प्रयागराज में दारोगा और दो सिपाहियों पर एफआईआर दर्ज, वकील की पिटाई का मामला, जांच शुरू।
प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में एक वकील के साथ पुलिस की बर्बरता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अधिवक्ता आकाश मिश्र की शिकायत ...
प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में एक वकील के साथ पुलिस की बर्बरता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अधिवक्ता आकाश मिश्र की शिकायत पर नैनी कोतवाली में एक दारोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। यह घटना पुलिस की कार्यशैली और नागरिकों के साथ व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करती है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है।
आकाश मिश्र ने अपनी तहरीर में बताया कि 15 मई की शाम करीब 5:30 बजे वह कोर्ट से अपने घर लौट रहे थे। नैनी कोतवाली के पास वह एक दुकान पर पानी की बोतल लेने के लिए अपने वाहन से उतरे। इसी दौरान एक दारोगा अपने दो सिपाहियों के साथ वहां पहुंचा और बिना किसी कारण के उनके साथ अभद्र व्यवहार शुरू कर दिया। जब आकाश ने इस अभद्रता का विरोध किया, तो दारोगा और सिपाहियों ने कथित तौर पर उन पर लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में अधिवक्ता का सिर फट गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के बाद आकाश मिश्र ने नैनी कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होंने दारोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनकी तहरीर के आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- वकील समुदाय में आक्रोश
इस घटना ने प्रयागराज के वकील समुदाय में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। अधिवक्ता आकाश मिश्र के साथ हुई इस बर्बरता को लेकर कई वकीलों ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एक वकील, जो कानून का रक्षक है, के साथ इस तरह का व्यवहार पुलिस की मनमानी को दर्शाता है। इस घटना ने पुलिस और नागरिकों के बीच विश्वास की कमी को भी उजागर किया है।
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- पुलिस की भूमिका पर सवाल
यह घटना उस समय हुई जब नैनी क्षेत्र में पुलिस कथित तौर पर लाठीचार्ज कर रही थी। हालांकि, इस लाठीचार्ज का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। आकाश मिश्र ने अपनी शिकायत में दावा किया कि उनका कोई गलत कार्य नहीं था और वह केवल पानी की बोतल लेने के लिए रुके थे। बावजूद इसके, पुलिस ने उन पर हमला किया। इस मामले ने पुलिस के आचरण और उनके द्वारा बल प्रयोग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं।
फिलहाल, पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। यह देखना बाकी है कि इस जांच के परिणाम क्या निकलते हैं और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है। इस बीच, वकील समुदाय ने मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
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