वरिष्ठ IAS अधिकारी कमिनी रतन चौहान की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति समाप्ति पर उत्तर प्रदेश में वापसी

कमिनी रतन चौहान का प्रशासनिक सफर लंबा और उपलब्धियों से भरा रहा है। वे दिल्ली की रहने वाली हैं और 1997 में IAS परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश

Nov 27, 2025 - 23:59
 0  38
वरिष्ठ IAS अधिकारी कमिनी रतन चौहान की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति समाप्ति पर उत्तर प्रदेश में वापसी
वरिष्ठ IAS अधिकारी कमिनी रतन चौहान की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति समाप्ति पर उत्तर प्रदेश में वापसी

उत्तर प्रदेश कैडर की वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी कमिनी रतन चौहान ने अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की अवधि पूरी करने के बाद लखनऊ लौटकर अपने मूल कैडर में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 1997 बैच की यह अधिकारी केंद्र सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्यरत थीं। 26 नवंबर 2025 को जारी आदेश के अनुसार, उन्हें केंद्र से मुक्त कर उत्तर प्रदेश सरकार में जॉइनिंग के लिए निर्देशित किया गया है। जल्द ही उनकी नई तैनाती के आदेश जारी होने की संभावना है। जन्म तिथि 13 जुलाई 1971 होने के कारण उनकी सेवानिवृत्ति वर्ष 2031 में होगी।

कमिनी रतन चौहान का प्रशासनिक सफर लंबा और उपलब्धियों से भरा रहा है। वे दिल्ली की रहने वाली हैं और 1997 में IAS परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित हुआ। सेवा की शुरुआत में उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में उप जिलाधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनकी क्षमता और समर्पण ने उन्हें जल्द ही उच्च पदों तक पहुंचा दिया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वे उत्तर प्रदेश सरकार में कई विभागों में सक्रिय रहीं, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

केंद्र में उनकी यात्रा 2019 के आसपास शुरू हुई, जब उन्हें उच्च शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया। यहां उन्होंने शिक्षा नीतियों के निर्माण और अमल में योगदान दिया। उच्च शिक्षा विभाग में कार्यकाल के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को मजबूत बनाने में सहायता की। विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर गुणवत्ता सुधार पर जोर दिया। उनके प्रयासों से कई राज्यों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हुए, खासकर डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास पर। यह अवधि लगभग तीन वर्षों की रही, जिसमें उन्होंने शिक्षा क्षेत्र की चुनौतियों का सामना किया और समाधान सुझाए।

उसके बाद 2022 में उन्हें पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में स्थानांतरित किया गया, जहां अतिरिक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई। इस भूमिका में उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र की वित्तीय योजना, बजट प्रबंधन और नीतिगत निर्णयों में सक्रिय भागीदारी की। भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेल और गैस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया। पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोतों के विकास पर विशेष ध्यान दिया, जैसे कि प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार। उनके नेतृत्व में मंत्रालय ने कई परियोजनाओं को गति दी, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की कुल अवधि छह वर्षों के आसपास रही, जिसमें उन्होंने केंद्र-राज्य समन्वय को मजबूत किया।

कमिनी रतन चौहान की कार्यशैली हमेशा शांत, विनम्र और प्रभावी रही है। सहकर्मी उन्हें एक ऐसे अधिकारी के रूप में वर्णित करते हैं जो निर्णय लेने में तर्कसंगत और समावेशी दृष्टिकोण अपनाती हैं। उनके जन्मदिन पर विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर प्राप्त शुभकामनाओं से स्पष्ट है कि वे न केवल पेशेवर क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक रूप से भी सम्मानित हैं। जुलाई 2025 में उनके जन्मदिन पर कई वरिष्ठ अधिकारियों और संगठनों ने उनकी प्रशासनिक उत्कृष्टता की सराहना की। वे सार्वजनिक सेवा को राष्ट्र निर्माण का माध्यम मानती हैं और सतत विकास पर जोर देती हैं।

उत्तर प्रदेश में वापसी के साथ ही राज्य सरकार को एक अनुभवी प्रशासक मिल रहा है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश विकास के नए आयामों पर काम कर रहा है, जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि और उद्योग। कमिनी रतन चौहान की विशेषज्ञता इन क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो सकती है। केंद्र में प्राप्त अनुभव से वे राज्य स्तर पर नीतियों को बेहतर ढंग से लागू करने में सक्षम होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी तैनाती शिक्षा या ऊर्जा संबंधी विभागों में हो सकती है, जहां उनकी पृष्ठभूमि फिट बैठेगी। राज्य सरकार जल्द ही उनकी नियुक्ति पर विचार करेगी, जो प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगी।

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया IAS अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होती है। यह उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने का मौका देती है और विभिन्न मंत्रालयों में अनुभव प्रदान करती है। कमिनी रतन चौहान जैसे अधिकारियों की वापसी से राज्य कैडर मजबूत होता है। उत्तर प्रदेश में कई वरिष्ठ IAS अधिकारी केंद्र से लौट चुके हैं, जो राज्य के प्रशासन को नई ऊर्जा दे रहे हैं। यह प्रक्रिया नौकरशाही को संतुलित रखने में सहायक है।

कमिनी रतन चौहान का व्यक्तिगत जीवन भी प्रेरणादायक है। वे एक समर्पित परिवारिक महिला हैं और सेवा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती हैं। दिल्ली के मूल निवासी होने के बावजूद उन्होंने उत्तर प्रदेश को अपना दूसरा घर बना लिया। उनके सहयोगी बताते हैं कि वे हमेशा टीम वर्क पर विश्वास करती हैं और जूनियर अधिकारियों को मार्गदर्शन देती हैं। उनकी सेवानिवृत्ति तक अभी छह वर्ष शेष हैं, जिसमें वे और अधिक योगदान दे सकेंगी।

Also Click : Lucknow : सीएम योगी ने बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धान्जलि दी, कहा- संविधान की उद्देशिका का सशपथ पाठन कराया

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow