Hardoi: सरकारी धान खरीद में किसान दलालों से परेशान, भ्रष्ट कर्मी हटाए जाएं- हर्ष वर्धन सिंह
सरकारी धान खरीद के लिए 50 दिन पहले कराए गए रजिस्ट्रेशन के बावजूद भी किसानों को टोकन नहीं दिया जा रहा है और वह अपना धान ₹1500 तक
हरदोई(अम्बरीष कुमार सक्सेना)
सरकारी धान खरीद के लिए 50 दिन पहले कराए गए रजिस्ट्रेशन के बावजूद भी किसानों को टोकन नहीं दिया जा रहा है और वह अपना धान ₹1500 तक देने के लिए मजबूर हैं। मंडी समिति हरदोई में संचालित सरकारी धान क्रय केंद्रों में नियुक्त कर्मचारी मनोज शर्मा, धर्मेंद्र और ए आर कोऑपरेटिव की भ्रष्टाचार रवैया के चलते किसान अपना धान क्रय केदो पर नहीं बेंच पा रहा है जिलाधिकारी से इन्हें हटाए जाने की मांग और वास्तविक किसान द्वारा धान खरीदा जा सके ,इस ओर जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित करते हुए अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री एवं स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत समन्वयक हर्षवर्धन सिंह ने प्रार्थना पत्र दिया है।
जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में हर्षवर्धन सिंह और शिव सेवक गुप्ता ने बताया है कि मनोज शर्मा व धर्मेन्द्र 15 वर्षों से हरदोई में नियुक्त हैं जो किसान ₹200 प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भुगतान देने तैयार होते हैं उनका धान तौला जाता है अन्यथा सात से आठ दिन तक वहीं वाहन खड़े रखने पड़ते हैं। इनके प्रभावित व्यक्तियों से संबंध हैं और भय दिखाकर लोगों को धमकाते हैं रजिस्ट्रेशन कराए 40 से 50 दिन हो चुके हैं, किसान अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं, क्योंकि अतिरिक्त न देने पर टोकन ही नहीं देते हैं।
किसानों द्वारा कराए गए पंजीकरण के दिनाँक के आधार पर टोकन व्यवस्था लागू की जाए, ताकि जिन किसानों का पंजीकरण 30 से 50 दिन पूर्व हुआ है और वे किसान जो इन दोनों कर्मचारियों की घूस न देने के कारण अपना धान नहीं तौला सके हैं उन्हें भी धान बेचने का अवसर मिल सके।जनपद में नियुक्त ए.आर. सहकारिता व खाद्य एवं रसद विभाग के कर्मचारी मनोज शर्मा व धर्मेन्द्र के कारण पूरे जिले में किसान परेशान व अपने को ठगा महसूस कर रहा है। ये दोनों व्यक्ति जिला प्रशासन व सरकार की छवि खराब करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं।ए.आर. सहकारिता द्वारा साधन सहकारी समितियों के केन्द्र मोटी रकम लेकर दलालों को बेच दिए गए। उन पर नियुक्त सचिव नाम मात्र के कर्मचारी हैं। आदेश उन दलालों का चलता है जिनको केन्द्र बेच दिए जाते हैं।किसानों का पंजीकरण होने के बावजूद धान खरीद में बड़े पैमाने पर फर्जी पंजीकरण कराए गए, जो 7–8 वर्षों से होते आ रहे हैं। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित केन्द्रों पर मात्र दो से तीन हजार क्विंटल खरीद हुई है, जिसमें कि मात्र 200–300 क्विंटल ही किसान का धान खरीदा गया है। शेष फर्जी अंगूठे लगाए गए हैं, जिसका सत्यापन ग्रामीण जनता से किया जा सकता है।किसी भी प्रकार से जब किसान का धान गाँव में स्थित उसके निकट के केन्द्र पर नहीं खरीदा जाता है तो वह परेशान होकर हरदोई मंडी स्थित केन्द्र पर आता है। वहाँ उस व्यवस्था में लगे कर्मचारी मनोज शर्मा व धर्मेन्द्र 200 रुपये प्रति क्विंटल की मांग करते हैं। इस मौके पर मुख्य रूप से अंकित गुप्ता एडवोकेट, शिवसेना गुप्ता एडवोकेट उपस्थित रहे।
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