Ayodhya: रामनगरी में दीपक तले अंधेरा: नगर निगम दफ्तर के सामने झूलती लाइटें, जिम्मेदार मौन।
रामनगरी अयोध्या में जिस रामपथ को विकास का प्रतीक बताया जा रहा है, वहीं विकास की हकीकत अब खुलेआम झूलती नजर आ रही
अयोध्या; रामनगरी अयोध्या में जिस रामपथ को विकास का प्रतीक बताया जा रहा है, वहीं विकास की हकीकत अब खुलेआम झूलती नजर आ रही है। नगर निगम कार्यालय के ठीक सामने लगा विद्युत पोल टूटकर लटक रहा है और उससे झूलती लाइट कभी भी किसी बड़े हादसे को दावत दे सकती है। सवाल यह है कि जब नगर निगम की नज़र अपने दरवाज़े के सामने नहीं पड़ रही, तो शहर के बाकी हिस्सों का हाल क्या होगा?
रामपथ पर लगाए गए विद्युत पोल, जिन पर त्रिशूल, गदा और भगवा झंडे जैसी आकृतियां उकेरी गई हैं, दो साल के भीतर ही जवाब देने लगे हैं। कहीं पोल झुक गए हैं, तो कहीं लाइटें टूटकर तारों के सहारे लटक रही हैं। रात के अंधेरे में कई पोलों की लाइटें पूरी तरह बंद पड़ी हैं, जिससे “दीपक तले अंधेरा” की कहावत रामनगरी में सजीव हो उठी है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि यह नज़ारा किसी दूर-दराज़ इलाके का नहीं, बल्कि नगर निगम कार्यालय के ठीक सामने का है। आमजन, श्रद्धालु और राहगीर रोज़ इस रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन जानलेवा खतरे पर जिम्मेदारों की आंखें बंद हैं। लटकती लाइट और खुले तार कभी भी करंट फैलाकर बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
विकास प्राधिकरण और नगर निगम के बीच विकास का पहिया झूलता नजर आ रहा है। एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की परंपरा ने रामपथ को जोखिम पथ में बदल दिया है। करोड़ों की लागत से हुए सौंदर्यीकरण की पोल अब खुद विद्युत पोल खोल रहे हैं।
इस पूरे मामले में नगर आयुक्त जैनेन्द्र कुमार और अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन फोन नहीं उठ सका। बाद में नगर निगम के एक जिम्मेदार अधिकारी से वार्ता हुई, जिन्होंने टूटे और लटकते पोल को जल्द दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया।
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