Politics: भोपाल में CM मोहन यादव की सुरक्षा में चूक- नशे में धुत कार चालक ने काफिले के रास्ते में मचाया उत्पात। 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक नशे में धुत कार चालक ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले....

Jun 21, 2025 - 18:02
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Politics: भोपाल में CM मोहन यादव की सुरक्षा में चूक- नशे में धुत कार चालक ने काफिले के रास्ते में मचाया उत्पात। 

20 जून 2025 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक नशे में धुत कार चालक ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले के रास्ते में रॉन्ग साइड से प्रवेश कर हंगामा मचाया। यह घटना भोपाल की वीआईपी रोड पर हुई, जो शहर की सबसे सुरक्षित और संवेदनशील सड़कों में से एक है। कार चालक ने न केवल काफिले की सुरक्षा को खतरे में डाला, बल्कि पुलिस को डराने की कोशिश की और रोकने के बावजूद अपनी कार को भगाने की कोशिश की। इस घटना में एक युवक मौके से फरार हो गया, जबकि अन्य को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है, और पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुट गई है।

20 जून 2025 को दोपहर करीब 2:30 बजे, मुख्यमंत्री मोहन यादव का काफिला भोपाल की वीआईपी रोड से गुजर रहा था। यह काफिला सीएम के एक आधिकारिक कार्यक्रम के लिए जा रहा था, और इसमें विशेष सुरक्षा समूह (SPG), मध्य प्रदेश पुलिस, और ट्रैफिक पुलिस की गाड़ियां शामिल थीं। इसी दौरान, एक तेज रफ्तार कार रॉन्ग साइड से काफिले के रास्ते में आ गई। कार चालक, जो नशे में धुत था, ने काफिले के सामने खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाई और असामान्य हरकतें शुरू कर दीं।

प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के अनुसार, कार चालक ने न केवल सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाई, बल्कि जब ट्रैफिक पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने पुलिसकर्मियों को धमकाया। न्यूज18 और IBC24 की रिपोर्ट्स के अनुसार, कार में दो युवक सवार थे, जिनमें से एक ने गाड़ी को तेजी से भगाने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों की त्वरित कार्रवाई के कारण कार को साइड में रोक लिया गया, लेकिन एक युवक मौके से भाग निकला। दूसरे युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, और कार को जब्त कर लिया गया।

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें कार को काफिले के बीच में रॉन्ग साइड से आते हुए और पुलिस द्वारा उसे रोकते हुए देखा जा सकता है। इस घटना ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल में अपने कार्यालय से एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। वीआईपी रोड, जहां यह घटना हुई, भोपाल का एक संवेदनशील क्षेत्र है, जहां मुख्यमंत्री और अन्य वीआईपी नेताओं के काफिले अक्सर गुजरते हैं। इस रोड पर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए विशेष व्यवस्था होती है, और काफिले के गुजरने से पहले रास्ता खाली कर लिया जाता है। फिर भी, इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी चूक को उजागर किया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि कार में सवार दोनों युवक नशे में थे। कार की तलाशी में शराब की बोतलें और अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली। हिरासत में लिए गए युवक ने पूछताछ में बताया कि वे एक निजी पार्टी से लौट रहे थे और रास्ता भटक गए थे। हालांकि, पुलिस इस दावे की पुष्टि कर रही है, और यह भी जांच कर रही है कि क्या यह कोई सुनियोजित साजिश थी या महज एक लापरवाही।

  • पुलिस की कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद, भोपाल पुलिस ने कार को जब्त कर लिया और हिरासत में लिए गए युवक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 281 (लापरवाही से वाहन चलाना), 351(2) (आपराधिक धमकी), और मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। फरार युवक की तलाश के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं, और सीसीटीवी फुटेज की मदद से उसकी पहचान की कोशिश की जा रही है।

भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा, “यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है। हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। फरार आरोपी को जल्द पकड़ लिया जाएगा।” पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

  • सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह घटना भोपाल में वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती है। मुख्यमंत्री जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति की सुरक्षा में विशेष सुरक्षा समूह (SPG) और स्थानीय पुलिस की कई परतें शामिल होती हैं। फिर भी, एक नशे में धुत कार चालक का काफिले के रास्ते में प्रवेश करना और पुलिस को धमकाना यह दर्शाता है कि ट्रैफिक प्रबंधन और निगरानी में कमी थी।

पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश में वीआईपी काफिलों से जुड़ी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में भोपाल में एक सड़क हादसे में एक वीआईपी काफिले की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस घटना ने पुलिस और प्रशासन को अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया है।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कीं। X पर कई यूजर्स ने इसे सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “मुख्यमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक? भोपाल पुलिस को जवाब देना होगा।” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “नशे में धुत ड्राइवर सीएम के काफिले में घुस गया, और पुलिस सिर्फ देखती रही। यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।”

विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने इस घटना को सरकार की नाकामी का प्रतीक बताया। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा, “मोहन यादव सरकार अपराध और लापरवाही को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है। अगर सीएम की सुरक्षा में ऐसी चूक हो सकती है, तो आम आदमी का क्या हाल होगा?” दूसरी ओर, बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की तारीफ की और कहा कि यह एक “अलग-थलग” घटना थी।

  • नशे में ड्राइविंग का बढ़ता खतरा

यह घटना नशे में ड्राइविंग की बढ़ती समस्या को भी उजागर करती है। मध्य प्रदेश में हाल के महीनों में नशे में वाहन चलाने की कई घटनाएं सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, 2 जून 2025 को भोपाल में एक तेज रफ्तार कार चालक ने रॉन्ग साइड से आकर दो युवकों को रौंद दिया था, जिसका सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था। इसी तरह, 15 जून 2025 को ग्वालियर में एक नशे में धुत ड्राइवर ने बाइक को टक्कर मारी थी, जिसके बाद वह फरार हो गया था।

पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में 2024 में नशे में ड्राइविंग के कारण 1,200 से अधिक सड़क हादसे हुए, जिनमें 300 से ज्यादा लोगों की जान गई। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जागरूकता अभियानों की जरूरत है।

20 जून 2025 को भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले के रास्ते में एक नशे में धुत कार चालक द्वारा उत्पात मचाने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया। इस घटना ने न केवल पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती पेश की, बल्कि नशे में ड्राइविंग की बढ़ती समस्या को भी सामने लाया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ा हादसा टाल दिया, लेकिन फरार आरोपी की गिरफ्तारी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।

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