Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ (Maha Kumbh) में बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर अखाड़ों ने किया दिव्य-भव्य और अलौकिक अमृत स्नान

महाकुम्भ (Maha Kumbh) में त्रिवेणी के तट पर बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अमृत स्नान (Amrit Snan) में आस्था की बयार प्रवाहित हुई। तीसरे अमृत स्नान (Amrit Snan) की शुरुआत ...

Feb 3, 2025 - 20:56
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Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ (Maha Kumbh) में बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर अखाड़ों ने किया दिव्य-भव्य और अलौकिक अमृत स्नान

सार-

  • पूरे वैभव और लाव लश्कर के साथ शैव, बैरागी और उदासीन सम्प्रदाय के अखाड़ों ने अमृत काल में लगाई पुण्य की डुबकी
  • अमृत स्नान (Amrit Snan) के समय हेलिकाप्टर से हुई पुष्पवर्षा , अभीभूत हुए संत, संन्यासी और श्रद्धालु
  • अमृत स्नान (Amrit Snan) करने वाले साधु संतों और श्रद्धालुओं को सीएम योगी ने दी बधाई

By INA News Maha Kumbh Nagar.

तीर्थराज, प्रयागराज में सनातन आस्था के महापर्व, महाकुम्भ (Maha Kumbh) में बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अवसर पर तीसरे अमृत स्नान (Amrit Snan) का समापन हो गया।प्रशासन के मुताबिक इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने पावन त्रिवेणी के जल में अमृत काल में पुण्य की डुबकी लगाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पुण्य अवसर पर सभी साधु संतों , महात्मा और श्रद्धालुओं को बधाई दी। 

  • महाकुम्भ (Maha Kumbh) में बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर अखाड़ों ने किया भव्य, दिव्य और अलौकिक अमृत स्नान (Amrit Snan)

महाकुम्भ (Maha Kumbh) में त्रिवेणी के तट पर बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अमृत स्नान (Amrit Snan) में आस्था की बयार प्रवाहित हुई। तीसरे अमृत स्नान (Amrit Snan) की शुरुआत हिन्दू सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों के संतों की संगम में पुण्य की डुबकी से हुई।अखाड़ो के इस अमृत स्नान (Amrit Snan) के साथ ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी (Basant Panchami) के संयोग ने इसे और विशिष्ट बना दिया। त्रिवेणी के तट पर पहला अमृत स्नान (Amrit Snan) कर्म का माना जाता है , दूसरा अमृत स्नान (Amrit Snan) भक्ति का और तीसरा ज्ञान का।प्रयागराज में वैसे भी गंगा और यमुना के साथ ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की धारा का संगम होता है। इसी संयोग ने इस अमृत स्नान (Amrit Snan) को अलौकिक बना दिया। 

  • पूर्ण वैभव और भव्यता के साथ अखाड़ों ने किया अमृत स्नान (Amrit Snan)

बसंत पंचमी (Basant Panchami) के पावन पर्व पर अपनी सनातन परंपरा का अनुगमन करते हुए साधु-संन्यासियों के अखाड़ों ने पूरे विधि-विधान से शोभा यात्रा निकालते हुए अमृत स्नान (Amrit Snan) किया। सहस्त्राब्दियों से चली आ रही महाकुम्भ (Maha Kumbh) में अमृत स्नान (Amrit Snan) की अक्षुण्ण सनातन परंपरा को जीवंत होता देख आम जनमानस भाव विह्वल हो उठा।हिमालय की कंदराओं, मठों, मंदिरों में रहने वाले धर्म रक्षक नागा अपना रूप श्रृंगार कर मां गंगा की गोद में अठखेलियां करने उतर पड़े। अखाड़े परंपरा और अपने क्रम के अनुसार पूरे लाव-लश्कर के साथ संगम की ओर बढ़ते जा रहे थे। अमृत स्नान (Amrit Snan) की शुरूआत महा निर्वाणी अखाड़े के स्नान के साथ हुई।इसके बाद पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार निरंजनी अखाड़ा, पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ आवाहन और पंच अग्नि अखाड़े के नागा साधुओं ने स्नान किया। सन्यासी अखाड़ों के बाद वैष्णव और उदासीन अखाड़ों का अमृत स्नान (Amrit Snan) हुआ और सबसे आखिर में निर्मल अखाड़े में अमृत काल में पुण्य की डुबकी लगाई।

  • अमृत स्नान (Amrit Snan) के समय हेलिकाप्टर से हुई पुष्पवर्षा , अभिभूत हुए संत, संन्यासी और श्रद्धालु

महाकुम्भ (Maha Kumbh) 2025 के अंतिम अमृत स्नान (Amrit Snan) बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर्व में संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई।पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह 6.30 बजे से ही हो गई और तक चलती रही जब तक अखाड़ों का अमृत स्नान (Amrit Snan) जारी। गुलाब की पंखुड़ियों की आसमान से हो बारिश देख संगम तट पर मौजूद नागा संन्यासी , संत समाज और श्रद्धालु अभिभूत हो गए।हर तरफ जय श्री राम और हर हर महादेव का उद्घोष आरम्भ हो गया। महाकुम्भ (Maha Kumbh) के सभी तीनों अमृत स्नान (Amrit Snan) पर अखाड़ों के संतों श्रद्धालुओं और कल्पवासियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई है। 

  • अमृत स्नान (Amrit Snan) करने वाले साधु संतों और श्रद्धालुओं को सीएम योगी ने दी बधाई

मां सरस्वती के प्राकट्य के पर्व बसंत पंचमी (Basant Panchami) के पावन अवसर पर महाकुम्भ (Maha Kumbh) 2025 में पवित्र त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान (Amrit Snan) कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार्दिक बधाई दी।मुख्यमंत्री ने इस महाकुम्भ (Maha Kumbh) को भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक मूल्यों को प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया और इसके द्वारा समाज में शांति, समृद्धि और सद्भाव की भावना को साझा करने की शुभकामनाएं दीं।

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