Bihar News: आज के नौकरी बाजार में सफलता के लिए डिग्री से अधिक जरूरी हैं ये चीज़ें- डॉ. बीरबल झा

डॉ. झा ने कहा, सफलता कोई गंतव्य नहीं, बल्कि एक यात्रा है, जो सही कौशल, मानसिकता और अनुकूलन क्षमता से प्रशस्त होती है। रोजगार केवल नौकरी पाने तक सीमित....

Feb 8, 2025 - 21:12
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Bihar News: आज के नौकरी बाजार में सफलता के लिए डिग्री से अधिक जरूरी हैं ये चीज़ें- डॉ. बीरबल झा

By INA News Bihar.

आज का नौकरी बाजार केवल डिग्री पर निर्भर नहीं करता। अनुकूलन क्षमता, नेतृत्व, टीम वर्क और प्रभावी संचार जैसे गुण किसी भी नौकरी को प्राप्त करने और उसमें उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।“ देश के लब्धप्रतिष्ठ सोशल इंटरप्रेन्योर डॉ. बीरबल झा का यह कथन आर.पी.एम. महाविद्यालय में एम्प्लॉयमेंट स्किल्स पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में  सामने आया। इस अवसर पर डॉ. झा ने पारस्परिक कौशल, समय प्रबंधन, समस्या समाधान, और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर डॉ. बीरबल झा ने रोजगार कौशल पर विस्तृत चर्चा की।डॉ. झा ने पारस्परिक कौशल, समय प्रबंधन, समस्या समाधान, और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। डॉ. झा ने आगे कहा, सफलता कोई गंतव्य नहीं, बल्कि एक यात्रा है, जो सही कौशल, मानसिकता और अनुकूलन क्षमता से प्रशस्त होती है। रोजगार केवल नौकरी पाने तक सीमित नहीं है, बल्कि खुद को ऐसा व्यक्ति बनाने के बारे में है जिसकी हर संस्था को आवश्यकता हो—सहज, नवाचारशील और प्रभाव डालने के लिए तैयार।

  • व्यक्तित्व विकास और अंग्रेजी का महत्व

डॉ. बीरबल झा ने व्यक्तित्व विकास पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, व्यक्तित्व विकास अपने आप को बदलने के बारे में नहीं है, बल्कि अपने सर्वश्रेष्ठ संस्करण को प्रकट करने के बारे में है। विकास को अपनाएं, अपनी ताकत को पहचानें, और अपने अनूठे गुणों को चमकने दें, क्योंकि दुनिया आपकी प्रतिभा का इंतजार कर रही है।अंग्रेजी भाषा के महत्व पर बात करते हुए डॉ. झा ने कहा, अंग्रेजी केवल एक भाषा नहीं है; यह दुनिया से जुड़ने का एक पुल है, अन्य संस्कृतियों को समझने का द्वार है, और असीमित अवसरों की चाबी है। इसमें दक्षता हासिल करने से आप एक निरंतर विकसित हो रहे वैश्विक परिवेश में संवाद कर सकते हैं, संपर्क बना सकते हैं और समृद्ध हो सकते हैं।

  • छात्राओं के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन

कार्यक्रम में दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र मिश्र ने एंबीशन एवं परफॉर्मेंस ऑफ एक्शन के लिए दार्शनिक उपायों पर चर्चा की। उन्होंने छात्राओं को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही दृष्टिकोण और कार्यशैली अपनाने की सलाह दी।
NAAC की समन्वयक डॉ. अंजू जैन ने कहा कि यह सेमिनार छात्राओं को प्रोत्साहन देने और भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सहायक सिद्ध होगी। 

इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे। इनमें प्रमुख रूप से डॉ. प्रकाश दास, डॉ. अंजू जैन, डॉ. रज़िया नसरिन और डॉ. नागेंद्र मिश्रा आदि शामिल थे। श्री प्रकाश दास इस सेमिनार के संचालक थे।

  • सेमिनार का समापन

सेमिनार के समापन पर उन छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिन्होंने इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई। प्रमाण पत्र महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम एवं डॉ. बीरबल झा के द्वारा प्रदान किए गए। तत्पश्चात, राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
डॉ. बीरबल झा के विचारों ने छात्राओं को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।

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