Lucknow News: 6 मई तक 8.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद, 2045 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया, गेहूं खरीद में तेजी लाने के लिए मंत्री ने दिए सख्त निर्देश

6 मई 2025 को आयोजित इस वर्चुअल समीक्षा बैठक में गेहूं खरीद की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए। 8.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद और 2045...

May 6, 2025 - 23:14
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Lucknow News: 6 मई तक 8.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद, 2045 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया, गेहूं खरीद में तेजी लाने के लिए मंत्री ने दिए सख्त निर्देश

By INA News Lucknow.

लखनऊ: रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत गेहूं खरीद की प्रगति को तेज करने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। 6 मई 2025 को खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में लखनऊ के जवाहर भवन स्थित खाद्यायुक्त कार्यालय के कमांड रूम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गेहूं खरीद की प्रगति, भंडारण, और अन्य संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई, साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए।

बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी

यह वर्चुअल समीक्षा बैठक अपराह्न 4:00 बजे शुरू हुई, जिसमें खाद्य एवं रसद विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इनमें प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद, आयुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी, अपर आयुक्त (स्थापना) कामता प्रसाद सिंह, अपर आयुक्त (विपणन) राममूर्ति पांडेय, वित्त नियंत्रक कमलेंद्र कुमार, संभागीय खाद्य नियंत्रक (मुख्यालय) रवि शंकर मिश्र, भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक प्रशांत शर्मा, पीसीएफ के प्रबंध निदेशक डॉ. चंद्र भूषण त्रिपाठी, पीसीयू के प्रबंध निदेशक श्रीकांत गोस्वामी, यूपीएसएस के प्रबंध निदेशक नरेंद्र कुमार सिंह, मंडी परिषद के संयुक्त निदेशक सचिन कुमार सिंह, राज्य भंडारागार निगम के प्रबंध निदेशक आर.बी. गुप्ता, नैफेड के स्टेट हेड रोहित जैमन, और एनसीसीएफ के उप प्रबंधक फार्रुख किदवई शामिल थे। इसके अलावा, विभिन्न संभागों के संभागीय खाद्य नियंत्रक, खाद्य विपणन अधिकारी, और जिला स्तरीय अधिकारी भी बैठक में वर्चुअल रूप से मौजूद रहे।

गेहूं खरीद की प्रगति: आंकड़ों में उछाल

बैठक में अपर आयुक्त (विपणन) राममूर्ति पांडेय ने गेहूं खरीद की प्रगति का ब्योरा पेश किया। उन्होंने बताया कि 6 मई 2025 तक प्रदेश में 5851 क्रय केंद्रों के माध्यम से 1,62,943 किसानों से 8.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में काफी बेहतर है, जब 6.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। इसके साथ ही, अब तक किसानों को 2045 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है।

हालांकि, यह प्रगति सरकार के निर्धारित लक्ष्य से अभी पीछे है, जिसके चलते मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने अधिकारियों को खरीद प्रक्रिया में और तेजी लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

मंत्री के सख्त निर्देश: गेहूं खरीद में तेजी लाने पर जोर

राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने बैठक में सभी संभागीय खाद्य नियंत्रकों और क्रय एजेंसियों के अधिकारियों से गेहूं खरीद की प्रगति, क्रय केंद्रों पर खरीद की स्थिति, भंडारण डिपो पर ट्रकों की अनलोडिंग, और मंडी समितियों के सहयोग जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने गेहूं खरीद को और प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

  1. क्रय केंद्रों पर खरीद में तेजी: मंत्री ने सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को मई 2025 के शेष दिनों में अथक प्रयास करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र प्रभारी क्षेत्र में भ्रमण करें, किसानों से संपर्क करें, और तिथिवार सूची तैयार कर सचल क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं की तौल सुनिश्चित करें।
  2. शून्य खरीद की स्थिति न हो: सभी क्रय एजेंसियों के संभाग और जिला स्तरीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि किसी भी क्रय केंद्र पर खरीद शून्य न रहे। अगर किसी केंद्र पर लगातार खरीद शून्य रहती है, तो जिला प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे केंद्रों पर खरीद की योजना तैयार की जाए।
  3. सहकारिता विभाग की भूमिका बढ़ाएं: मंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग की क्रय संस्थाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से सीधा संपर्क होता है, इसलिए वे गेहूं खरीद में अपेक्षित प्रगति ला सकते हैं। सहकारिता विभाग को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया।
  4. जिला प्रशासन के साथ समन्वय: सभी संभागीय खाद्य नियंत्रकों को अपने मंडलायुक्त और जिला खाद्य विपणन अधिकारियों को अपने जिलाधिकारी से निरंतर संपर्क में रहने और गेहूं खरीद की स्थिति से प्रतिदिन अवगत कराने का निर्देश दिया गया। किसी भी समस्या का समाधान जिला प्रशासन के माध्यम से तुरंत करने को कहा गया।
  5. अवैध संचरण पर रोक: मंत्री ने सीमावर्ती जिलों में अन्य राज्यों को गेहूं के अवैध संचरण पर सख्त कार्रवाई करने और इस पर रोक लगाने के लिए प्रवर्तन कार्यवाही को तेज करने का निर्देश दिया।
  6. न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करें: कुछ स्रोतों से जानकारी मिली थी कि व्यापारी और आढ़ती न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर गेहूं खरीद रहे हैं। मंत्री ने मंडी परिषद को इस पर कड़ी निगरानी रखने और मंडी परिसर में आने वाले किसानों का गेहूं निकटवर्ती सरकारी क्रय केंद्रों पर बिकवाने का निर्देश दिया, ताकि डिस्ट्रेस सेल की स्थिति न बने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले।
  7. सभी क्रय केंद्रों को क्रियाशील करें: प्रदेश के सभी स्वीकृत क्रय केंद्रों को तुरंत क्रियाशील करने और खरीद शुरू करने का निर्देश दिया गया।
  8. किसानों को समय पर भुगतान: प्रबंध निदेशक, पीसीएफ को सभी क्रय केंद्रों पर एक माह की खरीद के सापेक्ष धनराशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया, ताकि किसानों को भुगतान में कोई देरी न हो।
  9. माइक्रोप्लान तैयार करें: सभी संभागीय खाद्य नियंत्रकों और क्रय संस्थाओं के प्रभारियों को गांवों में ग्राम प्रधानों और किसानों से संपर्क कर माइक्रोप्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया। इस प्लान में किसानों का मोबाइल नंबर, नाम, पता, बिक्री के लिए अनुमानित मात्रा, और कटाई की संभावित तिथि जैसी जानकारी शामिल होनी चाहिए। इसके आधार पर किसानों को प्रेरित कर गेहूं खरीद में तेजी लाई जाए।

