नव गीत- दिल्लीवालो!

दिल्लीवालो!  भोर हुई पर  जाग न जाना

Nov 20, 2024 - 14:14
 0  20
नव गीत-  दिल्लीवालो!

आचार्य संजीव वर्मा सलिल,जबलपुर

नव गीत- दिल्लीवालो

दिल्लीवालो! 
भोर हुई पर 
जाग न जाना
घुली हवा में प्रचुर धूल है
जंगल काटे, पर्वत खोदे
सूखे ताल, सरोवर, पोखर 
नहीं बावली-कुएँ शेष हैं 
हर मुश्किल का यही मूल है 
बिल्लीवालो!
दूध विषैला 
पी मत जाना 
कल्चर है होटल में खाना 
सद्विचार कह दक़ियानूसी 
चीर-फाड़कर वस्त्र पहनना 
नहीं लाज से नज़र झुकाना 
बेशर्मों को कहो कूल है 
इल्लीवालो!
पैकिंग बढ़िया 
कर दे जाना 
आज जुडो कल तोड़ो नाता 
मनमानी करना विमर्श है 
व्यापे जीवन में सन्नाटा 
साध्य हुआ केवल अमर्ष है 
वाक् न कोमल तीक्ष्ण शूल है 
किल्लीवालो!
ठोंको ताली
बना बहाना  

Also Read- नव गीत- देव उठनी एकादशी पर नव गीत

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।