'मुझे रेप-हत्या की धमकियाँ मिलती हैं, सिर्फ बेटी होने के कारण', इशिता सेंगर का खुला पत्र, उन्नाव रेप केस पर SC के फैसले के बाद कुलदीप सेंगर की बेटी ने दर्द बयां किया
कई बार उन्हें कहा गया कि वे रेप का शिकार होनी चाहिए या मार दी जानी चाहिए, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी हैं। यह घृणा इतनी लगातार और निर्दयी है कि इस
- "थकी, डरी और विश्वास खोती बेटी": इशिता सेंगर का दिल छू लेने वाला खुला पत्र, SC के फैसले के बाद 8 साल का दर्द उजागर
- "8 साल की चुप्पी टूटी, अब भरोसा डगमगा रहा": कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता ने SC रोक के बाद लिखा भावुक पत्र, मांगी निष्पक्ष न्याय
उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। 29 दिसंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर जमानत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया कि कुलदीप सिंह सेंगर को इस केस में रिहा नहीं किया जाएगा।
बेंच ने कहा कि सामान्य रूप से सजा निलंबित होने पर रिहाई पर रोक नहीं लगाई जाती, लेकिन इस मामले में विशेष परिस्थितियां हैं क्योंकि दोषी एक अन्य आपराधिक मामले में भी सजा काट रहा है। कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब मांगा, साथ ही अगली सुनवाई जनवरी के अंतिम सप्ताह में तय की गई। इस फैसले के बाद कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी डॉ. इशिता सेंगर ने एक भावुक खुला पत्र साझा किया। इशिता ने लिखा कि वह एक ऐसी बेटी के रूप में यह पत्र लिख रही हैं जो थक चुकी है, डरी हुई है और धीरे-धीरे विश्वास खो रही है, लेकिन फिर भी उम्मीद नहीं छोड़ रही क्योंकि कोई अन्य रास्ता नहीं बचा है।
उन्होंने बताया कि पिछले आठ सालों से उनका परिवार चुपचाप इंतजार कर रहा है। परिवार ने कानून और संविधान पर भरोसा किया था कि अगर वे सब कुछ सही तरीके से करेंगे तो सच सामने आ जाएगा। लेकिन अब यह विश्वास टूटता हुआ महसूस हो रहा है। इशिता ने पत्र में कहा कि बिना पूरी बात सुने पूरे परिवार को दोषी मान लिया जाता है और सच शोर-शराबे में दब जाता है। उन्होंने लिखा कि पिछले आठ सालों में उन्हें और उनके परिवार को लगातार ऑनलाइन दुर्व्यवहार, धमकियां और अपमान का सामना करना पड़ा है।
कई बार उन्हें कहा गया कि वे रेप का शिकार होनी चाहिए या मार दी जानी चाहिए, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी हैं। यह घृणा इतनी लगातार और निर्दयी है कि इससे उनके अंदर कुछ टूटता हुआ महसूस होता है। उन्होंने कहा कि लोग उन्हें जीने लायक भी नहीं मानते। इशिता ने जोर देकर कहा कि वे कोई विशेष छूट या सहानुभूति नहीं मांग रही हैं, बल्कि सिर्फ इतना चाहती हैं कि कानून बिना डर के काम करे, सबूतों की जांच बिना दबाव के हो और सच को सच माना जाए, भले वह अलोकप्रिय क्यों न हो।
To
The Hon’ble Authorities of the Republic of India,
I am writing this letter as a daughter who is exhausted, frightened, and slowly losing faith, but still holding on to hope because there is nowhere else left to go.
For eight years, my family and I have waited. Quietly.… — Dr Ishita Sengar (@IshitaSengar) December 29, 2025
उन्होंने लिखा कि परिवार आर्थिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से पूरी तरह थक चुका है, लेकिन फिर भी वे चुप रहे क्योंकि उन्हें लगा कि सच अपने आप उजागर हो जाएगा। इशिता ने कहा कि वे अब भी इस देश पर विश्वास करती हैं और आशा करती हैं कि न्याय मिलेगा, ताकि उन्हें इस विश्वास पर पछतावा न हो। यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद साझा किया गया, जिसमें परिवार की पीड़ा और न्याय व्यवस्था पर बढ़ते संदेह को व्यक्त किया गया है।
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