Sitapur News: सोमवती अमावस्या पर तीर्थनगरी में उमड़े लाखों की संख्या में श्रद्धालु, किया पवित्र स्नान। 

आज साल की आखरी सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व है वैसे तो हर महीने की सभी अमावस्या का बेहद खास महत्व है, मगर सोमवती अमावस्या का व्यक्ति के....

Dec 30, 2024 - 18:21
Dec 30, 2024 - 18:22
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Sitapur News: सोमवती अमावस्या पर तीर्थनगरी में उमड़े लाखों की संख्या में श्रद्धालु, किया पवित्र स्नान। 

 रिपोर्ट:- सुरेन्द्र कुमार INA NEWS नीमसार

सीतापुर / नैमिषारण्य। आज साल की आखरी सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व है वैसे तो हर महीने की सभी अमावस्या का बेहद खास महत्व है, मगर सोमवती अमावस्या का व्यक्ति के लिए पुण्यदायी और संकट हारनी अमावस्या होती हैं इस दौरान लाखों  की संख्या मैं श्रद्धालुओं ने गोमती नदी राजघाट सहित चक्रतीर्थ ,पंचप्रयाग गौघाट व ,देवदेवेश्वर घाट पर सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर प‌‌वित्र स्नान किया।

एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया जो शाम देर तक चलता रहता हैं नैमिषारण्य के राज घाट और देव देवेश्वर घाट पर श्रद्धालुओं ने सुबह होते ही गोमती गंगा में स्नान दान व पूजन किया इसमें लाखों  की संख्या में भक्तों की भीड़ गोमती नदी के राज घाट पर देखने को मिली दूर दूर से आये श्रद्धालु व भक्त नैमिषारण्य राजघाट गंगा एवं चक्रतीर्थ कुण्ड स्नान के लिए पहुंचे थे। सोमवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही भक्तों ने नैमिषारण्य के राजघाट एवं देवदेवेश्वर घाट पर आदि गंगा गोमती में स्नान किया माँ ललिता देवी मंदिर ,नैमिष नाथ मंदिर, भूतेश्वर नाथ मंदिर आदि मन्दिरों मैं पूजन अर्चन कर माथा टेका अपने सभी मनोरथ पूर्ण होने का आशीर्वाद प्राप्त किया। 

सोमवती अमावस्या पर स्नान, दान और श्राद् का विशेष महत्व है। सवेरे गोमती नदी राजघाट पर  स्नान कर हजारों महिलाओं ने नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र मैं फैले अरण्य वन मैं पीपल के वृक्षों की 108 परिक्रमाएं की। पीपल के वृक्ष को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। इसे भगवान विष्णु का प्रतीक भी माना जाता है। महिलाएं इस दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर 108 बार फेरी लगाकर उसकी पूजा करेंगी और कच्चे सूत का धागा वृक्ष के चारों ओर लपेटेंगी। इस प्रक्रिया को सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। आये हुए श्रद्धालुओं ने अनेक प्रकार के पदार्थ दान दिए। महिलाओं ने गोमती नदी राजघाट के तटों पर पूजन उद्यापन किया। साथ ही घाट पर स्तिथ पुरोहित पांडा व ब्राह्मणों को दान दक्षिणा भी प्रदान की।   

मान्यता है कि इस पावन पर्व पर स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं,  सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं , और सैकड़ों अश्वमेघ यज्ञ एवं मोक्ष की प्राप्ति होती हैं  इस अवसर पर पितरों के निमित पूजा करने से भी जीवन मे सुख और शांति प्राप्त होती हैं। 

  • कड़ाके की ठंड और शीतलहर से ठिठुरे श्रद्धालु 

अचानक से चली शीतलहर के बाद से  बढ़ी ठंड के लिये सोमवती अमावस्या पर तीर्थनगरी नैमिषारण्य में कि गई आलाव जलने की उचित वव्यस्था आए हुए श्रद्धालु हाड़ कंपाने वाली ठंड से ठिठुरते नजर आए वही ठंड से बचने हेतु आये हुए श्रद्धालु जगह जगह आलाव तपते नजर आए 

  • सुरक्षा को लेकर किय गए खास पुख्ता प्रबंध

तीर्थ क्षेत्र मैं भारी तादाद मैं पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. ताकि स्नान करने के लिए आने जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े और वह सुरक्षित स्नान करके अपने गतंव्य को जा सकें. साथ ही नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र मैं आने वाले वाहनों को लेकर हर चोराहे पर पुलिस कर्मी नज़र आये वही वाहन पार्किंग की भी वयवस्था की गयी जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न न हो और वाहनों का आवागमन सुचारू हो सके । 

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