Hathras News: नव संवत्सर के अवसर पर सासनी में सजी कवि चैपाल, रश्मिरथ लेकर आई भोर की ये सु प्रभा
नवसंवत्सर के मौके पर आयोजित कवि चैपाल में अध्यक्ष द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन करने के बाद रोशन लाल वर्मा ने सरस्वती वंदना का सस्वर पाठ किया। तत्पश्चात उन्होंने सु...
By INA News Hathras.
हाथरस: बुजुर्गों एवं कवियों की सामाजिक साहित्यिक संस्था साहित्यानंद सासनी के बैनर तले वीरपाल सिंह वीर द्वारा बसंत विहार कॉलोनी में कवि चौपाल का आयोजन पं.राम निवास उपाध्याय की अध्यक्षता व मुरारी लाल मधुर के संचालन में किया गया। नवसंवत्सर के मौके पर आयोजित कवि चैपाल में अध्यक्ष द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन करने के बाद रोशन लाल वर्मा ने सरस्वती वंदना का सस्वर पाठ किया।
तत्पश्चात उन्होंने सुनाया- रश्मिरथ लेकर के आई भोर की यह सु -प्रभा अरुणिमा आते ही नभ में लुप्त हो जाती विभा। इसके बाद डाक्टर प्रभात कुमार ने सुनाया-पहले थी जो बात ठीक अब रौंग हो गई लगता है मोहब्बत मेरी स्ट्रांग हो गई।
Also Read: Hathras News: घरेलू विद्युत कनैक्शन के लिए डीएम से की शिकायत
इसके बाद नेहा वार्ष्णेय ने सुनाया- मैंने जुबान के चटकारे सारे मसल दिए स्वाद थे जो निराले सारे निगल लिए। इसके बाद सुरेश चंद शर्मा ने सुनाया देखो आज हमें नव संवत दस्तक दे रहा है मानव को सत्पथ पर चलने का संदेश दे रहा है। रविराज सिंह ने सुनाया-वह मुझे देखकर मुस्कुराता रहा मेरा दिल मेरे हाथों से जाता रहा। विष्णु कुमार शर्मा ने सुनाया आरती कर घरवारी की प्राणपति प्रीतम प्यारी की।
कवि राम निवास उपाध्याय ने सुनाया-महंगाईयों के हाथी किस कदर दौड़ते हैं सौ कोस हर मिनट की रफ्तार बन गई है इसके बाद कवि वीरेन्द्र जैन नारद ने सुनाया ओ दिल के दरपरन तू सच्चाई को बोल चमक दमक के सामने मत हो डांवाडोल झूठ और सच का आजकल बदल गया भूगोल चमक दमक के सामने मत हो डांवाडोल। इसके अलावा अशोक मिश्रा वीरपाल सिंह वीर मुरारी लाल मधुर शैलेश अवस्थी की भी रचनाएं सराही गईं।
What's Your Reaction?