Hardoi News: हरदोई में सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण ढहाए, 38 मकान और दुकानों पर चला बुलडोजर
कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया, क्योंकि इससे नहर का जलप्रवाह सुधरेगा और किसानों को....

By INA News Hardoi.
हरदोई: जिले के टड़ियावां थाना क्षेत्र के हरिहरपुर गांव में सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया। विभाग की जमीन पर बने 38 अवैध मकानों और दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई रजबहे के दोनों किनारों की पटरियों पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए की गई, जो नहर के जलप्रवाह को बाधित कर रहे थे।
10 दिन पहले जारी हुआ था नोटिस
सिंचाई विभाग ने 10 दिन पहले अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर स्वयं अवैध निर्माण हटाने की चेतावनी दी थी। नोटिस में अतिक्रमणकारियों को अपनी संरचनाएं हटाने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था।हालांकि, समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अधिकांश लोगों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद प्रशासन ने राजस्व विभाग और पुलिस बल की संयुक्त टीम के साथ बुलडोजर चलाने का फैसला किया।
कार्रवाई के दौरान पुलिस बल तैनात
कार्रवाई के दौरान राजस्व विभाग और पुलिस की टीमें मौके पर मौजूद रहीं। कुछ अतिक्रमणकारियों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। बुलडोजर ने एक-एक कर सभी अवैध मकानों और दुकानों को ढहा दिया। इस कार्रवाई से रजबहे की पटरियां पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त हो गईं।
जलप्रवाह बाधित होने की थी शिकायत
सिंचाई विभाग के अनुसार, रजबहे के किनारों पर बने इन अवैध निर्माणों से नहर का जलप्रवाह बाधित हो रहा था, जिससे आसपास के खेतों में सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की।सिंचाई विभाग के एक्स.सी.एन अखिलेश गौतम ने बताया कि यह कार्रवाई नहरों के सुचारू संचालन और किसानों की सुविधा के लिए जरूरी थी।
प्रशासन ने इस कार्रवाई के साथ ही जिले में अन्य अतिक्रमणकारियों को भी कड़ी चेतावनी जारी की है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी। गौतम ने बताया कि विभाग लगातार ऐसी जमीनों की जांच कर रहा है, जहां अवैध कब्जे की शिकायतें मिल रही हैं।कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया, क्योंकि इससे नहर का जलप्रवाह सुधरेगा और किसानों को लाभ होगा। वहीं, जिनके निर्माण ढहाए गए, उन्होंने प्रशासन पर बिना पर्याप्त सहायता के कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि नोटिस जारी करने के बाद अतिक्रमणकारियों को पर्याप्त समय दिया गया था। यह कार्रवाई सार्वजनिक हित में और कानून के दायरे में की गई है। सिंचाई विभाग ने अन्य क्षेत्रों में भी अतिक्रमण की जांच तेज करने के संकेत दिए हैं।
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