Hardoi News: अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर हरदोई में महिला सम्मेलन, सामाजिक सुधार और नारी सशक्तीकरण की प्रेरणा
सम्मेलन में मुख्य वक्ता, सीतापुर के पूर्व जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए जनसहभागिता ...
By INA News Hardoi.
हरदोई : माता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के तहत हरदोई के श्रीश चंद्र बारात घर में एक भव्य महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने अहिल्याबाई के सामाजिक सुधारों, नारी सशक्तीकरण और सांस्कृतिक योगदान को याद करते हुए उनके जीवन को प्रेरणा का स्रोत बताया। कार्यक्रम में जनसहभागिता के साथ उनके कृत्यों को आत्मसात करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने पर जोर दिया गया।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता, सीतापुर के पूर्व जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए जनसहभागिता के साथ कार्य किया और महिला उत्थान के लिए निर्णायक फैसले लिए। उन्होंने कहा, “अहिल्याबाई एक साहसी शासक होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में भी अग्रणी थीं। बद्रीनाथ, केदारनाथ, और काशी विश्वनाथ जैसे धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और मंदिर निर्माण में उनका योगदान अतुलनीय है।” मेहरोत्रा ने जोर देकर कहा कि अहिल्याबाई का जीवन संयम, सरलता और सर्वसमावेशी दृष्टिकोण का प्रतीक है, जो आज के समाज के लिए प्रेरणादायी है।
उन्होंने वर्तमान संदर्भ में जोड़ा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। यह अहिल्याबाई की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज महिलाएं समाज और संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।”
महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अलका गुप्ता ने अहिल्याबाई को अवतारी शक्तियों के समतुल्य बताते हुए कहा, “इंदौर की महारानी अहिल्याबाई का सादगीपूर्ण जीवन, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति समर्पण, और विशेषकर किसानों व महिलाओं के हित में लिए गए निर्णय आज भी प्रासंगिक हैं।” उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई ने भारत के प्रत्येक वर्ग और क्षेत्र के हित में कार्य किया, जिसके लिए उन्होंने भारी मात्रा में धन व्यय किया, फिर भी उनका राजकोष समृद्ध रहा। उनकी दूरदर्शिता और व्यापक विचारशीलता ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्स्थापित किया। गुप्ता ने कहा, “अहिल्याबाई की कार्यशैली और चिंतन आज भी हमें प्रेरित करता है। यह प्रदर्शनी उनके जीवन का सार है, और भारतवासी उनके योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेंगे।”
सम्मेलन की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा ने की, जबकि संचालन निधि सिंह ने किया। कार्यक्रम में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जिसमें पदमा गुप्ता, सुमन सिंह, रेखा कुशवाहा, हेमलता, बॉबी गुप्ता, सुषमा गुप्ता, प्रियंका सिंह, पूजा गुप्ता, नेहा कुशवाहा, कविता, सीमा मिश्रा, अंकित पांडे, शुभम लोहिया, पंकज सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, और योगेंद्र पाल सिंह जैसे प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि अहिल्याबाई का जीवन न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि समस्त समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी नीति-निर्धारण क्षमता, सामाजिक सुधारों के प्रति समर्पण और धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यों में योगदान आज भी समाज को दिशा दिखाता है। सम्मेलन में यह संदेश दिया गया कि अहिल्याबाई के आदर्शों को अपनाकर समाज में समावेशिता, संयम और सेवा की भावना को बढ़ावा दिया जा सकता है।
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