दु:खद: जमशेदपुर में TSL सीनियर मैनेजर ने बीवी और दो बेटियों के साथ कर ली आत्महत्या, ब्लड कैंसर के बाद उठा लिया कठोर कदम
कृष्णा के पिता, शुभेंद्र तिवारी ने बताया कि उनके बेटे को 8 मई 2025 को ब्लड कैंसर का पता चला था। इस निदान के बाद से कृष्णा गहरे अवसाद में चले गए थे। शुभेंद्र ने कहा, "मेरा बे...
जमशेदपुर: झारखंड के जमशेदपुर में एक हृदयविदारक घटना ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया। टाटा स्टील (Tata Steel) लॉन्ग प्रोडक्ट्स (TSL) के एक सीनियर मैनेजर, उनकी पत्नी और दो नाबालिग बेटियों ने 23 मई 2025 की रात अपने घर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। यह घटना गम्हरिया के चित्रगुप्त नगर में हुई, जहां परिवार रहता था। मृतकों की पहचान कृष्णा कुमार (40), उनकी पत्नी डॉली (34), और उनकी बेटियों पूजा (12) और किरती उर्फ मइया (6) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, इस दुखद कदम के पीछे कृष्णा कुमार की हाल ही में ब्लड कैंसर की डायग्नोसिस और उससे उपजी डिप्रेशन को कारण माना जा रहा है। इस घटना ने न केवल परिवार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और समर्थन प्रणाली की कमी को भी उजागर किया है।
यह दुखद घटना 23 मई 2025 की रात को अडियापुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत गम्हरिया के चित्रगुप्त नगर में हुई। पुलिस को सूचना मिली कि एक परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि कृष्णा कुमार, उनकी पत्नी डॉली, और उनकी दो बेटियों ने कथित तौर पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें कृष्णा ने अपनी बीमारी और परिवार के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की थी। सुसाइड नोट में लिखा था कि कृष्णा अपनी पत्नी और बेटियों के भविष्य को लेकर चिंतित थे और नहीं चाहते थे कि उनके बाद उनका परिवार अकेले संघर्ष करे।
कृष्णा के पिता, शुभेंद्र तिवारी ने बताया कि उनके बेटे को 8 मई 2025 को ब्लड कैंसर का पता चला था। इस निदान के बाद से कृष्णा गहरे अवसाद में चले गए थे। शुभेंद्र ने कहा, "मेरा बेटा अपनी बीमारी के बाद से डिप्रेशन में था। वह अपनी पत्नी और बेटियों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित था।" सेराइकेला के सब-डिविजनल पुलिस ऑफिसर (SDPO) समीर सवैया ने बताया कि सुसाइड नोट से यह स्पष्ट होता है कि कृष्णा ने अपने पूरे परिवार के लिए यह आत्मघाती योजना बनाई थी, क्योंकि वह अपनी मृत्यु के बाद परिवार की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को लेकर आशंकित थे।
Also Click: Apple के बाद Samsung पर 25% टैरिफ की धमकी, कहीं उल्टा न पड़ जाए डोनाल्ड का यह 'ट्रम्प' कार्ड
अडियापुर पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। SDPO समीर सवैया ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह एक स्पष्ट आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। सुसाइड नोट और परिवार की परिस्थितियों से यह संकेत मिलता है कि कृष्णा की बीमारी और उससे उत्पन्न मानसिक तनाव ने इस दुखद घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि परिवार के किसी अन्य व्यक्ति या बाहरी कारक से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, पुलिस सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई बाहरी दबाव या अन्य कारण तो नहीं था।
पुलिस ने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की। पड़ोसियों ने बताया कि कृष्णा और उनका परिवार सामान्य रूप से शांत और मिलनसार था। हाल के दिनों में, हालांकि, कृष्णा को कम बात करते हुए और उदास देखा गया था। कुछ पड़ोसियों ने यह भी कहा कि परिवार आर्थिक रूप से स्थिर था, लेकिन कृष्णा की बीमारी ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला।
इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर, का निदान न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है। मनोवैज्ञानिक डॉ. रीता शर्मा ने कहा, "कैंसर जैसे रोगों का निदान व्यक्ति को गहरे अवसाद में ले जा सकता है। परिवार और समाज का समर्थन इस स्थिति में महत्वपूर्ण होता है। इस मामले में, ऐसा लगता है कि कृष्णा को पर्याप्त मानसिक समर्थन नहीं मिला, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया।"
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह बेहद दुखद है कि एक परिवार ने इस तरह अपनी जिंदगी खत्म कर ली। हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी।” वहीं, कुछ लोगों ने टाटा स्टील (Tata Steel) जैसे बड़े संगठनों से अपने कर्मचारियों के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग की। एक अन्य यूजर ने लिखा, “कंपनियों को अपने कर्मचारियों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, खासकर जब वे ऐसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हों।”
टाटा स्टील (Tata Steel) की प्रतिक्रिया
टाटा स्टील (Tata Steel) लॉन्ग प्रोडक्ट्स ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम अपने कर्मचारी और उनके परिवार की इस दुखद हानि से स्तब्ध हैं। हम इस कठिन समय में परिवार के साथ हैं और हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” कंपनी ने यह भी बताया कि वे कर्मचारियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रमों को और मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं।
यह घटना उस सामाजिक दबाव को भी उजागर करती है, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों और उनके परिवारों पर पड़ता है। भारत में, कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज न केवल महंगा है, बल्कि यह परिवारों को भावनात्मक और आर्थिक रूप से भी तोड़ देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को वित्तीय और मानसिक समर्थन प्रदान करें।
इसके अलावा, यह घटना परिवार के भविष्य को लेकर पुरुषों पर पड़ने वाले सामाजिक दबाव को भी दर्शाती है। कृष्णा की चिंता उनकी पत्नी और बेटियों के भविष्य को लेकर थी, जो दर्शाता है कि भारतीय समाज में पुरुषों को अक्सर परिवार की पूरी जिम्मेदारी उठाने की उम्मीद की जाती है। यह दबाव, खासकर गंभीर बीमारी के समय, मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। पुलिस ने इस मामले की जांच तेज कर दी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
What's Your Reaction?