Politics News: राहुल गांधी PM होते तो PoK भारत का हिस्सा होता- तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी का बड़ा बयान।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने हाल ही में एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने....
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने हाल ही में एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि यदि कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री होते, तो भारत अब तक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस ले चुका होता। यह बयान रेड्डी ने निजामपेट, हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस की 'जय हिंद यात्रा' के दौरान दिया, जहां उन्होंने केंद्र सरकार की हालिया सैन्य कार्रवाइयों और पाकिस्तान के साथ युद्धविराम के फैसले पर सवाल उठाए। इस लेख में हम इस बयान के पीछे के तथ्यों, संदर्भ और इसकी राजनीतिक अहमियत पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
- रेवंत रेड्डी का बयान और इसका संदर्भ
रेवंत रेड्डी ने अपने भाषण में कहा, "मोदी एक बंद हो चुके 1000 रुपये के नोट की तरह हैं। अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री होते, तो हम अब तक PoK को वापस ले चुके होते।" यह बयान उन्होंने हाल के पहलगाम आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में दिया। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक संगठन ने ली थी, हालांकि बाद में उन्होंने इस दावे को वापस ले लिया।
इस हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। रेड्डी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने चार दिन की सैन्य कार्रवाई के बाद अचानक युद्धविराम की घोषणा कर दी, जिसके लिए कोई सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई गई। उन्होंने सवाल उठाया, "युद्ध शुरू करने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, लेकिन युद्धविराम के लिए क्यों नहीं? क्या हुआ? किसने आत्मसमर्पण किया?"
- राहुल गांधी और PoK पर कांग्रेस का रुख
रेड्डी ने अपने बयान में राहुल गांधी की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से की, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, "इंदिरा गांधी के पोते राहुल गांधी को इस देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए। केवल वही पाकिस्तान और चीन दोनों को हराकर हमारा आत्मसम्मान बरकरार रख सकते हैं।" रेड्डी ने यह भी उल्लेख किया कि राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सर्वदलीय बैठक में केंद्र को पूर्ण समर्थन दिया था और PoK को भारत में मिलाने के लिए लड़ने की बात कही थी।
रेड्डी ने दावा किया कि कांग्रेस और गांधी परिवार का इतिहास देश के लिए बलिदान देने का रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत न केवल PoK को वापस ले सकता था, बल्कि पाकिस्तान को दो हिस्सों में विभाजित करने की क्षमता भी रखता था।
- मोदी सरकार पर रेड्डी का हमला
रेड्डी ने केंद्र सरकार की विदेश नीति और सैन्य रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इशारे पर युद्धविराम की घोषणा की। उन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों के नुकसान पर भी सवाल उठाए, जिन्हें मोदी सरकार ने भारी लागत पर खरीदा था। रेड्डी ने पूछा, "पाकिस्तान ने कितने राफेल विमान मार गिराए? इस पर कोई चर्चा क्यों नहीं हो रही? हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन जवाब कौन देगा?"
उन्होंने मोदी सरकार पर पारदर्शिता की कमी और रणनीति के अभाव का आरोप लगाया। रेड्डी ने कहा कि जब देश 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता के साथ खड़ा था, तब सरकार ने युद्ध को जल्दबाजी में समाप्त कर दिया। उन्होंने बीजेपी की तिरंगा रैली पर भी निशाना साधा, इसे सैनिकों के मनोबल को कम करने वाला कदम करार दिया।
- पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले के बाद रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद में एक कैंडल मार्च का नेतृत्व किया, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुरशीद और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। इस मार्च में रेड्डी ने केंद्र से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने और PoK को भारत में मिलाने की मांग की थी। उन्होंने कहा, "यह समझौते का समय नहीं है। पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।"
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमले किए, लेकिन रेड्डी ने इस ऑपरेशन के अचानक समाप्त होने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी नेतृत्व में होते, तो भारत PoK को वापस लेने में कामयाब होता।
- बीजेपी की प्रतिक्रिया
रेड्डी के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक राम कदम ने इसे "बचकाना" करार देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता गांधी परिवार की चाटुकारिता में लगे हैं। उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता को उनकी अपनी पार्टी ने भी खारिज किया है।
रेड्डी का यह बयान न केवल केंद्र सरकार पर हमला है, बल्कि 2025 के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश भी माना जा रहा है। राहुल गांधी को एक मजबूत नेता के रूप में पेश करके कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि को नया आयाम देना चाहती है। हालांकि, बीजेपी इसे महज राजनीतिक बयानबाजी करार दे रही है। रेवंत रेड्डी का यह बयान न केवल PoK और भारत-पाक संबंधों पर चर्चा को फिर से जीवंत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दे कितने गहरे जुड़े हुए हैं।
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