ऑपरेशन सिंदूर पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान, पहलगाम हमले के आतंकियों का क्या हुआ, सरकार दे जवाब

लोकसभा में 28 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा होनी थी। इस चर्चा से पहले अखिलेश यादव ने संसद परिसर में पत्रकारों से बात की। उन्होंने

Jul 28, 2025 - 23:46
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ऑपरेशन सिंदूर पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान, पहलगाम हमले के आतंकियों का क्या हुआ, सरकार दे जवाब
ऑपरेशन सिंदूर पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान

नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर होने वाली चर्चा से पहले केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी की तारीफ की, लेकिन साथ ही सरकार से सवाल किया कि पहलगाम हमले के आतंकी आखिर कहां गायब हो गए। अखिलेश ने कहा, "पहलगाम के आतंकियों को आसमान खा गया या जमीन? सरकार को इसका जवाब देना होगा।" उन्होंने यह भी पूछा कि पहलगाम हमले से पहले हुई एक और घटना की जानकारी जनता को क्यों नहीं दी गई।

लोकसभा में 28 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा होनी थी। इस चर्चा से पहले अखिलेश यादव ने संसद परिसर में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जो साहस और पराक्रम दिखाया, वह काबिले तारीफ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर सेना को और मौका दिया जाता, तो शायद वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भी वापस ले लेती। लेकिन उन्होंने सरकार से सवाल उठाया कि बार-बार आतंकी घटनाएं क्यों हो रही हैं। उन्होंने कहा, "पहलगाम हमले के आतंकी कहां गए? क्या उन्हें आसमान खा गया या जमीन? सरकार को जवाब देना चाहिए।" उन्होंने यह भी दावा किया कि पहलगाम हमले से पहले एक और आतंकी घटना हुई थी, जिसके बारे में जनता को कुछ नहीं बताया गया।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसके जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस कार्रवाई में 70 से ज्यादा आतंकी मारे गए। भारतीय सेना ने साफ किया कि यह ऑपरेशन सटीक और संतुलित था, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।

अखिलेश यादव ने इस ऑपरेशन की तारीफ करते हुए 7 मई 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, "पराक्रमो विजयते," जिसका अर्थ है 'पराक्रम की जीत।' उन्होंने उस समय कहा था कि आतंकवाद की जड़ों पर प्रहार करना जरूरी है, ताकि इसकी टहनियां अपने आप सूख जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी आतंकवाद के खिलाफ सरकार के हर ठोस कदम का समर्थन करेगी। 8 मई को हुई सर्वदलीय बैठक में अखिलेश शामिल नहीं हुए, लेकिन उनकी पार्टी की ओर से रामगोपाल यादव ने हिस्सा लिया। अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार को इस मुद्दे पर सुझाव देगी।

28 जुलाई को लोकसभा में चर्चा से पहले अखिलेश ने सरकार पर सुरक्षा में चूक का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद आतंकियों को पकड़ा क्यों नहीं गया। उन्होंने यह भी पूछा कि खुफिया तंत्र की नाकामी के बारे में सरकार क्यों चुप है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने भी इस हमले में खुफिया चूक की बात स्वीकारी थी। अखिलेश ने मांग की कि सरकार को संसद में पूरी सच्चाई सामने रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, "सभी सांसदों को विदेश नीति और पहलगाम हमले से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखने का मौका मिलना चाहिए।"

लोकसभा में यह चर्चा 16 घंटे तक चली, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और गृह मंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा था। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई 22 मिनट में पूरी हुई और इसमें स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया गया। जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान अमेरिका के साथ कोई व्यापारिक दबाव नहीं था और 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री को फोन कर हमले की चेतावनी दी थी।

विपक्ष ने भी इस चर्चा में कई सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूछा कि अगर पाकिस्तान दबाव में था, तो ऑपरेशन को 10 मई को अचानक क्यों रोका गया। अखिलेश ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस ऑपरेशन में पीओके को वापस लेने की कोई योजना थी। उन्होंने यह भी कहा कि सेना की बहादुरी पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन सरकार को बार-बार होने वाली आतंकी घटनाओं पर जवाब देना होगा।

सोशल मीडिया पर अखिलेश के बयान को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने उनकी तारीफ की और कहा कि उन्होंने सेना की तारीफ के साथ-साथ सरकार की जवाबदेही पर सही सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, "अखिलेश ने सेना का हौसला बढ़ाया और सरकार से सच्चाई मांगी। यह सही दृष्टिकोण है।" वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक बयानबाजी बताया। एक यूजर ने लिखा, "ऐसे समय में आतंकियों पर सवाल उठाने की बजाय सरकार का साथ देना चाहिए।"

पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिजनों ने भी ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की। कानपुर के कारोबारी शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने कहा, "प्रधानमंत्री और सेना ने मेरे पति की मौत का बदला लिया।" बरेली के मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम के घाव पर मरहम है, लेकिन आतंकवाद का पूरी तरह खात्मा जरूरी है।

अखिलेश यादव ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया है। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के समय उन्होंने सवाल उठाए थे, लेकिन इस बार उन्होंने सेना का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करना होगा और इसके लिए समाजवादी पार्टी सरकार के साथ है। यह बयान दिखाता है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एकजुटता दिखाना चाहते हैं, लेकिन साथ ही सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाना भी जरूरी समझते हैं।

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