अजब- गजब: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने छात्रा के अंग्रेजी सवाल पर पकड़े कान, हिंदी में बात करने का किया आग्रह। 

राजस्थान के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर शुक्रवार को अपने गृह जिले बारां में जनसुनवाई के दौरान एक अनोखी घटना के कारण चर्चा ....

Jun 9, 2025 - 15:58
Jun 9, 2025 - 16:08
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अजब- गजब: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने छात्रा के अंग्रेजी सवाल पर पकड़े कान, हिंदी में बात करने का किया आग्रह। 

राजस्थान के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर शुक्रवार को अपने गृह जिले बारां में जनसुनवाई के दौरान एक अनोखी घटना के कारण चर्चा में आ गए। बारां जिला परिषद सभागार में आयोजित इस जनसुनवाई में एक छात्रा, दामिनी हाडा, ने सरकारी स्कूलों की स्थिति पर सवाल अंग्रेजी में पूछना शुरू किया। इस पर मंत्री दिलावर ने पहले अपने कान पकड़े, फिर हाथ जोड़कर हाड़ौती बोली में कहा, “मैं अंग्रेजी नहीं जानता, हिंदी में बोलो बेटा।” इस घटना का 44 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मंत्री की यह प्रतिक्रिया और छात्रा का आत्मविश्वास साफ दिखाई देता है।

शुक्रवार को बारां जिला परिषद सभागार में आयोजित जनसुनवाई में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आम लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान विभिन्न मुद्दों जैसे पेयजल संकट, सड़कों पर अतिक्रमण, बिजली आपूर्ति, पेंशन में देरी, और शिक्षा विभाग में स्थानांतरण से संबंधित 182 परिवाद सामने आए। जनसुनवाई में स्थानीय विधायक डॉ. ललित मीणा, जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर, पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी, और जिला परिषद के सीईओ राजवीर सिंह चौधरी भी मौजूद थे।

इसी दौरान, छात्रा दामिनी हाडा ने शिक्षा मंत्री से सरकारी स्कूलों की स्थिति को लेकर सवाल उठाया। उसने अपनी बात अंग्रेजी में शुरू की और कहा, “माय नेम इज दामिनी हाडा, एंड आई एम फ्रॉम...”। इससे पहले कि वह अपनी बात पूरी करती, मंत्री दिलावर ने मुस्कुराते हुए अपने कान पकड़े और हाथ जोड़कर हाड़ौती बोली में कहा, “मैं तो गांव का आदमी हूँ, मुझे अंग्रेजी समझ में नहीं आती। कृपया हिंदी में सवाल पूछो।” इस पर दामिनी ने आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया, “सर, आप तो शिक्षा मंत्री हैं,” लेकिन फिर उसने अपनी बात हिंदी में रखी।

दामिनी ने अपनी बात में बारां जिले के सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति का जिक्र किया। उसने बताया कि कई स्कूलों में जर्जर इमारतें, शिक्षकों की कमी, और बुनियादी सुविधाओं जैसे कंप्यूटर और आधुनिक संसाधनों का अभाव है। उसने कहा, “गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन वहां न शिक्षक हैं, न ही आधुनिक सुविधाएं। कई स्कूलों में एक या दो शिक्षक सैकड़ों बच्चों को पढ़ाते हैं।” दामिनी की बेबाकी और आत्मविश्वास ने उपस्थित लोगों का ध्यान खींचा।

  • मंत्री का जवाब और सरकारी स्कूलों पर स्थिति

मंत्री मदन दिलावर ने दामिनी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तरह सुविधाओं से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “कुछ बच्चों और अभिभावकों को निजी स्कूलों का फोबिया हो गया है। वे सोचते हैं कि निजी स्कूलों में ही अच्छी शिक्षा मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है। सरकारी स्कूलों में भी अच्छे शिक्षक हैं, और हम संसाधनों को बेहतर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि निजी स्कूलों में “चमक-धमक” ज्यादा होती है और मोटी फीस वसूली जाती है, जबकि सरकारी स्कूल मुफ्त शिक्षा और किताबें प्रदान करते हैं।

