'हम भी इंसान हैं'- SC से झटके के बाद कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या ने उठाए न्याय पर सवाल, कहा- परिवार को दरिंदा न बनाएं

उन्होंने कहा कि इन विरोधाभासों पर कार्यवाही के दौरान ध्यान नहीं दिया गया। ऐश्वर्या ने कहा कि उनका परिवार लगातार ट्रोलिंग और नफरत का सामना कर रहा है, जबकि अदालत

Dec 30, 2025 - 00:15
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'हम भी इंसान हैं'- SC से झटके के बाद कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या ने उठाए न्याय पर सवाल, कहा- परिवार को दरिंदा न बनाएं
'हम भी इंसान हैं'- SC से झटके के बाद कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या ने उठाए न्याय पर सवाल, कहा- परिवार को दरिंदा न बनाएं
  • "पक्ष सुना ही नहीं गया": ऐश्वर्या सेंगर का दर्द, पीड़िता के बयान बदलने पर सवाल उठाते हुए परिवार की पीड़ा जाहिर की
  • "8 साल से ट्रोलिंग और नफरत झेल रहे हैं": कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या ने कहा- केस राजनीतिक साजिश, तथ्यों पर हो सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 23 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत दी गई थी और उनकी उम्रकैद की सजा निलंबित की गई थी। 2017 के इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया था और भारतीय दंड संहिता तथा पॉक्सो एक्ट के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई थी। केस में पीड़िता नाबालिग थी और वह नौकरी की मांग करने आई थी। मामले ने पूरे देश में बड़ा आक्रोश पैदा किया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कुलदीप सिंह सेंगर की रिहाई पर फिलहाल रोक लग गई है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर इस केस में रिहा नहीं होगा। बेंच ने विशेष परिस्थितियों का हवाला दिया क्योंकि दोषी एक अन्य आपराधिक मामले में भी सजा काट रहा है।

कोर्ट ने नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब मांगा, अगली सुनवाई जनवरी के अंतिम सप्ताह में होगी। इस फैसले के बाद कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने न्याय व्यवस्था और समाज के व्यवहार पर सवाल उठाए। ऐश्वर्या ने कहा कि उनका परिवार कोई दरिंदा नहीं है, बल्कि अपना पक्ष रखने का हकदार है। उन्होंने हाथ जोड़कर अपील की कि पूरे परिवार को हत्यारा और दरिंदा कहकर पेश किया जा रहा है, जबकि वे भी इंसान हैं। ऐश्वर्या ने कहा कि इस प्रकरण से उनकी पढ़ाई, करियर और सामाजिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

ऐश्वर्या ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में उनके पक्ष को पर्याप्त मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके वकीलों को मामले के मेरिट पर बहस करने की इजाजत नहीं दी गई। ऐश्वर्या ने पीड़िता के बयान में बदलाव का जिक्र किया, जिसमें घटना का समय कभी 2 बजे, कभी 6 बजे और बाद में 8 बजे बताया गया।

उन्होंने कहा कि इन विरोधाभासों पर कार्यवाही के दौरान ध्यान नहीं दिया गया। ऐश्वर्या ने कहा कि उनका परिवार लगातार ट्रोलिंग और नफरत का सामना कर रहा है, जबकि अदालत में लड़ना उनका संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने दावा किया कि यह केस साजिश था और राजनीतिक फायदे के लिए खड़ा किया गया। ऐश्वर्या ने कहा कि पीड़िता के परिवार और उनसे जुड़े लोगों ने मीडिया और राजनीति का इस्तेमाल कर सेंगर परिवार को राक्षस के रूप में स्थापित कर दिया, जबकि अदालत में उनके पक्ष की पूरी सुनवाई नहीं हुई।

ऐश्वर्या ने कहा कि परिवार सिर्फ इतना चाहता है कि केस की सुनवाई तथ्यों के आधार पर हो और उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका मिले, न कि सोशल मीडिया ट्रायल के आधार पर फैसला हो। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में उनके पिता की छवि महिला विरोधी और वहशी के रूप में बनाई गई, जबकि वे खुद बचपन से उन्हें जिम्मेदार पिता और जनप्रतिनिधि के रूप में देखती आई हैं।

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