Hathras : कोहरे में रोडवेज बसों की खराब बैक लाइटें बढ़ा रहीं हादसों का खतरा
हाथरस डिपो की करीब 10 बसों की बैक लाइटें खराब बताई जा रही हैं। कोहरे में जब दृश्यता बेहद कम हो जाती है, ऐसे में पीछे की लाइटें न जलने से पीछे से आने
हाथरस। घने कोहरे के बीच रोडवेज बसों में खराब बैक लाइटें यात्रियों और सड़क सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही हैं। नियमों के अनुसार बसों के पीछे कुल छह लाइटें लगी होती हैं, लेकिन इनमें से कई लाइटों में पानी भर जाने के कारण वे अक्सर खराब हो जाती हैं। इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे हादसों की आशंका बढ़ जाती है।
जानकारी के अनुसार हाथरस डिपो की करीब 10 बसों की बैक लाइटें खराब बताई जा रही हैं। कोहरे में जब दृश्यता बेहद कम हो जाती है, ऐसे में पीछे की लाइटें न जलने से पीछे से आने वाले वाहन समय पर ब्रेक नहीं लगा पाते। इससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है। डिपो की कार्यशाला में मरम्मत के अभाव में कई बसें पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पा रही हैं। मजबूरी में ऑफ रूट खड़ी बीएस-4 बसों से बैक लाइट निकालकर अन्य बसों में लगाई जा रही हैं, ताकि बसों का संचालन प्रभावित न हो, लेकिन यह व्यवस्था स्थायी समाधान नहीं मानी जा रही।
हाथरस डिपो के प्रभारी एआरएम मंगेश कुमार का कहना है कि कोहरे में बैक लाइट और रिफ्लेक्टर का सही होना बेहद जरूरी है। विशेष रूप से हाईवे और लंबे रूट पर चलने वाली बसों में यदि पीछे की लाइटें काम नहीं करेंगी तो दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। किन बसों में बैक लाइट खराब हैं, इसकी जानकारी फोरमैन से ली जाएगी और किसी भी हालत में खराब लाइट के साथ बस सड़क पर नहीं भेजी जाएगी।
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