Viral News: अहमदाबाद विमान हादसा: 279 की मौत, 31 शवों की डीएनए से पहचान, एकमात्र जीवित यात्री की हालत स्थिर।
गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार, 12 जून 2025 को हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए ....
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार, 12 जून 2025 को हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद मेघानीनगर के घनी आबादी वाले क्षेत्र में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिवर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के 241 लोगों सहित कुल 279 लोगों की मौत हो गई। केवल एक यात्री, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच गए। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधिकारियों ने अब तक 31 शवों की डीएनए जांच के माध्यम से पहचान कर ली है, और शवों को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो 230 यात्रियों और 12 चालक दल के सदस्यों को लेकर लंदन के लिए रवाना हुई थी, ने 12 जून को दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी। उड़ान के 30 सेकंड बाद ही पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को मेडे कॉल जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "थ्रस्ट नहीं मिल रहा, पावर कम हो रही है, प्लेन नहीं उठ रहा, नहीं बचेंगे।" इसके तुरंत बाद विमान 625 फीट की ऊंचाई से तेजी से नीचे गिरा और बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की डाइनिंग हॉल में जा टकराया, जिसके परिणामस्वरूप भीषण विस्फोट और आग लग गई। विमान में 1,25,000 लीटर ईंधन होने के कारण आग की तीव्रता इतनी थी कि अधिकांश शव जलकर या क्षत-विक्षत हो गए।
हादसे में विमान में सवार 241 लोगों के अलावा जमीन पर मौजूद 38 लोग भी मारे गए, जिनमें मेडिकल कॉलेज के चार छात्र, एक डॉक्टर की पत्नी और कई स्थानीय निवासी शामिल हैं। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे, जो अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक सवार थे।
- एकमात्र जीवित यात्री
विश्वास कुमार रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे, जो एक आपातकालीन निकास के पास थी, इस हादसे में चमत्कारिक रूप से बच गए। हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, "टेकऑफ के 30 सेकंड बाद एक जोरदार धमाका हुआ, और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सब कुछ इतनी जल्दी हुआ। जब मैं उठा, तो चारों ओर शव थे। मैं डर गया था। मैंने आपातकालीन दरवाजा खोला और बाहर निकला।" विश्वास को मामूली चोटें और जलने के निशान हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है और वह अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती हैं।
हादसे की भयावहता के कारण अधिकांश शव जले हुए या क्षत-विक्षत थे, जिसके चलते उनकी पहचान डीएनए जांच के बिना संभव नहीं थी। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में अब तक 270 शव लाए गए हैं, और गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने शनिवार रात को बताया कि 31 शवों की डीएनए जांच के माध्यम से पहचान हो चुकी है। इनमें से तीन शव शनिवार को परिजनों को सौंप दिए गए। आठ अन्य शव, जिनकी पहचान परिजनों ने बिना डीएनए जांच के कर ली थी, पहले ही सौंपे जा चुके हैं।
अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. रजनीश पटेल ने बताया, "डीएनए मिलान एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें 72 घंटे तक लग सकते हैं। हम इसे यथासंभव तेजी से कर रहे हैं, लेकिन सटीकता के लिए कोई समझौता नहीं कर सकते।" स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) और नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) की टीमें रात-दिन काम कर रही हैं। परिजनों की व्यथा को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने शनिवार से पत्रकारों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया, क्योंकि कुछ परिवारों ने मीडिया की मौजूदगी से असहजता जताई थी।
हादसे ने कई परिवारों को पूरी तरह तबाह कर दिया। 15 वर्षीय आकाशभाई सूरजभाई पटानी, जो अपनी मां के चाय के ठेले के पास सो रहा था, तत्काल आग में झुलसकर मर गया, जबकि उसकी मां सिताबेन गंभीर रूप से घायल हैं। सैकड़ों परिजन सिविल अस्पताल के बाहर अपने प्रियजनों की पहचान की प्रतीक्षा में हैं। रफीक अब्दुल हाफिज मेमन, जिन्होंने अपने चार रिश्तेदारों को खोया, ने कहा, "हमने अपने बच्चे खो दिए। हमें कोई जवाब नहीं मिल रहा। कृपया हमें बताएं कि उनके शव कब मिलेंगे।"
22 वर्षीय इरफान, एक केबिन क्रू मेंबर, अपने परिवार का गौरव था। उसके पिता ने शव देखकर कहा, "मैंने पूरी जिंदगी धर्म का पालन किया, फिर मेरे बेटे को यह सजा क्यों?" एक अन्य परिवार ने अपने बेटे की पहचान एक छोटे से सोने के पेंडेंट से की।
विमान का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) दुर्घटना के 28 घंटे बाद एक इमारत की छत से बरामद हुआ, जो जांच के लिए महत्वपूर्ण है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा, "यह जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है।" कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर अभी तक नहीं मिला है। विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि इंजन की खराबी, विंग फ्लैप्स की गलत सेटिंग या पायलट त्रुटि संभावित कारण हो सकते हैं।
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) और ब्रिटिश एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच के सहयोग से जांच शुरू कर दी है। बोइंग ने भी अपनी तकनीकी सहायता की पेशकश की है। यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है, जिसने इसके 16 साल के संचालन इतिहास में पहली बार सवाल उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हादसास्थल का दौरा किया और इसे "हृदयविदारक" बताया। उन्होंने कहा, "मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।" राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक व्यक्त किया। शाह ने विश्वास रमेश से मुलाकात की और कहा, "यह एक दुर्घटना है, जिसे कोई नहीं रोक सकता।"
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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और ब्रिटिश किंग चार्ल्स ने भी शोक जताया। टाटा ग्रुप, जो एयर इंडिया का मालिक है, ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये और विश्वास रमेश को 25 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की।
सोशल मीडिया पर ‘एक्स’ पर इस हादसे ने व्यापक चर्चा छेड़ दी। @NabiRazaKhan1 ने लिखा, "पायलट का आखिरी मैसेज दिल दहलाने वाला है।" @maktoobhindi ने मृतकों की संख्या 270 बताई।
यह हादसा भारत में तीन दशकों का सबसे बड़ा विमान हादसा है। इससे पहले 1988 में अहमदाबाद में इंडियन एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें 130 लोग मारे गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि विमानन मंत्रालय, डीजीसीए, और एयरलाइंस को सुरक्षा मानकों को और सख्त करना होगा। डीजीसीए ने एयर इंडिया के सभी 34 बोइंग 787 विमानों की विशेष जांच के आदेश दिए हैं।
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