Barabanki : भारत की सेवा और समरसता से विश्वगुरु बना, छुआछूत मानसिक रोग है - चम्पत राय
उन्होंने प्रधानमंत्री के अयोध्या संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि मैकाले की शिक्षा व्यवस्था को बदलना है। निरक्षरता और गरीबी से आगे बढ़ना मुश्किल है। हम सब राम के उ
बाराबंकी में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि हमने इस मिट्टी को मां माना है और बिना संकोच के भारत माता की जय बोलते हैं। जो सबका सम्मान करता है और रुचि के अनुसार पूजा-उपासना करने की स्वतंत्रता देता है, वही हिंदू है। धर्म रक्षा निधि समर्पण कार्यक्रम में लगभग डेढ़ घंटे के संबोधन में उन्होंने समरसता, गौ संरक्षण, धर्मांतरण और घर वापसी जैसे मुद्दों पर बात की। चम्पत राय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि हम सब भारत माता के पुत्र हैं और भारत हमारी माता है। समाज की कठिनाइयां दूर करने के कारण भारत विश्वगुरु माना जाता था।
उन्होंने प्रधानमंत्री के अयोध्या संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि मैकाले की शिक्षा व्यवस्था को बदलना है। निरक्षरता और गरीबी से आगे बढ़ना मुश्किल है। हम सब राम के उपासक हैं, इसलिए युवाओं को राम के अनुयायियों का अध्ययन करना चाहिए। चम्पत राय ने छुआछूत को सामाजिक बुराई और मानसिक रोग बताया। उन्होंने कहा कि विहिप निरंतर सामाजिक समरसता के लिए काम कर रहा है। जो लोग किसी काल में अलग हुए, उन्हें वापस लाना सबकी जिम्मेदारी है। यह घर वापसी है। जो धर्मांतरित हुए, उन्हें समझाकर वापस लाना है।
उन्होंने कहा कि जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए जीना चाहिए। भारतीय धर्मधारा से जुड़े रहेंगे तो संस्कार बने रहेंगे। हमारी जड़ें परंपराओं और महापुरुषों से जुड़ी हैं। गंगा को मां और पहाड़ों को देवता मानते हैं। विहिप 62 वर्षों से संतों के मार्गदर्शन में हिंदू समाज की कठिनाइयों पर काम कर रहा है। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाए, जटायू की गर्दन गोद में उठाई और बंदर, भालू, निषाद राज को गले लगाकर समरसता का संदेश दिया। जन सहयोग से राम मंदिर बना और रोज 70-80 हजार लोग रामलाल के दर्शन करते हैं।
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