Lucknow: मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में कोर्स कोआर्डिनेटरों की भर्ती में गड़बड़ी पर राज्यमंत्री असीम अरुण का सख्त एक्शन।
समाज कल्याण विभाग में पारदर्शिता और पात्रता को सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना
- आउटसोर्सिंग कंपनी पर एफआईआर, प्रशासनिक जांच के आदेश
- भविष्य में आउटसोर्सिंग नियुक्ति में पुलिस व दस्तावेज वैरिफिकेशन अनिवार्य
लखनऊ: समाज कल्याण विभाग में पारदर्शिता और पात्रता को सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में कोर्स कोआर्डिनेटरों की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाया है। उनके निर्देश पर थाना गोमती नगर, लखनऊ में नियमों का उल्लंघन कर नियुक्तियां कराने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी Avni Paridhi Energy - Communication Pvt- Ltd., लखनऊ और संबंधित आवेदकों के खिलाफ षड्यंत्र, फर्जी दस्तावेज और नियम विरुद्ध नियुक्ति के आरोपों में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही पूरे मामले में प्रशासनिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
- शिकायत के बाद हुई विभागीय जांच
राज्यमंत्री ने बताया कि 29 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत प्रदेशभर में संचालित कोचिंगों में आउटसोर्सिंग पर लगे कोचिंग कोर्स कोऑर्डिनेटरों की भर्ती में अनियमितता की शिकायत मिली थी। इसे गंभीरता से लेते हुए विभागीय जांच कराई गई, जिसमें भर्ती से जुड़े सभी दस्तावेज़ों की जांच की गई।
- पात्रता नियमों की अनदेखी
जांच में यह सामने आया कि नियमानुसार कोर्स कोऑर्डिनेटर पद के लिए यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा पास होना अनिवार्य था। इसके बावजूद कई ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्त कर दिया गया, जिन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की थी। कुल 69 अभ्यर्थियों की जांच में केवल 21 अभ्यर्थी ही पात्र पाए गए। जांच रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि अपात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाने के लिए फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। इस मामले में आउटसोर्सिंग कंपनी Avni Paridhi Energy - Communication Pvt- Ltd., लखनऊ को प्रथम दृष्टया दोषी माना गया।
- प्रशासनिक जांच और भविष्य की सख्त व्यवस्था
राज्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी दस्तावेज सत्यापन की थी, उनकी भूमिका और लापरवाही की प्रशासनिक जांच कराई जाएगी। साथ ही भविष्य में होने वाली सभी आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में पुलिस वैरिफिकेशन और डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन अनिवार्य होगा। वर्तमान में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का भी सत्यापन कराया जाएगा।
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