2017 से पहले दंगों का गढ़, आज सबसे सुरक्षित प्रदेश: यूपी की कानून व्यवस्था का डंका देश-दुनिया में।
Lucknow News: वर्ष 2017 से पहले अखिलेश सरकार में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी थी। उस दौरान सपा पोषित अपराधियों ....
Lucknow News: वर्ष 2017 से पहले अखिलेश सरकार में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी थी। उस दौरान सपा पोषित अपराधियों ने प्रदेश को जंगलराज की ओर धकेल दिया था। प्रदेशभर को दंगों की आग में झोंक दिया गया था। दिन दहाड़े व्यापारियों की हत्या कर दी जाती थी जबकि बहन बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ आम बात हो गयी थी। वर्ष 2017 से पहले दंगों, अपहरण, बलात्कार और लूटपाट की घटनाओं से अक्सर उत्तर प्रदेश सुर्खियों में रहता था। वर्ष 2013 के मुज़फ्फरनगर दंगों के बाद, प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई और इसने कानून व्यवस्था के प्रति जनता का विश्वास हिलाया। इसके अलावा अपहरण और रंगदारी के मामलों में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई।
महिलाओं के खिलाफ अपराध, विशेष रूप से बलात्कार के मामलों में भी वृद्धि हुई। अखिलेश सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति ऐसी थी कि नागरिकों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया था। एक ओर जहां प्रशासन अपराध पर नियंत्रण की बात करता था, वहीं दूसरी ओर अपराधियों के हौसले बुलंद होते गए। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद कमजोर थी, जिससे राज्य में अपराधों की बाढ़ आ गई और लोगों में सरकार के प्रति निराशा और आक्रोश फैल गया। इस समय में पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता ने उत्तर प्रदेश को अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना दिया था। वहीं वर्ष 2017 के बाद प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाते हुए अपराध और अपराधियों की कमर तोड़ दी। वर्तमान में प्रदेश में काूनन का राज स्थापित है। अपराधियों ने योगी सरकार के आगे घुटने टेक दिया और प्रदेश से पलायन कर गये।
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