Maha Kumbh 2025: प्रयागराज (Prayagraj) महाकुम्भ (Maha Kumbh) पहुंचे काशी तमिल संगमम के प्रतिनिधि, आस्था के महा समागम के बने साक्षी

काशी तमिल संगमम का उद्देश्य दो संस्कृतियों में निकटता लाना और उसे मजबूत करना है। काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण दो महत्वपूर्ण आयोजनों के साथ विशिष्ट हो गया ...

Feb 17, 2025 - 23:15
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Maha Kumbh 2025: प्रयागराज (Prayagraj) महाकुम्भ (Maha Kumbh) पहुंचे काशी तमिल संगमम के प्रतिनिधि, आस्था के महा समागम के बने साक्षी

सार-

  • दक्षिण भारत के 200 अतिथियों के पहले ग्रुप का महाकुम्भ (Maha Kumbh) प्रशासन ने किया भव्य स्वागत
  • त्रिवेणी संगम के पावन जल में लगाई पुण्य की डुबकी, बोले- महाकुम्भ (Maha Kumbh) देश की एकता और समरसता का आधार 
  • त्रिवेणी स्नान के उपरांत राम नगरी अयोध्या के लिए पहले ग्रुप ने किया प्रस्थान

By INA News Maha Kumbh Nagar.

प्रयागराज (Prayagraj) महाकुम्भ (Maha Kumbh) में उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों का संगम भी हो रहा है। महाकुम्भ (Maha Kumbh) में दक्षिण भारत के इन अतिथियों का सोमवार को आगमन हुआ। वाराणसी के बाद काशी तमिल संगमम 3.0  का दूसरा पड़ाव था प्रयागराज (Prayagraj), जिसके बाद यह ग्रुप राम नगरी अयोध्या के लिए प्रस्थान कर गया।

  • महाकुम्भ (Maha Kumbh) पहुंचे काशी तमिल संगमम के 200 प्रतिनिधि, संगम में लगाई पुण्य की डुबकी

प्राचीन भारत में शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करने के क्रम में आयोजित किए जा रहे काशी तमिल संगमम 3.0 का पहला दल प्रयागराज (Prayagraj) महाकुम्भ (Maha Kumbh) पहुंचा। दक्षिण भारतीय अतिथियों के प्रथम दल का महा कुम्भ मेला एवं जिला प्रशासन ने भव्य स्वागत किया।महाकुम्भ (Maha Kumbh) नगर के सेक्टर 22 स्थित कुम्भ रिट्रीट टेंट सिटी में उनका शानदार स्वागत किया गया। अतिथियों ने त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई और पूजा अर्चना की। जिला विकास अधिकारी भोलानाथ कनौजिया बताते हैं कि तमिल संगमम 3.0 के इस प्रथम दल में 200 अतिथि महा कुम्भ पहुंचे। 

  • महाकुम्भ (Maha Kumbh) में आस्था की डुबकी लगा अभिभूत हुए अतिथि, बोले महाकुम्भ (Maha Kumbh) एकता और समरसता का आधार

काशी तमिल संगमम का उद्देश्य दो संस्कृतियों में निकटता लाना और उसे मजबूत करना है। काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण दो महत्वपूर्ण आयोजनों के साथ विशिष्ट हो गया जिसमें एक प्रयागराज (Prayagraj) में  महा कुम्भ का आयोजन है तो दूसरा अयोध्या में श्री राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा।तमिलनाडु के पंरूति शहर से तमिल संगमम में शामिल हुए श्रीधर राधाकृष्णन कहते हैं कि महाकुम्भ (Maha Kumbh) का यह आयोजन अपने में अद्भुत और दिव्य है। अमृत काल में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर दिव्य अनुभूति हुई है। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई से आए शोध छात्र नारायणमूर्ति का कहना है कि महाकुम्भ (Maha Kumbh) उत्तर दक्षिण के बीच सांस्कृतिक संगम का ही नहीं बल्कि वैश्विक संस्कृति और बंधुत्व का मिलन स्थल है। 

  • त्रिवेणी स्नान के उपरांत अयोध्या के लिए किया प्रस्थान

काशी तमिल संगमम के अतिथियों का महाकुम्भ (Maha Kumbh) के सेक्टर 22 के दिव्य कुम्भ रिट्रीट टेंट सिटी में आगमन हुआ।अतिथियों का संगम में स्नान करने के बाद लेटे हनुमान जी, शंकर विमान मंडपम में दर्शन करने का कार्यक्रम प्रस्तावित था लेकिन महा कुम्भ में उमड़े आस्था के जन सैलाब को देखते हुए यह संभव नहीं हो सका। डिजिटल कुम्भ प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद अतिथियों का पहला दल अयोध्या धाम के लिए प्रस्थान कर गया।

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