मां और उसके प्रेमी की गला दबाकर हत्या कर दोनों शवों को लेकर थाने पहुंचा शख्स, पुलिस स्टेशन में उड़ गये सभी के होश, जानें क्या है पूरा मामला
गुरुवार रात करीब दो बजे राजकुमार घर लौटा तो उसे मां को उसके प्रेमी लेखचंद के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया। गुस्से में आगबबूला होकर राजकुमार ने पहले लेखचंद
हरियाणा के सिरसा जिले के सिकंदरपुर थेहड़ गांव में गुरुवार रात एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। एक युवक ने अपनी मां और उसके कथित प्रेमी की क्रूर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने दोनों शवों को पिकअप वैन में लाद लिया और शुक्रवार सुबह सीधे सदर थाने पहुंच गया। वहां पुलिस के सामने सरेंडर करते हुए उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। यह घटना न केवल परिवार के अंदरूनी विवाद की गहराई को उजागर करती है बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों के पतन पर भी सवाल खड़े कर रही है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जांच तेज कर दी है।
घटना सिकंदरपुर थेहड़ गांव में हुई जहां अंगूरी देवी नाम की 50 वर्षीय महिला रहती थीं। अंगूरी देवी पालाराम की पत्नी थीं और गांव के ही एक पड़ोसी लेखचंद के साथ लंबे समय से अवैध संबंधों में थीं। लेखचंद भी लगभग 50 वर्ष का था और गांव में ही रहता था। स्थानीय लोगों के अनुसार ये संबंध करीब 15 वर्ष पुराने थे। अंगूरी देवी का बेटा राजकुमार इस रिश्ते से बेहद परेशान था। राजकुमार एक पिकअप वैन चलाता है और परिवार का मुख्य सहारा था। उसके पिता पालाराम और दादी सुगरी देवी ने भी कई बार अंगूरी देवी को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। राजकुमार ने खुद बताया कि वह बार-बार मां को चेतावनी देता था लेकिन हर बार नाकाम रहा।
गुरुवार रात करीब दो बजे राजकुमार घर लौटा तो उसे मां को उसके प्रेमी लेखचंद के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया। गुस्से में आगबबूला होकर राजकुमार ने पहले लेखचंद का गला अपनी मां की चुन्नी से दबा दिया। लेखचंद की सांसें थम गईं। फिर उसने उसी चुन्नी से अपनी मां अंगूरी देवी का गला घोंट दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के समय राजकुमार की पत्नी और उनके बच्चे घर पर मौजूद थे। बहन और उसके बच्चे भी सो रहे थे। पड़ोसी खेत में चले गए थे इसलिए किसी को खबर नहीं हुई। हत्या के बाद राजकुमार ने अपनी पत्नी की मदद से दोनों शवों को पिकअप वैन में लाद लिया। वह रात भर सोचता रहा कि अब क्या करे। सुबह होते ही वह वैन लेकर सिरसा सदर थाने पहुंच गया।
शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे थाने के बाहर एक पिकअप वैन रुकी। चालक राजकुमार ने दरवाजा खटखटाया और कहा कि अंदर दो शव हैं। पुलिसकर्मी हैरान रह गए। उन्होंने वैन का दरवाजा खोला तो अंदर अंगूरी देवी और लेखचंद के शव पड़े मिले। राजकुमार ने बिना हिचकिचाहट कबूल किया कि उसने दोनों की हत्या की है। उसका कहना था कि मां के इस रिश्ते ने परिवार को बर्बाद कर दिया था। वह अब और सहन नहीं कर पाया। पुलिस ने तुरंत शवों को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए सिरसा सिविल अस्पताल भेज दिया। राजकुमार को हिरासत में ले लिया गया। डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि आरोपी ने पूर्ण रूप से अपना अपराध कबूल लिया है। जांच में पत्नी की भूमिका भी सामने आ रही है। वह शवों को वैन में लादने में सहयोगी रही।
पुलिस ने राजकुमार के खिलाफ हत्या और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटनास्थल का मुआयना किया गया जहां खून के धब्बे और चुन्नी बरामद हुई। डीएसपी राजेश कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। प्रारंभिक जांच से पता चला कि परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा था। पिता पालाराम और बेटा राजकुमार ने कई बार मां को समझाया लेकिन वह नहीं टली। गांव के सरपंच ने बताया कि अंगूरी देवी का व्यवहार चर्चा का विषय था। लोग चुपचाप देखते रहते थे लेकिन कोई शिकायत नहीं की। अब पुलिस पूछताछ में राजकुमार के बयानों पर गौर कर रही है। क्या यह केवल व्यक्तिगत गुस्सा था या कोई और कारण? जांच जारी है।
गांव सिकंदरपुर थेहड़ में इस घटना ने सनसनी फैला दी। सुबह थाने के बाहर भीड़ जमा हो गई। लोग फुसफुसा रहे थे कि कैसे एक बेटा अपनी मां पर हाथ उठा सकता है। दादी सुगरी देवी रोते हुए बोलीं कि बेटी के इस रिश्ते ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। वह 15 साल से लेखचंद के चक्कर में थी। पालाराम मजदूरी करता था और परिवार चलाने के लिए राजकुमार पर निर्भर था। सुगरी देवी ने कहा कि राजकुमार और पालाराम ने कई बार समझाया लेकिन अंगूरी नहीं मानी। अब परिवार टूट चुका है। बहन सदमे में है और बच्चे डरे हुए हैं। पड़ोसी कहते हैं कि लेखचंद की पत्नी भी परेशान रहती थी लेकिन चुप रहती। गांव में महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा हो रही है। कुछ लोग कहते हैं कि ऐसे रिश्तों को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी है।
यह घटना हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में फैले पारिवारिक विवादों को आईना दिखाती है। सिरसा जिला पहले भी अपराधों के लिए चर्चा में रहा है। यहां ड्रग्स और पारिवारिक झगड़ों के मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में काउंसलिंग और परिवारिक सहायता की कमी बड़ी समस्या है। राजकुमार जैसे युवा दबाव में आकर गलत कदम उठा लेते हैं। पुलिस ने गांव में शांति बनाए रखने के लिए पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। डीएसपी ने कहा कि समाज को ऐसे मुद्दों पर खुलकर बात करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।
परिवार के सदस्य अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। पालाराम ने कहा कि वह बेटे के इस कदम से स्तब्ध है लेकिन मां के व्यवहार से भी दुखी था। वह अब अकेला पड़ गया है। गांव के बुजुर्गों ने सभा बुलाई है जहां इस घटना पर चर्चा होगी। स्थानीय एनजीओ महिलाओं के अधिकारों पर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं। यह मामला कोर्ट में पहुंचेगा जहां राजकुमार को सजा मिलेगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या सजा से परिवार टूटने का दर्द कम होगा।
सिरसा पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है। फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंची और साक्ष्य इकट्ठा किए। राजकुमार की पत्नी से भी पूछताछ हो रही है। क्या वह सिर्फ मददगार थी या हत्या में शामिल? यह स्पष्ट होना बाकी है। गांव वालों का मानना है कि ऐसे संबंधों ने कई परिवार बर्बाद किए हैं। एक बुजुर्ग ने कहा कि नैतिकता की कमी समाज को खोखला कर रही है। अब इस घटना से सबक लेना होगा।
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