Lucknow News: बसपा में खत्म हुआ परिवारवाद, मायावती ने किया ऐलान- परिवार से बढ़कर है पार्टी का दायित्व
मायावती (Mayawati) ने स्पष्ट किया कि आकाश अभी अपरिपक्व (इमेच्योर) हैं और उन्हें जिम्मेदारियों के लिए और परिपक्व होने की जरूरत है। 47 दिन बाद मायावती (Mayawati) ने अपना फैस....
By INA News Lucknow.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) के सियासी दल बहुजन समाज पार्टी (BSP) में बड़ा फेरबदल हुआ है। पार्टी को दो नए नेशनल को-ऑर्डिनेटर मिले हैं। आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है और उनकी जगह उनके पिता और पार्टी महासचिव आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद राम जी गौतम को बीएसपी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है। आकाश के भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को बड़ी जिम्मेदारी दी। दोनों को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। इस मौके पर मायावती (Mayawati) ने कहा कि अब मेरे जिंदा रहने तक कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। पार्टी और मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अब मैंने खुद भी यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी व मेरी आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले है। भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते नाते आदि सभी बाद में हैं। आकाश आनंद से साल भर में दूसरी बार कुर्सी छीनी गई है। 7 मई 2024 को आकाश आनंद की गलतबयानी के कारण मायावती (Mayawati) ने उनसे सभी जिम्मेदारियां छीन लीं। उन्होंने न केवल आकाश को उत्तराधिकारी पद से हटाया, बल्कि नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया। इस दौरान मायावती (Mayawati) ने स्पष्ट किया कि आकाश अभी अपरिपक्व (इमेच्योर) हैं और उन्हें जिम्मेदारियों के लिए और परिपक्व होने की जरूरत है। 47 दिन बाद मायावती (Mayawati) ने अपना फैसला बदल दिया।
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23 जून 2024 को उन्होंने आकाश आनंद को फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी। अब, एक बार फिर मायावती (Mayawati) ने आकाश आनंद से सारी जिम्मेदारियां छीन ली हैं, जिससे पार्टी में एक बार फिर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। बसपा ने 10 दिसंबर 2023 को यूपी और उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मायावती (Mayawati) ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था।
उन्होंने पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया था। मायावती (Mayawati) ने कहा कि कांशीराम के विचारों पर चलते हुए, अशोक सिद्धार्थ (जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं) को पार्टी और आंदोलन के हित में बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उन पर यूपी समेत पूरे देश में पार्टी को गुटबाजी के जरिए कमजोर करने का आरोप था। जहां तक आकाश आनंद का संबंध है, यह सभी जानते हैं कि उनकी शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी से हुई है। मायावती (Mayawati) ने कहा मेरे जीते जी कोई पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं बनेगा। इसके साथ ही, उन्होंने पार्टी और आंदोलन के हित में बीएसपी के जन्मदाता और संस्थापक कांशीराम के बारे में यह भी बताया कि कैसे उन्होंने अपने रिश्ते-नातों आदि को पार्टी में कार्य करने के लिए कभी भी मना नहीं किया था, लेकिन इस मामले में उनका यह भी कहना था, "वे भी अर्थात् मेरे रिश्ते-नाते भी पार्टी में अन्य लोगों की तरह ही कार्य कर सकते हैं लेकिन अगर इसकी आड़ में जिस दिन वे मेरे नाम का दुरूपयोग करके पार्टी और आंदोलन को नुकसान पहुंचायेंगे, उसी दिन मैं तुरंत उन्हें पार्टी से निकाल दूंगा। इसके कई उदाहरण हैं और इस मामले में पंजाब के लोग तो अच्छी तरह से जानते हैं।"
मायावती (Mayawati) ने कहा कि अशोक सिद्धार्थ को, जो आकाश आनन्द के ससुर भी है, उसे अब पार्टी व मूवमेन्ट के हित में पार्टी से निकाल कर बाहर किया है जिसने यूपी सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर इसे कमजोर करने का घिनौना कार्य किया है, जो कतई बर्दाश्त करने लायक नहीं है। यह सब उनकी लड़के की शादी में भी देखने के लिए मिला है। जहां तक इस मामले में आकाश आनन्द का सवाल है तो आपको यह मालूम है कि अशोक सिद्धार्थ की लड़की के साथ इनकी शादी हुई है।
अब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उस लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है तथा आकाश पर भी उसकी लड़की का कितना प्रभाव पड़ता है तो यह सब भी अब हमें काफी गम्भीरता से देखना होगा जो अभी तक कतई भी पॉजिटिव नहीं लग रहा है। ऐसे में पार्टी व मूवमेन्ट के हित में आकाश आनन्द को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है। जिसके लिए पार्टी नहीं बल्कि पूर्ण रूप से इसका ससुर अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार है, जिसने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आकाश आनन्द के राजनीतिक कैरियर को भी खराब कर दिया है। आकाश आनंद से साल भर में दूसरी बार कुर्सी छीनी गई है।
7 मई 2024 को आकाश आनंद की गलतबयानी के कारण मायावती (Mayawati) ने उनसे सभी जिम्मेदारियां छीन लीं। उन्होंने न केवल आकाश को उत्तराधिकारी पद से हटाया, बल्कि नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया। इस दौरान मायावती (Mayawati) ने स्पष्ट किया कि आकाश अभी अपरिपक्व (इमेच्योर) हैं और उन्हें जिम्मेदारियों के लिए और परिपक्व होने की जरूरत है। 47 दिन बाद मायावती (Mayawati) ने अपना फैसला बदल दिया। 23 जून 2024 को उन्होंने आकाश आनंद को फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी। बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने एक बार फिर से अपने भाई आनंद कुमार व रामजी गौतम पर भरोसा जताया है। उन्हें प्रमुख कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी है। आनंद कुमार व रामजी गौतम को पूरे देश के लिए पार्टी का नेशनल कोओर्डिनेटर (National Coordinator) बना दिया गया है। साथ ही इनके जिम्मेदारियों को भी बता दिया गया है।
इसके अलावा पार्टी, मूवमेंट व संगठन की मजबूती के संबंध में कुछ जरूरी बातें रखी, जिनसे पार्टी के लोगों को काफी प्रेरणा भी जरूर मिलेगी। साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव हारने के बाद मायावती (Mayawati) उन्हें जनता के सामने लायी थीं। साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने आकाश को स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया था। इसी समय बसपा का सपा के साथ गठबंधन टूट गया था और आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर घोषित किया गया था। मगर, रविवार को मायावती (Mayawati) के एक फैसले ने सबको हैरान करके रख दिया। आकाश आनंद, मायावती (Mayawati) के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। उनका जन्म 1995 में नोएडा में हुआ।
आकाश ने नोएडा और गुरुग्राम से स्कूली शिक्षा हासिल की। उन्होंने वर्ष 2013 से 2016 के दौरान लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। इंडिया वापस आकर उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया और पिता का बिजनेस भी संभाला। आकाश ने कई बड़ी कंपनियों के साथ काम भी किया। वर्ष 2016 में आकाश आनंद ने सक्रिय राजनीति में आने का फैसला लिया। आकाश पिछले कई सालों से पार्टी में एक्टिव हैं, उन्होंने हाल ही में हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में बखूबी जिम्मेदारी संभाली।
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