंदिर नहीं पहुंच सके, उन्होंने घर पर ही शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, अक्षत आदि अर्पित कर उनकी आराधना की।आधी रात से ही शिवालय हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज रहे थे।सोमवार तड़के ही भारी संख्या में भक्त शिव मंदिर पहुंचे।भक्तों में उत्साह का अंदाजा शिवालयों में लगी लंबी-लंबी कतारों से लगाया जा सकता है। पवित्र श्रावण मास के पहले सोमवार को डालीगंज स्थित प्राचीन मनकामेश्वर शिवमंदिर, चौक चौराहे स्थित श्री कोनेश्वर महादेव मंदिर, चौपटिया के रानीकटरा स्थित बड़ा शिवालय, राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर,अमराई गांव में सोनी शाह का शिवाला वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बीकेटी बड़ी बाजार स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर, देवरी रुखारा में मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, इटौंजा में रत्नेश्वर महादेव मंदिर, शिवपुरी में भदेश्वर नाथ महादेव मंदिर में श्रद्धालु बाबा भोले के रंग में रंगे नजर आए।

भक्तों ने बिल्बपत्र, भांग, धतूरा , दूध व गंगाजल जैसी पवित्र चीजों से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया। सोमवार की सुबह से ही शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के शिवालयों में शिव भक्त मंदिरों की ओर उमड़ने लगे। शिवालयों पर जलाभिषेक के साथ हर-हर महादेव की जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सोमवारी को लेकर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया। बता दे कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भोले शंकर को समर्पित होता है. इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है।सावन माह भोले शंकर को अतिप्रिय होता है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा- अर्चना की जाती है।इस दिन भगवान शिव को कच्चा दूध, गंगाजल, बेलपत्र, काले तिल, धतूरा, बेलपत्र, मिठाई आदि अर्पित करना चाहिए और विधिवत पूजा करनी चाहिए।

  • सावन मास का महत्त्व

शिव पुराण के अनुसार, सावन मास के सभी सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी कष्ट व परेशानी दूर होते हैं। सावन मास में अकाल मृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव की पूजा, महामृत्युंजय मंत्र, शिव पुराण का पाठ, रुद्राभिषेक आदि करने से कर्ज, रोग, बाधा व परेशानी और शोक से मुक्ति मिलती है।

  • शीतलता का प्रतीक सावन

सावन का महीना शीतलता का प्रतीक है। रिमझिम बारिश की फुहारों से प्रकृति हरी-भरी हो जाती है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना का भी विशेष महत्व है। भगवान शंकर विषपान किए थे इसलिए शीतलता उन्हें भाती है।

  • सावन में इस बार पांच सोमवार

आषाढ़ मास की पूर्णिमा अर्थात गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन मास की शुरुआत हो रही है। सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है और समापन 19 अगस्त को होगा। सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई, दूसरा सोमवार 29 जुलाई, तीसरा सोमवार 05 अगस्त और चौथा सोमवार 12 अगस्त और पांचवा सोमवार 19 अगस्त को होगा। 

  • सावन का महीना इस बार क्यों है खास

पंडित रविकांत बाजपेई ने बताया कि इस बार सावन का पवित्र महीना बहुत ही विशेष है। दरअसल 72 वर्षों बाद सावन के महीने में दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार सावन माह सोमवार के दिन आरंभ हो रहा है और इसका समापन भी सोमवार के दिन पर ही होगा। इस तरह से पूरे श्रावण माह में कुल 5 सावन सोमवार आएंगे। इससे अलावा पूरे सावन माह के दौरान सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि और रवि योग का संयोग रहेगा। वहीं ग्रहों की पोजिशन की बात करें तो सावन माह में कुबेर योग, शुक्रादित्य योग, गजकेसरी योग, शश राजयोग और लक्ष्मी नारायण योग का संयोग बनेगा।

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