जैसलमेर- स्वतंत्रता दिवस 2025 पर भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ जवानों ने तिरंगा लहराकर मनाया आजादी का जश्न। 

Independence Day 2025: भारत ने अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के...

Aug 16, 2025 - 17:19
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जैसलमेर- स्वतंत्रता दिवस 2025 पर भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ जवानों ने तिरंगा लहराकर मनाया आजादी का जश्न। 
जैसलमेर- स्वतंत्रता दिवस 2025 पर भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ जवानों ने तिरंगा लहराकर मनाया आजादी का जश्न। 

भारत ने अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने एक अनोखे अंदाज में आजादी का पर्व मनाया। जवानों ने एक हाथ में तिरंगा और दूसरे हाथ में हथियार थामकर सीमा पर गश्त की और देशभक्ति का जज्बा दिखाया। 471 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 122 चौकियों पर तिरंगा फहराया गया। जैसलमेर के तनोट सीमा चौकी और लोंगेवाला क्षेत्र में जश्न का माहौल रहा, जहां बीएसएफ जवानों ने तिरंगा यात्रा निकाली और भारत माता की जय के नारे लगाए। यह नजारा देश के लिए गर्व का क्षण था, क्योंकि जवानों ने कठिन परिस्थितियों में भी देश की रक्षा के साथ-साथ आजादी के उत्सव को यादगार बनाया।

जैसलमेर, जो भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है, हमेशा से रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा है। इस बार स्वतंत्रता दिवस से पहले बीएसएफ ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 11 से 17 अगस्त तक ‘ऑपरेशन अलर्ट’ शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य सीमा पर किसी भी तरह की घुसपैठ, तस्करी या संदिग्ध गतिविधि को रोकना था। ऑपरेशन अलर्ट के तहत जवानों ने ऊंटों से गश्त, पैदल पेट्रोलिंग, और ड्रोन निगरानी को बढ़ाया। अस्थायी चौकियां स्थापित की गईं और खुफिया एजेंसियों के साथ रीयल-टाइम समन्वय बनाए रखा गया। इस सख्त निगरानी के बीच, जवानों ने स्वतंत्रता दिवस को उत्साह के साथ मनाया, जो उनकी देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक था।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जैसलमेर के तनोट सीमा चौकी पर बीएसएफ के कार्यवाहक कमांडेंट इंद्रेश कुमार यादव ने तिरंगा फहराया। इसके बाद जवानों ने तनोटराय माता मंदिर परिसर में जाकर प्रार्थना की और देश की एकता और अखंडता के लिए आशीर्वाद मांगा। तनोट माता मंदिर, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान चमत्कारी कहानियों के लिए प्रसिद्ध है, बीएसएफ जवानों के लिए आस्था का केंद्र है। इस मंदिर के पास ही जवानों ने तिरंगा यात्रा निकाली, जिसमें पुरुष और महिला जवान दोनों शामिल थे। यह यात्रा हनुमान सर्किल से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गों से गुजरी, जिसने स्थानीय लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई।

जैसलमेर की 471 किलोमीटर लंबी सीमा पर फैली 122 चौकियों पर तिरंगा फहराया गया, और हर चौकी पर जवानों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। इस दौरान स्थानीय लोग भी उत्सव में शामिल हुए। बीएसएफ के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौड़ ने तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य न केवल स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाना है, बल्कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को बढ़ावा देना भी है। इस अभियान के तहत सीमावर्ती गांवों में लोगों को तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित किया गया। स्थानीय निवासियों ने जवानों के साथ कदम से कदम मिलाकर तिरंगा यात्रा में हिस्सा लिया और देशभक्ति के गीत गाए।

इस बार स्वतंत्रता दिवस से पहले जैसलमेर में सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई थी। 8 अगस्त 2025 को लोंगेवाला क्षेत्र में एक संदिग्ध ड्रोन मिला था, जिसे बीएसएफ ने अपने कब्जे में लिया। इस ड्रोन की जांच चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे कहां से और किस उद्देश्य से उड़ाया गया था। बीएसएफ को संदेह है कि यह ड्रोन पाकिस्तान की ओर से जासूसी के लिए भेजा गया हो सकता है। इसके अलावा, हाल ही में डीआरडीओ गेस्ट हाउस के एक मैनेजर को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया था, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी थी। इन घटनाओं के बाद बीएसएफ ने सीमा पर निगरानी को और सख्त कर दिया।

जैसलमेर का रेगिस्तानी इलाका प्राकृतिक रूप से चुनौतीपूर्ण है। तेज गर्मी, रेत के टीले, और धूल भरी आंधियां जवानों के लिए गश्त को मुश्किल बनाती हैं। फिर भी, बीएसएफ के जवान दिन-रात सीमा की रक्षा में तैनात रहते हैं। ऑपरेशन अलर्ट के दौरान ऊंटों से गश्त को बढ़ाया गया, क्योंकि यह रेगिस्तानी इलाकों में प्रभावी साबित होता है। इसके साथ ही, ड्रोन और हवाई निगरानी के जरिए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई। जवानों ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया और स्वतंत्रता दिवस के उत्सव को यादगार बनाया।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जैसलमेर में देशभक्ति का माहौल चरम पर था। बीएसएफ जवानों ने न केवल तिरंगा फहराया, बल्कि स्थानीय स्कूलों और गांवों में भी तिरंगा वितरित किया ताकि लोग अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकें। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत 13 से 15 अगस्त तक कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें देशभक्ति गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और जवानों के साथ बातचीत के सत्र शामिल थे। स्थानीय लोगों ने जवानों की हिम्मत और समर्पण की सराहना की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे जवान सीमा पर दिन-रात हमारी रक्षा करते हैं। उनके साथ तिरंगा यात्रा में शामिल होना गर्व की बात है।”

सोशल मीडिया पर भी जैसलमेर के जवानों की देशभक्ति की तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल हुए। एक एक्स पोस्ट में बीएसएफ के कार्यवाहक कमांडेंट इंद्रेश कुमार यादव ने कहा, “हमने सभी सीमावर्ती जिलों में तिरंगा फहराया। 13 अगस्त को तिरंगा यात्रा निकाली गई ताकि स्थानीय लोगों में सुरक्षा और देशभक्ति की भावना बढ़े।” इस पोस्ट को हजारों लोगों ने पसंद किया और जवानों की हिम्मत की तारीफ की। एक अन्य यूजर ने लिखा, “जैसलमेर के जवान हमारी शान हैं। एक हाथ में तिरंगा और दूसरे में हथियार लेकर वे देश की रक्षा कर रहे हैं।”

जैसलमेर की सीमा पर 1971 के भारत-पाक युद्ध की यादें आज भी जीवित हैं। लोंगेवाला की लड़ाई, जिसमें बीएसएफ और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी, आज भी जवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस क्षेत्र में तनोट माता मंदिर और लोंगेवाला युद्ध स्मारक पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इन स्थानों पर भी विशेष आयोजन किए गए, जहां जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

इस उत्सव के बीच, बीएसएफ ने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। जवानों ने यह भी सुनिश्चित किया कि सीमा पर रहने वाले लोग सुरक्षित महसूस करें। एक बीएसएफ अधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल सीमा की रक्षा करना है, बल्कि स्थानीय लोगों में विश्वास पैदा करना भी है।” इस तरह के प्रयासों ने जैसलमेर के लोगों और जवानों के बीच एक मजबूत रिश्ता बनाया है।

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