पालघर में महिला ने पुरुष बनकर की 1.5 करोड़ की चोरी, गुजरात से गिरफ्तार।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक 27 वर्षीय महिला ने पुरुष का भेष बनाकर अपनी बहन के ससुर के....
महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक 27 वर्षीय महिला ने पुरुष का भेष बनाकर अपनी बहन के ससुर के घर से 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के आभूषण चुरा लिए। यह घटना वसई के मानिकपुर इलाके में हुई, और पुलिस ने उसी रात महिला को गुजरात के नवसारी से गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि महिला ने सुनियोजित तरीके से इस चोरी को अंजाम दिया, जिसमें उसने नकली दाढ़ी और मुखौटा पहनकर अपनी पहचान छिपाई। पुलिस ने सभी चोरी हुए सामान को बरामद कर लिया है, और मामले की जांच अभी भी जारी है।
घटना उस समय हुई, जब 27 वर्षीय ज्योति मोहन भानुशाली नाम की महिला अपनी बहन के 66 वर्षीय ससुर उद्धव भानुशाली के घर पहुंची। उद्धव अकेले रहते थे, और ज्योति को इस बात की पूरी जानकारी थी। उसने पुरुष का भेष बनाया, जिसमें उसने नकली दाढ़ी और मुखौटा पहना, साथ ही अपनी आवाज को भारी करने का अभ्यास भी किया था। उसने कच्छी बोली में बात करके उद्धव का भरोसा जीता, जो गुजरात में बोली जाने वाली एक स्थानीय भाषा है। ज्योति ने उद्धव से कहा कि उसे तुरंत शौचालय का इस्तेमाल करना है। उद्धव ने उसे घर में आने की इजाजत दे दी।
शौचालय में जाने के बाद, ज्योति ने उद्धव से कहा कि वहां रिसाव की समस्या है और उसे देखने के लिए बुलाया। जैसे ही उद्धव शौचालय में गए, ज्योति ने उन्हें बाहर से बंद कर दिया और घर में रखे 1.4 किलोग्राम सोने के आभूषण और 2.3 किलोग्राम चांदी के सामान को चुरा लिया, जिनकी कुल कीमत 1,50,84,050 रुपये थी। इसके बाद वह तेजी से मौके से फरार हो गई। उद्धव ने शौचालय से बाहर निकलने के लिए मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया, लेकिन तब तक ज्योति भाग चुकी थी। पड़ोसियों ने उनकी आवाज सुनी और उन्हें बाहर निकाला। उद्धव ने तुरंत मानिकपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत चोरी, डकैती और गलत तरीके से बंधक बनाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। जांच शुरू होते ही पुलिस ने इलाके के 75 से 80 सीसीटीवी फुटेज की जांच की। एक फुटेज में एक पुरुष के रूप में कपड़े पहने व्यक्ति को चोरी का सामान ले जाते और उसे वसई रेलवे स्टेशन के पास एक खंभे के नीचे रखते देखा गया। इसके कुछ मिनट बाद, एक महिला, जिसका चेहरा दुपट्टे से ढका था, उस सामान को ले गई। इस फुटेज ने पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग दिया।
पुलिस ने तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर यह संदेह जताया कि उद्धव का कोई रिश्तेदार इस अपराध में शामिल हो सकता है। जांच के दौरान, उद्धव की एक बहू ने सीसीटीवी फुटेज में दिख रही महिला को अपनी बहन ज्योति के रूप में पहचाना। पुलिस ने तुरंत ज्योति का मोबाइल नंबर ट्रैक किया और उसकी लोकेशन का पता लगाया। मिरा भायंदर-वसई-विरार पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नवसारी पुलिस की मदद से उसी रात ज्योति को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में ज्योति ने अपराध की सारी साजिश खुद रचने की बात कबूल की। उसने बताया कि उसने राखी के त्योहार पर अपनी बहन के घर में रखे आभूषण देखे थे, और उसे लालच हो गया। उसने यह भी बताया कि उसने शेयर ट्रेडिंग में 30 लाख रुपये का नुकसान उठाया था, जिसके कारण वह आर्थिक तंगी से जूझ रही थी।
ज्योति ने इस चोरी की योजना को बहुत सावधानी से बनाया था। उसने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वीडियो देखकर पुरुष की तरह बोलने और व्यवहार करने का अभ्यास किया। उसने नकली दाढ़ी और मुखौटा खरीदा ताकि उसकी पहचान छिप सके। वह जानती थी कि उद्धव घर में अकेले रहते हैं, और उसने इसी का फायदा उठाया। चोरी के बाद, वह चोरी के सामान को वसई रेलवे स्टेशन के पास छिपाकर गुजरात भाग गई थी। लेकिन पुलिस की तेज कार्रवाई के कारण वह बच नहीं पाई। पुलिस ने सभी चोरी हुए आभूषण और सामान बरामद कर लिए हैं। सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) मदन बल्लाल ने बताया कि ज्योति ने इस अपराध को अकेले अंजाम दिया, और अभी तक किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है। हालांकि, पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई और इसमें शामिल तो नहीं था। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) संदीप दोईफोडे ने बताया कि ज्योति को 12 घंटे के भीतर पकड़ लिया गया, जो पुलिस की सक्रियता को दर्शाता है।
यह घटना कई मायनों में चौंकाने वाली है। सबसे पहले, यह दिखाती है कि अपराधी कितनी चतुराई से अपनी योजनाएं बनाते हैं। ज्योति ने न केवल अपनी पहचान छिपाई, बल्कि उसने उद्धव का भरोसा जीतने के लिए उनकी भाषा और व्यवहार का भी इस्तेमाल किया। दूसरा, यह घटना रिश्तेदारों के बीच विश्वास की कमी को भी सामने लाती है। उद्धव ने शायद यह कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी अपनी रिश्तेदार ऐसी साजिश रचेगी। तीसरा, यह पुलिस की त्वरित कार्रवाई का एक उदाहरण है, जिसने न केवल अपराधी को पकड़ा, बल्कि चोरी का सारा सामान भी बरामद कर लिया। इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े किए हैं। एक ओर, यह दिखाता है कि आर्थिक तंगी और लालच लोगों को अपराध की ओर धकेल सकते हैं।
ज्योति ने शेयर ट्रेडिंग में हुए नुकसान को अपनी चोरी का कारण बताया। यह दर्शाता है कि आर्थिक जागरूकता और वित्तीय प्रबंधन की कमी कितनी खतरनाक हो सकती है। दूसरी ओर, यह घटना बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता पैदा करती है। उद्धव जैसे अकेले रहने वाले बुजुर्ग आसानी से इस तरह के अपराधों का शिकार हो सकते हैं। समाज और प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है, जैसे कि बुजुर्गों के लिए सुरक्षा योजनाएं शुरू करना और उनके घरों में सीसीटीवी कैमरे लगवाना। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना हो रही है। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी के इस्तेमाल ने इस मामले को जल्दी सुलझाने में मदद की। लेकिन यह भी सच है कि इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए पहले से कदम उठाने की जरूरत है। वसई जैसे इलाकों में, जहां अपराध की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, पुलिस गश्त और निगरानी को और बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही, लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर तब जब वे अकेले रहते हों।
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