दिलावर ने जोर देकर कहा कि सरकारी स्कूलों के परिणाम भी अब बेहतर हो रहे हैं, और सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए ‘प्रखर राजस्थान रीडिंग अभियान’ का उल्लेख किया, जिसके तहत 65,000 स्कूलों में 80 लाख बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने समग्र शिक्षा अभियान के तहत पीएम विद्यालयों को आदर्श स्कूलों के रूप में विकसित करने की योजना का भी जिक्र किया।

  • मदन दिलावर और शिक्षा सुधारों का प्रयास

मदन दिलावर ने दिसंबर 2023 में राजस्थान के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री के रूप में पदभार संभाला था। इसके बाद से वे शिक्षा विभाग में कई सुधारों और नीतियों को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को प्राथमिकता देने, शिक्षकों की भर्ती, और स्थानांतरण नीतियों में पारदर्शिता लाने की बात कही है। हाल ही में, उन्होंने झालावाड़ में ‘प्रखर राजस्थान रीडिंग अभियान’ की शुरुआत की, जिसमें मोबाइल लाइब्रेरी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसके अलावा, उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और स्कूलों में शौचालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।

दिलावर ने स्थानीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने की भी वकालत की है। उन्होंने कहा कि शुरुआती वर्षों में बच्चों को उनकी मातृभाषा या स्थानीय बोली में पढ़ाने से उनकी समझ जल्दी विकसित होती है। सिरोही और डूंगरपुर में बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है, जिसे अगले सत्र से नौ जिलों और 2026 तक 25 जिलों में लागू करने की योजना है।

  • अंग्रेजी और हिंदी का मुद्दा

मंत्री दिलावर की अंग्रेजी न समझने की बात और हिंदी में बोलने का आग्रह राजस्थान में भाषा के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला सकता है। राजस्थान में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को लेकर पहले भी विवाद रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए थे, जिन्हें बीजेपी ने भारतीय संस्कृति के खिलाफ और हिंदी को नजरअंदाज करने का आरोप लगाकर आलोचना की थी। दिलावर ने पहले कहा था कि अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हिंदी और स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

इस घटना में दामिनी के अंग्रेजी में सवाल पूछने और मंत्री के जवाब ने इस बहस को फिर से हवा दी है। दामिनी ने अपनी बात को हिंदी में दोहराते हुए जोर दिया कि सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान जरूरी है।

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जनसुनवाई में दामिनी की बेबाकी ने न केवल शिक्षा के मुद्दे को उजागर किया, बल्कि बारां जिले के अन्य समस्याओं पर भी ध्यान खींचा। मंत्री दिलावर ने जनसुनवाई में पेयजल संकट, अतिक्रमण, और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने एक नेत्रहीन शिक्षक रमन कुमार शर्मा की स्थानांतरण की मांग को तुरंत स्वीकार कर उनकी मनचाही जगह पर तबादला कर दिया, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए जनसेवा को सर्वोपरि बताया।

  • मदन दिलावर का विवादों से नाता

मदन दिलावर अपने बयानों और निर्णयों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। इससे पहले, उन्होंने अकबर को आतंकी बताने वाले बयान से विवाद खड़ा किया था, जिसके बाद जोधपुर में उनके खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे। शिक्षकों ने उनकी नीतियों का विरोध करते हुए उन्हें “इतिहास का सबसे बड़ा पलटू राम” करार दिया था। इसके अलावा, उनके कुछ आदेश, जैसे स्कूलों में मोबाइल बैन और ऑनलाइन सर्वे के लिए शिक्षकों को एंड्रॉयड फोन लाने की अनुमति, शिक्षकों में भ्रम की स्थिति पैदा कर चुके हैं।

Video -  https://youtube.com/shorts/2uLAFhVJW5g?si=EinhZLEIHiR3iXis

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