प्रमुख सचिव के अतिरिक्त निर्देश

प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद ने भी बैठक में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया और निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

  1. आढ़तियों पर सख्ती: आढ़तियों और निजी व्यापारियों द्वारा मंडी शुल्क दिए बिना गेहूं खरीद की जा रही हो, तो उनसे सख्ती से शुल्क वसूला जाए।
  2. भंडारण की व्यवस्था: कुछ जिलों में क्रीत गेहूं के भंडारण के लिए स्थान की कमी की शिकायतें आई थीं। प्रमुख सचिव ने ऐसे जिलों में तत्काल वैकल्पिक भंडारण स्थलों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया, ताकि गेहूं की अनलोडिंग में कोई रुकावट न आए।
  3. ट्रकों की अनलोडिंग में तेजी: भारतीय खाद्य निगम और राज्य भंडारागार निगम को डिपो पर गेहूं उतारने के लिए पर्याप्त श्रमिक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इससे ट्रकों की तेजी से अनलोडिंग होगी और खाली ट्रक जल्दी से मोबाइल क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद के लिए उपलब्ध हो सकेंगे।
  4. मई में खरीद पर विशेष ध्यान: प्रमुख सचिव ने कहा कि मई का महीना गेहूं खरीद के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। सभी क्रय संस्थाओं और केंद्र प्रभारियों को अथक प्रयास कर मोबाइल क्रय केंद्रों से प्रतिदिन अधिक से अधिक ट्रक लगाकर गेहूं खरीद करने का निर्देश दिया गया।

इस समीक्षा बैठक और गेहूं खरीद की प्रगति को लेकर किसानों और स्थानीय लोगों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है। एक किसान, राम शंकर, ने कहा, "इस साल खरीद की प्रक्रिया पिछले साल से बेहतर है। हमें समय पर भुगतान भी मिल रहा है। लेकिन कुछ क्रय केंद्रों पर अभी भी भीड़ और देरी की समस्या है। सरकार को इसे और सुचारु करना चाहिए।"वहीं, एक अन्य किसान, श्याम लाल, ने कहा, "कई बार व्यापारी हमसे कम दाम पर गेहूं खरीदने की कोशिश करते हैं। अगर मंडी परिषद और क्रय केंद्र सक्रिय रहें, तो हमें एमएसपी का पूरा लाभ मिलेगा।"

खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने इस बैठक के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार की प्राथमिकता किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और गेहूं खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी व सुचारु बनाना है। यह बैठक उत्तर प्रदेश सरकार की उस नीति को भी दर्शाती है, जिसमें किसानों के हितों को सर्वोपरि माना गया है। मई के महीने में गेहूं खरीद में तेजी लाने के लिए दिए गए निर्देशों से उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश अपने खरीद लक्ष्य को जल्द हासिल कर लेगा।6 मई 2025 को आयोजित इस वर्चुअल समीक्षा बैठक में गेहूं खरीद की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए। 8.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद और 2045 करोड़ रुपये के भुगतान के साथ यह प्रक्रिया सही दिशा में बढ़ रही है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं। मई के महीने में खरीद में तेजी लाने, अवैध संचरण पर रोक लगाने, और क्रय केंद्रों को पूरी तरह क्रियाशील करने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। अब यह देखना होगा कि इन निर्देशों का पालन कितनी प्रभावी ढंग से होता है और गेहूं खरीद का लक्ष्य कितनी जल्दी हासिल किया जाता है। बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई, जिससे किसानों और प्रशासन के बीच एक सकारात्मक संवाद की उम्मीद जगी है।

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