Trending: लेडी सांसद ने संसद में अपनी न्यूड तस्वीर दिखाकर उठाई डिजिटल शोषण के खिलाफ आवाज

उनका मकसद यह प्रदर्शित करना था कि डीपफेक तकनीक का उपयोग कर किसी की भी फर्जी और आपत्तिजनक तस्वीर बनाना कितना आसान है, और यह खासकर महिलाओं और ...

Jun 3, 2025 - 23:59
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Trending: लेडी सांसद ने संसद में अपनी न्यूड तस्वीर दिखाकर उठाई डिजिटल शोषण के खिलाफ आवाज
Photo: Social Media

नई दिल्ली : न्यूजीलैंड की संसद में एक अभूतपूर्व और साहसिक कदम उठाते हुए ACT पार्टी की सांसद लॉरा मैक्ल्योर (Laura McClure) ने 14 मई 2025 को संसद में अपनी एक AI-जनरेटेड डीपफेक न्यूड तस्वीर प्रदर्शित की। उनका उद्देश्य डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग से होने वाले खतरों और डिजिटल शोषण के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना था। 

क्या हुआ था संसद में?

लॉरा मैक्ल्योर ने संसद में एक निजी सदस्य बिल, 'डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल' (Deepfake Digital Harm and Exploitation Bill) के समर्थन में बोलते हुए यह चौंकाने वाला कदम उठाया। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर उन्होंने स्वयं एक AI टूल की मदद से महज पांच मिनट में बनाई थी, जो एक सामान्य गूगल सर्च के जरिए उपलब्ध वेबसाइट से तैयार की गई थी। संसद में तस्वीर (जो ब्लर की गई थी) दिखाते हुए उन्होंने कहा, "यह मेरी न्यूड तस्वीर है, लेकिन यह असली नहीं है। इसे बनाने में मुझे पांच मिनट से भी कम समय लगा।"

उनका मकसद यह प्रदर्शित करना था कि डीपफेक तकनीक का उपयोग कर किसी की भी फर्जी और आपत्तिजनक तस्वीर बनाना कितना आसान है, और यह खासकर महिलाओं और युवा लड़कियों के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए "डरावना" था, लेकिन डीपफेक के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता को उजागर करने के लिए यह जरूरी था।

डीपफेक का बढ़ता खतरा

लॉरा मैक्ल्योर ने अपने भाषण में बताया कि डीपफेक तकनीक का दुरुपयोग, विशेष रूप से गैर-सहमति से बनाए गए अश्लील कंटेंट, महिलाओं के खिलाफ तेजी से बढ़ रहा है। न्यूजीलैंड लॉ एसोसिएशन के अनुसार, ऑनलाइन उपलब्ध 95% डीपफेक वीडियो बिना सहमति के बनाए गए अश्लील कंटेंट हैं, जिनमें 90% का निशाना महिलाएं होती हैं। यह तकनीक न केवल व्यक्तियों की छवि को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी गहरा आघात पहुंचा सकती है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान में न्यूजीलैंड के कानून डीपफेक से जुड़े अपराधों को सीधे तौर पर कवर नहीं करते हैं। हालांकि, कुछ नियम डिजिटल नुकसान और उत्पीड़न से संबंधित हैं, लेकिन ये अपर्याप्त हैं। मैक्ल्योर ने इस बिल के माध्यम से गैर-सहमति से बनाए गए डीपफेक कंटेंट के निर्माण और वितरण को अपराध घोषित करने की मांग की है। इसके अलावा, पीड़ितों को ऐसी सामग्री को हटाने और न्याय प्राप्त करने का आसान कानूनी रास्ता प्रदान करने की वकालत की।

लॉरा मैक्ल्योर के इस कदम ने न्यूजीलैंड में ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग पर चर्चा को तेज कर दिया है। सोशल मीडिया पर उनके भाषण का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने कहा, "कोई भी महिला या लड़की, किसी भी हाल में, बिना अनुमति के बनाई गई डीपफेक सामग्री का शिकार नहीं बनना चाहिए। यह बेहद घटिया है। हमारे कानूनों को इस खतरे का सामना करने के लिए अपडेट करना होगा।"

न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके इस कदम की सराहना की है, इसे डिजिटल युग में महिलाओं की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। कई लोगों ने इसे तकनीकी दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और कानूनी सुधारों को गति देने वाला कदम माना है।

लॉरा मैक्ल्योर जिस 'डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल' का समर्थन कर रही हैं, वह रिवेंज पॉर्न और निजी वीडियो से संबंधित पुराने कानूनों को अपडेट करने का प्रयास है। इस बिल के तहत:

  • गैर-सहमति से डीपफेक सामग्री बनाना या साझा करना अपराध माना जाएगा।
  • पीड़ितों को आपत्तिजनक सामग्री हटवाने का अधिकार मिलेगा।
  • डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए तकनीकी निगरानी को मजबूत किया जाएगा।
  • न्याय प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।

मैक्ल्योर ने स्पष्ट किया कि समस्या तकनीक में नहीं, बल्कि इसके गलत इस्तेमाल में है। उन्होंने कहा, "हमें तकनीक को दोष देने के बजाय इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।"

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