Chat GPT बना ‘वकील’- अमेरिकी यात्री ने एयरलाइन और होटल से हासिल किया 2 लाख रुपये का रिफंड।

अमेरिका में एक यात्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दम पर एक असंभव लगने वाला काम कर दिखाया। एक अप्रत्याशित चिकित्सा आपातकाल...

May 22, 2025 - 15:56
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Chat GPT बना ‘वकील’- अमेरिकी यात्री ने एयरलाइन और होटल से हासिल किया 2 लाख रुपये का रिफंड।

Trending News: अमेरिका में एक यात्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दम पर एक असंभव लगने वाला काम कर दिखाया। एक अप्रत्याशित चिकित्सा आपातकाल के कारण अपनी कोलंबिया यात्रा रद्द करने के बाद, जब एयरलाइन और होटल ने रिफंड देने से इनकार कर दिया, तो इस यात्री ने Chat GPT को अपना ‘वकील’ बनाया। Chat GPT ने न केवल उनकी बात को प्रभावी ढंग से रखा, बल्कि होटल और एयरलाइन से 2,500 डॉलर (लगभग 2 लाख रुपये) का रिफंड भी दिलवाया। यह घटना कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति और इसके रोजमर्रा के उपयोग को दर्शाती है।

  • मामले का विवरण

यात्री ने अपनी कहानी रेडिट पर साझा की, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक्सपीडिया के माध्यम से कोलंबिया के मेडेलिन शहर के लिए होटल और फ्लाइट बुक की थी। हालांकि, एक आकस्मिक चिकित्सा आपातकाल के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। होटल और एयरलाइन, दोनों ने अपनी सख्त नो-रिफंड नीतियों का हवाला देते हुए रिफंड देने से मना कर दिया। यात्री के पास ट्रिप इंश्योरेंस भी नहीं था, जिसके कारण उन्हें लगभग 2,500 डॉलर (लगभग 2 लाख रुपये) का नुकसान होने का खतरा था।

  • Chat GPT की भूमिका

हालात से निराश यात्री ने Chat GPT से मदद मांगी। उन्होंने एआई से कहा कि वह उनके ‘वकील’ की तरह काम करे और रिफंड के लिए एक ठोस दलील तैयार करे। Chat GPT ने पहले एक्सपीडिया, होटल, और एयरलाइन की रिफंड नीतियों का अध्ययन किया। इसके बाद, यात्री की चिकित्सा स्थिति को आधार बनाकर एक प्रभावी अपील पत्र तैयार किया। इस पत्र में चिकित्सा कारणों से यात्रा रद्द करने की मजबूरी को रेखांकित किया गया था। होटल ने इस पत्र के आधार पर रिफंड देने पर सहमति जताई।

हालांकि, एयरलाइन ने शुरू में रिफंड देने से इनकार कर दिया। उनकी नीति के अनुसार, केवल टर्मिनल बीमारी या मृत्यु के मामलों में ही रिफंड की अनुमति थी। यात्री की स्थिति, सामान्य चिंता विकार (GAD), इस श्रेणी में नहीं आती थी। इसके बावजूद, यात्री ने Chat GPT से एक और पत्र तैयार करने को कहा। इस बार, एआई ने एक और मजबूत पत्र लिखा, जिसमें यह तर्क दिया गया कि यात्री की चिकित्सा स्थिति उड़ान के लिए जोखिम पैदा कर सकती थी और एयरलाइन का रवैया मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भेदभावपूर्ण था। इस पत्र के एक घंटे के भीतर ही एयरलाइन ने अपनी स्थिति बदल दी और यात्री को पूर्ण रिफंड देने पर सहमत हो गया।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। रेडिट और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर लोग इस बात से हैरान हैं कि एक एआई चैटबॉट इतने जटिल मामले में इतनी प्रभावी ढंग से मदद कर सकता है। कई यूजर्स ने इसे “एआई का जादू” करार दिया, जबकि कुछ ने इसे भविष्य की तकनीक की ताकत का उदाहरण बताया। एक यूजर ने लिखा, “यह तो कमाल है! Chat GPT ने वकील की फीस बचाकर 2 लाख रुपये दिलवा दिए!” वहीं, कुछ लोगों ने इस बात पर चिंता जताई कि क्या एआई का इस तरह उपयोग कानूनी रूप से उचित है।

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यह मामला Chat GPT और अन्य बड़े भाषा मॉडल (LLMs) के उपयोग से जुड़े कानूनी और नैतिक सवालों को भी सामने लाता है। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि लोग अक्सर एआई से मिली कानूनी सलाह को वास्तविक वकीलों की सलाह से ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं, खासकर जब उन्हें यह नहीं पता कि सलाह का स्रोत कौन है। हालांकि, एआई द्वारा गलत या काल्पनिक जानकारी देने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जैसे कि एक ऑस्ट्रेलियाई वकील का मामला, जहां Chat GPT ने गलत केस साइटेशन्स जनरेट किए थे। 

इस मामले में, Chat GPT ने सटीक और नीतिगत जानकारी का उपयोग कर यात्री की मदद की, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एआई का इस तरह उपयोग कानूनी सलाह के लिए पूरी तरह विश्वसनीय नहीं हो सकता। फिर भी, इस घटना ने यह साबित कर दिया कि सही दिशा में उपयोग करने पर एआई आम लोगों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है।

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