सीतापुर न्यूज़: दो दिन हो रही झमाझम बारिश से दीवार ढहने से एक की मौत, और जगह-जगह हुई जल भराव की समस्या।
मिश्रित \ सीतापुर। बीते तीन दिनों से रुक रुक कर हो रही बरसात से हुए जलभराव ने मिश्रित तीर्थ नगर वासियों का राह निकलना दूभर कर दिया है। अब दीवारें भी धराशाई होने लगी हैं, बीते मंगलवार को ब्लॉक परिसर में बने सुलभ शौचालय और मीटिंग हाल के उत्तर नवनिर्मित बाउंड्री वॉल धराशाई हो गई थी। वही आज कस्बे की बड़ी बाजार की बाउंड्री वॉल भी भर भराकर ढह गई, जिसमें एक दूध विक्रेता दबकर घायल हो गया और अस्पताल पहुंचते पहुंचते उसने दम तोड़ दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह चांदपुर गांव का निवासी 25वर्षीय अतुल यादव पुत्र राम लखन यादव मिश्रित कस्बे में दूध बेचकर वापस पुरानी बाजार के पास साइकिल से गुजर रहा था तभी मुनीम अविनाश गुप्ता की 40फुट खड़ी पुरानी दीवार भर भरा कर गिर गई और साइकिल पर सवार अतुल यादव दीवार में दब गया।
आस पड़ोस के लोगो ने उसे बाहर निकलवाया और एंबुलेंस से सामुदायिक केंद्र मिश्रित भेजा जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया जाता है चार माह पूर्व ही उसका विवाह हुआ था। ज्ञातव्य हो कि यहां के नगर पालिका प्रशासन द्वारा मिश्रित कस्बे में मुख्य मार्गों सहित गलियों आदि को जगह जगह खोद कर डाल दिया गया है मो॰ थोक 4में शिवकुमार बिजली वाले के घर से रामाश्रय भोजवाल के घर तक चुनाव से पहले ही सड़क खोदकर डाल दी गई थी जिससे सड़क पर जल भराव हो रहा है।
वहां पर रह रहे नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है निकलने वाले राहगीरों के लिए यह सड़क घटनाओं का सबब बन गई है इतना ही नहीं नगर के अन्य मार्गों पर जल भराव होने से दूषित जल लोगों के घरों में प्रवेश कर रहा है तालाब का किनारा होने के कारण विषैले जीव जंतु भी लोगों के लिए दहशत का पर्याय बन चुके हैं।
ऐसे ही खाकी सराय, सीताकुंड, मेला मैदान में भी काफी जलभराव व्याप्त है। इतना ही नहीं तहसील परिसर भी बुरी तरह जल भराव के चपेट में है मुख्य गेट से अंदर जाने वाले रास्ते पर भीषण जल भराव हो गया है जिससे जरूरतमंदों के साथ ही अधिवक्ताओं वादकारियों व अन्य कर्मचारियों को तहसील परिषर तक पहुंच पाना मुश्किल हो रहा है।
बता दें कि मिश्रित नगर में जल भराव का मुख्य कारण जल निकासी के लिए बनी नालियों और नालों का चोक होना है कस्बे में निर्माणाधीन नाले भी अधूरे पड़े हुए हैं कई तालाब अतिक्रमण और अवैध निर्माण की चपेट में आकर विलुप्तता की कगार पर हैं आखिर कार नाले नालियों से निकलने वाला पानी जाये तो जाये कहां। रसूखदार व्यक्तियों द्वारा तालाबों के किनारे किए गए कब्जे हटवा पाने में प्रशासन अपने को असमर्थ महसूस कर रहा है यही कारण है की मिश्रित नगर जल भराव की चपेट में है और लोगों का राह निकलना दुभर हो गया है।
संदीप चौरसिया INA NEWS ब्यूरो सीतापुर
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